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भोपाल. मध्य प्रदेश में सरकार बदलते ही ई-टेंडरिंग घोटाले की जांच ने ज़ोर पकड़ लिया है. जानकारी के मुताबिक दिसंबर महीने के पहले हफ्ते में सीईआरटी यानि कि कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम ने 11 हार्डडिस्क में MPSEDC से डाटा ज़ब्त किया है.इस जांच के दायरे में प्रदेश के कई अफसर और कर्मचारी हैं.
सूत्रों की मानें तो EOW ने CERT से जांच करने का आग्रह किया था. CERT राष्ट्रीय स्तर पर कंप्यूटर और तकनीकी जांच के लिए नोडल जांच एजेंसी है जो केंद्र सरकार के अधीन काम करती है. पता चला है कि करीब 9 सरकारी टेंडर्स की जांच के लिए सीएस की ओर से EOW को जांच के लिए कहा गया था. ये सारे टेंडर तत्कालीन सरकार ने रद्द कर दिए थे. लेकिन शिकायत ये की गई थी कि इन डेंटर्स में मेनिपुलेशन किया गया है. इन टेंडरों की कीमत 3 हज़ार करोड़ से ऊपर है.
इस मामले में कांग्रेस का आरोप है कि घोटाला करीब 40 हज़ार करोड़ से ज़्यादा का है. इसकी परतें अब धीरे धीरे खुलेंगी. जिसने भी घोटाला किया है उससे वसूली भी की जाना चाहिए.बीजेपी का कहना है कि पिछली सरकार का इस ई टेंडरिंग घोटाले से कोई लेना देना नहीं है. जांच होगी तो दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा.
ई टेंडरिंग घोटाले की जांच तेज़
-इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम की जांच शुरू
-कंप्यूटर डाटा की फॉरेंसिक जांच करती है CERT
-MPSEDC के सर्वर से ज़ब्त किया गया डाटा
-CERT ने 11 हार्डडिस्क में ज़ब्त किया है डाटा
-EOW ने CERT से जांच के लिए किया था संपर्क
– सरकारी टेंडर्स में फर्ज़ीवाड़े की हो रही है जांच,
-सभी 9 टेंडर तत्कालीन सरकार ने किए थे रद्द
-गोपनीय तरीके से CERT कर रही है जांच
-कई सरकारी अधिकारी-कर्मचारी जांच के दायरे में.
-करीब 3000 करोड़ के घोटाले की आशंका
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