ईसाई धर्म के लोग हर साल 25 दिसंबर को क्रिसमस Christmas (X mas) मनाते हैं। क्रिसमस को 'बड़ा दिन' भी कहा जाता है। बड़ा दिन इसलिए कहा जाता है कि क्योंकि इस दिन ईसाई धर्म के संस्थापक यीशु मसीह का जन्म हुआ था। क्रिसमस के दिन ईसाई समुदाय के लोग गिरजाघरों में इकठ्ठा होकर विशेष प्रार्थना करते हैं, नए कपड़े पहनते हैं, विशेष पकवान बनाते हैं और सबसे बड़ी बात जरूरतमंदों और गरीबों को खाना और अन्य जरूरी चीजें दान करते हैं। जन्म से लेकर मृत्यु तक यीशु मसीह का जीवन दुख और परेशानी में बीता था। यीशु मसीह के जन्मदिन पर हम उनके जन्म, नाम, माता-पिता, जन्म स्थान और उनसे जुड़ी अन्य जरूरी चीजों की जानकारी दे रहे हैं।
यीशु मसीह का जन्म
यीशु ममसीह का जन्म यरुशलम के बेथलहम (बैतलहम) में हुआ था। यरुशलम अब इजरायल देश की राजधानी है। यीशु मसीह की मां का नाम मरियम और पिता का नाम युसूफ है। ईसाई धर्म की पवित्र पुस्तक बाइबल की 'मत्ती' के अध्याय 2 के अनुसार, युसूफ के साथ संबंध बनाने से पहले ही मरियम पवित्र आत्मा से गर्भवती हुई थी। मरियम के गर्भवती होने की बात सुनकर युसूफ ने उससे मंगनी तोड़ने का फैसला किया था। एक स्वर्गदूत ने यूसुफ को सपने में दर्शन देकर कहा कि वह मरियम को अपना ले क्योंकि उसका गर्भ धारण पवित्र-आत्मा से है।
यीशु ममसीह का जन्म यरुशलम के बेथलहम (बैतलहम) में हुआ था। यरुशलम अब इजरायल देश की राजधानी है। यीशु मसीह की मां का नाम मरियम और पिता का नाम युसूफ है। ईसाई धर्म की पवित्र पुस्तक बाइबल की 'मत्ती' के अध्याय 2 के अनुसार, युसूफ के साथ संबंध बनाने से पहले ही मरियम पवित्र आत्मा से गर्भवती हुई थी। मरियम के गर्भवती होने की बात सुनकर युसूफ ने उससे मंगनी तोड़ने का फैसला किया था। एक स्वर्गदूत ने यूसुफ को सपने में दर्शन देकर कहा कि वह मरियम को अपना ले क्योंकि उसका गर्भ धारण पवित्र-आत्मा से है।
यीशु का नाम कैसे रखा गया
स्वर्गदूत ने सपने में युसूफ यह भी कहा कि वह शिशु का नाम यीशु रखे क्योंकि वह अपने लोगों का पाप से उद्धार करेगा। ऐसा माना जाता है कि यीशु मसीह के पैदा होने की भविष्यवाणी बहुत पहले हो गई थी। बाइबल के पुराने नियम के अनुसार, एक कुंवारी पुत्र को जन्म देगी और वह इम्मानुएल कहलाएगा जिसका अर्थ है, 'परमेश्वर हमारे साथ है।'
स्वर्गदूत ने सपने में युसूफ यह भी कहा कि वह शिशु का नाम यीशु रखे क्योंकि वह अपने लोगों का पाप से उद्धार करेगा। ऐसा माना जाता है कि यीशु मसीह के पैदा होने की भविष्यवाणी बहुत पहले हो गई थी। बाइबल के पुराने नियम के अनुसार, एक कुंवारी पुत्र को जन्म देगी और वह इम्मानुएल कहलाएगा जिसका अर्थ है, 'परमेश्वर हमारे साथ है।'
यीशु के जन्म से भयभीत था राजा हेरोदेस
उस दौरान यहूदियों का राजा हेरोदेस था। भविष्यवाणी के अनुसार, यीशु के जन्म की खबर ज्योतिषियों को हुई और वे यरूशलेम में आकर पूछने लगे कि यहूदियों का राजा का जन्म कहां हुआ है? इस बात का राजा हेरोदेस को पता चल गया। यह खबर सुनकर वो घबरा गया। उसे अपने गद्दी जाने का डर था। उसने तमाम शास्त्रियों को इकठ्ठा करके यीशु के जन्म स्थल का पता लगाने को कहा।
उस दौरान यहूदियों का राजा हेरोदेस था। भविष्यवाणी के अनुसार, यीशु के जन्म की खबर ज्योतिषियों को हुई और वे यरूशलेम में आकर पूछने लगे कि यहूदियों का राजा का जन्म कहां हुआ है? इस बात का राजा हेरोदेस को पता चल गया। यह खबर सुनकर वो घबरा गया। उसे अपने गद्दी जाने का डर था। उसने तमाम शास्त्रियों को इकठ्ठा करके यीशु के जन्म स्थल का पता लगाने को कहा।
तारे का पीछा करते यीशु के पास पहुंचे ज्योतिषी
बाइबल के अनुसार, ज्योतिषियों को यीशु के जन्म का एक तारे से पता चला जो पूर्व में नजर आया था, उसी का पीछा करते हुए वो पहले राजा हेरोदेस और फिर यीशु के पास पहुंचे थे। हालांकि वो बैतलहम में यीशु का दर्शन और उन्हें भेंट देकर अलग-अलग रास्तों से अपने देश पहुंच गए थे। वास्तव में वो राजा हेरोदेस को यीशु के जन्म स्थान की खबर नहीं देना चाहते थे।
बाइबल के अनुसार, ज्योतिषियों को यीशु के जन्म का एक तारे से पता चला जो पूर्व में नजर आया था, उसी का पीछा करते हुए वो पहले राजा हेरोदेस और फिर यीशु के पास पहुंचे थे। हालांकि वो बैतलहम में यीशु का दर्शन और उन्हें भेंट देकर अलग-अलग रास्तों से अपने देश पहुंच गए थे। वास्तव में वो राजा हेरोदेस को यीशु के जन्म स्थान की खबर नहीं देना चाहते थे।
यीशु की हत्या करना चाहता था राजा हेरोदेस
राजा हेरोदेस ने यीशु को खोजने की तमाम कोशिश की। लेकिन यूसुफ को सपने में चेतावनी दी गई कि वह यीशु और मरियम को लेकर मिस्र चला जाए क्योंकि हेरोदेस यीशु की हत्या करने की खोज में था। जब ज्योतिषी वापस राजा के पास नहीं लौटे तो उसने डर की वजह से बैतलहेम में दो वर्ष और दो वर्ष से कम आयु के सब लड़कों को मरवा दिया।
राजा हेरोदेस ने यीशु को खोजने की तमाम कोशिश की। लेकिन यूसुफ को सपने में चेतावनी दी गई कि वह यीशु और मरियम को लेकर मिस्र चला जाए क्योंकि हेरोदेस यीशु की हत्या करने की खोज में था। जब ज्योतिषी वापस राजा के पास नहीं लौटे तो उसने डर की वजह से बैतलहेम में दो वर्ष और दो वर्ष से कम आयु के सब लड़कों को मरवा दिया।
No comments:
Post a Comment