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देश से पुराने 500 और 1000 के नोट बंद कर दिए जाने के बाद नए 500 और 2000 नोटों का प्रचलन शूरू हो चूका है. जिसे मौजूदा समय में बैंको और एटीएम से मिल सकेंगे. लेकिन कई लोगों के मन में यह सवाल उत्पन्न हो रही होगी कि आखिर सरकार इन पुराने नोटों को क्या करेगी. तो आपको बता दें कि आपके पुराने नोट जो बैंको में जमा किए जा रहे हैं ये बर्बाद नहीं होंगे. बल्कि कानपुर जोन सहित अन्य जिलों से पांच और एक हजार रुपए के नोटों को आरबीआई की शाखा में लाने के बाद इसका भी दुसरे तरीके से इस्तमाल किया जा सकेगा.
आपको बता बता दें कि इन पुराने नोटों को आरबीआई की शाखा में लाने के बाद इन्हें एक मशीन की जरिए कुतर कर महीन-महीन टुकड़ो में तब्दील कर दिया जायेगा. उसके बाद नोटों के इन टुकड़ो को बड़े-बड़े ड्रमों में गलाया जाएगा. जिसे कई कारीगर मिलकर इन्हें एक ईंट के रूप में परिवर्तित कर देंगे. फिर इन तैयार ईटों को शहर की सड़कों और सरकारी कार्यालय में लगाने के लिए आरबीआई द्वारा बेच दिया जाएगा.
आरबीआई से जुड़े सूत्रों की माने तो देश में 1650 हजार की संख्या में 1000 के और 6280 लाख की संख्या में 500 नोटों को गलाकर ईंट तैयार करवाया जाएगा.
इस मामले में आरबीआई के एक अधिकारी का यह कहना है कि इससे पहले वर्ष 1978 में भी नोटों को भी गलाया गया था, लेकिन उसे नोटों को गलने के बाद खाद्य बनाकर किसानों में फ्री में बांट दिया गया था. कहा जा रहा है कि नोटों को गलाकर ईंट में ढालने की प्रक्रिया को आरबीआई गोपनीय रखेगी.
साथ ही इस काम में करीब तीन दर्जन कर्मी लगेंगे. जिन्हें इस कार्य के लिए प्रक्षिशित किया जाएगा. कुछ सूत्रों का कहना है कि कानपुर आरबीआई की शाखा में बैंगलुरु से कुछ कर्मियों बुलाया भी जा चूका है.
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