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कांग्रेस के पांच बागी जो इस बार निर्दलीय चुनाव लड़कर जीते हैं,वो पार्टी के संपर्क में हैं। ऐसे में कांग्रेस बहुमत के जादुई आंकड़े 116 से पार जाती दिख रही है। ...
भोपाल। वोटों की गिनती के बाद कांग्रेस 114 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर प्रदेश में उभरी है, लेकिन सरकार बनाने के लिए जरुरी 116 सीटों के जादुई आंकड़े से कांग्रेस भी दो कदम दूर है। हालांकि इसके बाद भी प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने देर रात ही राज्यपाल आनंदी बेन पटेल को चिठ्ठी लिखकर सरकार का दावा पेश किया है और मिलने के लिए वक्त मांगा है वहीं भाजपा के खाते में भी 109 सीटें आई हैं।
*कांग्रेस को 4 बागियों का साथ मिल रहा है*
ऐसे में निर्दलीय विधायक दोनों ही पार्टियों के लिए किंगमेकर की भूमिका निभा सकते हैं। यहां कांग्रेस का पलड़ा भारी नजर आ रहा है। क्योंकि इस बार के विधानसभा चुनाव में जिन 4 निर्दलीयों को जीत मिली है।वो चारों ही कांग्रेस के बागी हैं।और ऐसी खबरें भी सामने आ रही हैं कि ये चारों ही आज शाम कांग्रेस की होने वाली विधायक दल की बैठक में शामिल होंगे।ऐसे में कांग्रेस का सरकार बनाने का दावा ज्यादा मजबूत नजर आ रहा है।
इसके अलावा बसपा के दो और एक समाजवादी पार्टी के विधायक के समर्थन के बूते भी कांग्रेस सरकार बना सकती है। क्योंकि कांग्रेस आलाकमान की इन दोनों ही पार्टियों से समर्थन की बात हो चुकी है। ऐसे में कांग्रेस के पास बहमुत का आंकड़ा नजर आ रहा है।
शेरा भैया' की हुई सिंधिया से बात
कांग्रेस के लिए राहत की बात इसलिए भी है, क्योंकि बुरहानपुर से कांग्रेस के बागी ठाकुर सुरेंद्र सिंह( शेरा भैया) जो इस बार निर्दलीय लड़कर चुनाव जीते हैं। वो भी पार्टी के संपर्क में है। उनकी ज्योतिरादित्य सिंधिया से बातचीत हो रही है। ठीक इसी तरह खरगोन जिले की भगवानपुरा सीट से कांग्रेस के बागी केदार डावर को भी कांग्रेस हाईकमान ने भोपाल बुलाया है। इस बार पार्टी से टिकट नहीं मिलने की सूरत में वो बागी हो गए थे और मान-मनौव्वल की तमाम कोशिशों के बाद भी नहीं माने और निर्दलीय चुनावी मैदान में कूदे और जीत दर्ज की। उन्हें मनाने के लिए दिग्विजय सिंह ने फोन पर संपर्क साधा है। इसके बाद वो भी आज दोपहर 12 बजे भोपाल रवाना होने वाले हैं।
कांग्रेस के ये बागी भी पार्टी के साथ आएंगे
आपको बता दें कि डावर जिला पंचायत सदस्य भी हैं। इसके अलावा वारासिवनी सीट से लगातार तीन बार कांग्रेस के टिकट पर विधायक रहे प्रदीप जायसवाल भी पार्टी के साथ आते दिख रहे हैं। हालांकि वो इस बार निर्दलीय चुनाव जीते हैं। दरअसल पार्टी ने इस सीट से उनका टिकट काटकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साले संजय मसानी को टिकट दे दिया था। इसके बाद प्रदीप जायसवाल बागी हो गए और निर्दलीय ही चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया था। पार्टी ने उन्हें मनाने की बहुत कोशिश की। खुद कमलनाथ ने उन्हें समझाया। लेकिन इसके बाद भी वो नहीं माने और निर्दलीय चुनावी मैदान में उतरे और जीत दर्ज की। हालांकि अब वो कांग्रेस के साथ आते दिख रहे हैं। पार्टी आलाकमान उनके संपर्क में है और आज शाम होने वाली विधायक दल की बैठक में उनके शामिल होने की खबर है।
इसके अलावा सुसनेर सीट से कांग्रेस के बागी राणा विक्रम सिंह से भी पार्टी ने संपर्क साधा है। राऊ के विधायक जीतू पटवारी उनसे मिलने पहुंचे हैं। टिकट कटने के बाद राणा विक्रम सिंह इस बार निर्दलीय चुनाव लड़कर जीत दर्ज की है। ऐसे में कांग्रेस बहुमत के लिए जरुरी 116 के जादुई आंकड़े को छूती दिख रही है। इसके अलावा वीरेंद्र सिंह ने भी समर्थन देने की बात कही है।
कांग्रेस के पांच बागी जो इस बार निर्दलीय चुनाव लड़कर जीते हैं,वो पार्टी के संपर्क में हैं। ऐसे में कांग्रेस बहुमत के जादुई आंकड़े 116 से पार जाती दिख रही है। ...
