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नई दिल्ली। कालेधन पर प्रहार करते हुए 500 और 1000 रुपए के नोट बंद करने के बाद अब सरकार ने सर्जिकल स्ट्राइक पार्ट 2 शुरू करते हुए बेनामी संपत्तियों की जांच शुरू कर दी है।
खबरों के अनुसार सरकार ने फिलहाल 200 टीमों का गठन किया है जो देशभर में बेनामी संपत्तियों का कच्चा चिट्ठा खोलकर इनकी जांच करेंगी। इनमें खासतौर पर कमर्शियल प्लॉट्स, हाईवे के किनारे की जमीने और औद्योगिक जमीनें शामिल हैं। टीम अभी संदेह के आधार पर जांच कर रही है और जो लोग बेनामी संपत्ति के मालिक पाए गए उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
यह है बेनामी संपत्तियां
- बेनामी का मतलब है बिना नाम के प्रॉपर्टी लेना। इस ट्रांजैक्शन में जो आदमी पैसा देता है वो अपने नाम से प्रॉपर्टी नहीं करवाता है। जिसके नाम पर ये प्रॉपर्टी खरीदी जाती है उसे बेनामदार कहा जाता है।
- इस तरह खरीदी गई प्रॉपर्टी को बेनामी प्रॉपर्टी कहा जाता है। इसमें जो व्यक्ति पैसे देता है घर का मालिक वही होता है। ये प्रॉपर्टी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष दोनों तरीकों से पैसे देने वाले का फायदा करती है।
किससे बनती है बेनामी प्रॉपर्टी?
- जो प्रॉपर्टी इन मानकों पर खरी नहीं उतरती है-जो प्रॉपर्टी पत्नी और बच्चों के नाम पर खरीदी गई हो। इसके लिए पैसा आय के अज्ञात स्रोत से दिया गया हो।
- आय के अज्ञात स्रोत से भाई या बहन या रिश्तेदार के नाम पर ली गई प्रॉपर्टी
किसी और विश्वासपात्र के नाम पर खरीदी गई प्रॉपर्टीइसका मतलब है कानून के मुताबिक अगर आप अपने माता पिता के नाम पर प्रॉपर्टी लेते हैं तो ये भी बेनामी ही कही जाएगी। सरकार ने अगस्त में संसद में बेनामी ट्रांजैक्शन एक्ट पास किया है। इस कानून से कुछ धार्मिक ट्रस्ट ही बाहर हैं।
क्या बेनामी ट्रांजैक्शन नहीं है?
- आय के ज्ञात स्रोत से बच्चों और पत्नी के नाम पर खरीदी गई प्रॉपर्टी
- आय के ज्ञात स्रोत से भाई, बहन या किसी रिश्तेदार के नाम पर खरीदी गई प्रॉपर्टी
- किसी विश्वासपात्र के नाम खरीदी गई प्रॉपर्टी।
- इसमें ट्रांजैक्शन किसी ट्रस्टी की तरफ से किया गया हो।
- बेनामी ट्रांजैक्शन में क्या-क्या आ सकता है?
- इसमें चल-अचल संपत्ति, कोई अधिकार या कोई कानूनी डॉक्यूमेंट भी हो सकता है। सोना और शेयर भी बेनामी संपत्ति में आ सकते हैं।
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