Toc News
दिनांक 9 जून 2016 को साजपानी निवासी संतोष सिहोसे ने थाना धनौरा में रिपोर्ट किया था कि उसकी मां श्रीमती रमलिया बाई 70 साल दिनांक 4 जून 2016 को बगैर बताए कहीं चली गई है । इस सूचना पर पुलिस द्वारा गुम इंसान का प्रकरण कायम कर जाँच की गई।
लगातार रामलिया बाई को तलाशने के बाद भी ना मिलने पर तथा श्रीमती रमलिया बाई का मोबाइल फोन लगातार स्विच ऑफ होने पर रमलिया बाई के पुत्र संतोष सिहोसे के ऊपर शंका होने सख्ती से पूछताछ की गई तो संतोष सिहोसे ने कुबूल किया कि उसने अपनी मां रमलिया बाई को दिनांक 3 जून 2016 की रात्रि में अपनी पत्नी सोमती बाई के साथ मिलकर पत्थर की सिल् की लूडिया से सिर में चोट पहुंचाकर एवं गला दबाकर हत्या कर दी है तथा लाश को पहले अपने खेत के पास बने कुएं में जेसीबी से रैंप खुदवाकर गड्ढा बनवाकर उसमें गड़ा दिया ।
बाद में इसकी बहनों द्वारा इसको डराने धमकाने की बात कहने पर लाश को गड्ढे में से निकालकर दो भागों में काटकर व बैग में छिपाकर छपारा वैनगंगा नदी में फेंक देना बताया ।आरोपी संतोष सिहोसे अपनी मां की नाम की 11 एकड़ जमीन को हड़पना चाहता था । इसकी मां रमलिया बाई अपनी जमीन अपनी तीन बेटियों के नाम करना चाहती थी और इसकी भनक लड़के व बहू को लग गई थी । इस कारण योजना बनाकर संतोष सिहोसे एवं इसकी पत्नी सोमती भाई ने रमलिया बाई की हत्या कर लाश को ठिकाने लगाया । दोनों आरोपियों को हिरासत में लिया गया है तथा बारीकी से पूछताछ की जा रही है ।
इस जघन्य हत्याकांड को सुलझाने के लिए अनुविभागीय अधिकारी पुलिस घंसौर जेपी वर्मा के नेतृत्व में थाना प्रभारी धनोरा श्री आर एस उइके, सहायक उपनिरीक्षक जमना जावरे ,प्रधान आरक्षक सफीउल्लाह, प्रधान रक्षक रामकिशोर विश्वकर्मा, महिला आरक्षक सीमा कुड़ापे, आरक्षक गणेश हनुमत, चंद्रकुमार चौधरी, सोनू ऊइके एवं थाना छपारा के आरक्षक अमर उईके की टीम गठित की गई थी । उक्त टीम ने लगातार सूझ-बूझ एवं वैज्ञानिक तरीके से पूछतांछ कर सफलता हासिल की है ।
पुलिस उपमहानिरीक्षक छिन्दवाड़ा श्री आर पी सिंह ने संपूर्ण टीम को नगद पुरस्कार से पुरस्कृत करने की घोषणा की है।
दिनांक 9 जून 2016 को साजपानी निवासी संतोष सिहोसे ने थाना धनौरा में रिपोर्ट किया था कि उसकी मां श्रीमती रमलिया बाई 70 साल दिनांक 4 जून 2016 को बगैर बताए कहीं चली गई है । इस सूचना पर पुलिस द्वारा गुम इंसान का प्रकरण कायम कर जाँच की गई।
लगातार रामलिया बाई को तलाशने के बाद भी ना मिलने पर तथा श्रीमती रमलिया बाई का मोबाइल फोन लगातार स्विच ऑफ होने पर रमलिया बाई के पुत्र संतोष सिहोसे के ऊपर शंका होने सख्ती से पूछताछ की गई तो संतोष सिहोसे ने कुबूल किया कि उसने अपनी मां रमलिया बाई को दिनांक 3 जून 2016 की रात्रि में अपनी पत्नी सोमती बाई के साथ मिलकर पत्थर की सिल् की लूडिया से सिर में चोट पहुंचाकर एवं गला दबाकर हत्या कर दी है तथा लाश को पहले अपने खेत के पास बने कुएं में जेसीबी से रैंप खुदवाकर गड्ढा बनवाकर उसमें गड़ा दिया ।
बाद में इसकी बहनों द्वारा इसको डराने धमकाने की बात कहने पर लाश को गड्ढे में से निकालकर दो भागों में काटकर व बैग में छिपाकर छपारा वैनगंगा नदी में फेंक देना बताया ।आरोपी संतोष सिहोसे अपनी मां की नाम की 11 एकड़ जमीन को हड़पना चाहता था । इसकी मां रमलिया बाई अपनी जमीन अपनी तीन बेटियों के नाम करना चाहती थी और इसकी भनक लड़के व बहू को लग गई थी । इस कारण योजना बनाकर संतोष सिहोसे एवं इसकी पत्नी सोमती भाई ने रमलिया बाई की हत्या कर लाश को ठिकाने लगाया । दोनों आरोपियों को हिरासत में लिया गया है तथा बारीकी से पूछताछ की जा रही है ।
इस जघन्य हत्याकांड को सुलझाने के लिए अनुविभागीय अधिकारी पुलिस घंसौर जेपी वर्मा के नेतृत्व में थाना प्रभारी धनोरा श्री आर एस उइके, सहायक उपनिरीक्षक जमना जावरे ,प्रधान आरक्षक सफीउल्लाह, प्रधान रक्षक रामकिशोर विश्वकर्मा, महिला आरक्षक सीमा कुड़ापे, आरक्षक गणेश हनुमत, चंद्रकुमार चौधरी, सोनू ऊइके एवं थाना छपारा के आरक्षक अमर उईके की टीम गठित की गई थी । उक्त टीम ने लगातार सूझ-बूझ एवं वैज्ञानिक तरीके से पूछतांछ कर सफलता हासिल की है ।
पुलिस उपमहानिरीक्षक छिन्दवाड़ा श्री आर पी सिंह ने संपूर्ण टीम को नगद पुरस्कार से पुरस्कृत करने की घोषणा की है।
No comments:
Post a Comment