भोपाल। वोटों की गिनती के बाद कांग्रेस 114 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर प्रदेश में उभरी है, लेकिन सरकार बनाने के लिए जरुरी 116 सीटों के जादुई आंकड़े से कांग्रेस भी दो कदम दूर है। हालांकि इसके बाद भी प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने देर रात ही राज्यपाल आनंदी बेन पटेल को चिठ्ठी लिखकर सरकार का दावा पेश किया है और मिलने के लिए वक्त मांगा है वहीं भाजपा के खाते में भी 109 सीटें आई हैं।
*कांग्रेस को 4 बागियों का साथ मिल रहा है*
ऐसे में निर्दलीय विधायक दोनों ही पार्टियों के लिए किंगमेकर की भूमिका निभा सकते हैं। यहां कांग्रेस का पलड़ा भारी नजर आ रहा है। क्योंकि इस बार के विधानसभा चुनाव में जिन 4 निर्दलीयों को जीत मिली है।वो चारों ही कांग्रेस के बागी हैं।और ऐसी खबरें भी सामने आ रही हैं कि ये चारों ही आज शाम कांग्रेस की होने वाली विधायक दल की बैठक में शामिल होंगे।ऐसे में कांग्रेस का सरकार बनाने का दावा ज्यादा मजबूत नजर आ रहा है।
इसके अलावा बसपा के दो और एक समाजवादी पार्टी के विधायक के समर्थन के बूते भी कांग्रेस सरकार बना सकती है। क्योंकि कांग्रेस आलाकमान की इन दोनों ही पार्टियों से समर्थन की बात हो चुकी है। ऐसे में कांग्रेस के पास बहमुत का आंकड़ा नजर आ रहा है।
शेरा भैया' की हुई सिंधिया से बात
कांग्रेस के लिए राहत की बात इसलिए भी है, क्योंकि बुरहानपुर से कांग्रेस के बागी ठाकुर सुरेंद्र सिंह( शेरा भैया) जो इस बार निर्दलीय लड़कर चुनाव जीते हैं। वो भी पार्टी के संपर्क में है। उनकी ज्योतिरादित्य सिंधिया से बातचीत हो रही है। ठीक इसी तरह खरगोन जिले की भगवानपुरा सीट से कांग्रेस के बागी केदार डावर को भी कांग्रेस हाईकमान ने भोपाल बुलाया है। इस बार पार्टी से टिकट नहीं मिलने की सूरत में वो बागी हो गए थे और मान-मनौव्वल की तमाम कोशिशों के बाद भी नहीं माने और निर्दलीय चुनावी मैदान में कूदे और जीत दर्ज की। उन्हें मनाने के लिए दिग्विजय सिंह ने फोन पर संपर्क साधा है। इसके बाद वो भी आज दोपहर 12 बजे भोपाल रवाना होने वाले हैं।
कांग्रेस के ये बागी भी पार्टी के साथ आएंगे
आपको बता दें कि डावर जिला पंचायत सदस्य भी हैं। इसके अलावा वारासिवनी सीट से लगातार तीन बार कांग्रेस के टिकट पर विधायक रहे प्रदीप जायसवाल भी पार्टी के साथ आते दिख रहे हैं। हालांकि वो इस बार निर्दलीय चुनाव जीते हैं। दरअसल पार्टी ने इस सीट से उनका टिकट काटकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साले संजय मसानी को टिकट दे दिया था। इसके बाद प्रदीप जायसवाल बागी हो गए और निर्दलीय ही चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया था। पार्टी ने उन्हें मनाने की बहुत कोशिश की। खुद कमलनाथ ने उन्हें समझाया। लेकिन इसके बाद भी वो नहीं माने और निर्दलीय चुनावी मैदान में उतरे और जीत दर्ज की। हालांकि अब वो कांग्रेस के साथ आते दिख रहे हैं। पार्टी आलाकमान उनके संपर्क में है और आज शाम होने वाली विधायक दल की बैठक में उनके शामिल होने की खबर है।
इसके अलावा सुसनेर सीट से कांग्रेस के बागी राणा विक्रम सिंह से भी पार्टी ने संपर्क साधा है। राऊ के विधायक जीतू पटवारी उनसे मिलने पहुंचे हैं। टिकट कटने के बाद राणा विक्रम सिंह इस बार निर्दलीय चुनाव लड़कर जीत दर्ज की है। ऐसे में कांग्रेस बहुमत के लिए जरुरी 116 के जादुई आंकड़े को छूती दिख रही है। इसके अलावा वीरेंद्र सिंह ने भी समर्थन देने की बात कही है।
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