राफेल-राम मंदिर पर लोकसभा में भारी हंगामा, राज्यसभा की कार्यवाही भी स्थगित |
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नई दिल्ली राफेल डील की जांच और कई मुद्दों पर चर्चा कराने की विपक्ष की मांग को लेकर गुरुवार को लोकसभा और राज्यसभा में जोरदार हंगामा हुआ। आखिर में सदन की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई। इससे पहले कार्यवाही दो बार स्थगित होने के बाद जैसे ही शुरू हुई
कांग्रेस, TDP और शिवसेना के सदस्य हंगामा और नारेबाजी करते हुए लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन के आसन के पास पहुंच गए। वहीं, संसद के ऊपरी सदन राज्यसभा की कार्यवाही गुरुवार सुबह शुरू होने के कुछ ही मिनट बाद दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई। लोकसभा में स्पीकर ने शिवसेना सदस्यों को शून्य काल के दौरान मुद्दे को उठाने की अनुमति दी। शिवसेना के आनंद राव अडसुल ने मांग की कि सरकार को अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए अगले आम चुनाव से पहले अध्यादेश लाना चाहिए।
अडसुल ने शून्यकाल के दौरान सदन में राम मंदिर का मुद्दा उठाते हुए कहा कि मौजूदा सरकार को साढ़े चार साल बीत गए और अब तक मंदिर को लेकर कोई पहल नहीं की गई। उन्होंने कहा कि पहले की बीजेपी सरकारें कई सहयोगी दलों पर निर्भर थीं, लेकिन इस सरकार के पास पूर्ण बहुमत है और उसे राम मंदिर पर विलंब नहीं करना चाहिए। जैसे ही अडसुल ने अपनी बात पूरी की। महाजन ने सदन की कार्यवाही को दिनभर के लिए स्थगित कर दिया।
इससे पहले सदस्यों के शोर-शराबे और नारेबाजी के कारण लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कार्यवाही पहले 11.20 बजे और फिर 12 बजे तक के लिए स्थगित की थी। 12 बजे कार्यवाही शुरू होने पर स्थिति ज्यों की त्यों बनी रही तो उन्होंने कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी। गुरुवार सुबह शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन की कार्यवाही शिमोगा से नवनिर्वाचित बीवाई राघवेंद्र को शपथ दिलाने के साथ शुरू हुई।
सदन ने 13 दिसंबर, 2001 के संसद हमले के शहीदों को श्रद्धांजलि दी। दिवंगत पूर्व सदस्य एम एच अम्बरीश को भी श्रद्धांजलि दी गई। सुमित्रा महाजन ने जैसे ही प्रश्नकाल शुरू किया तभी कांग्रेस, शिवसेना, TDP और अन्नाद्रमुक के सदस्य नारेबाजी करते हुए अध्यक्ष के आसन के पास पहुंच गए। कांग्रेस सदस्य हाथों में तख्तियां लिए हुए राफेल मामले की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के गठन की मांग कर रहे थे और ‘वी डिमांड जेपीसी’ के नारे लगा रहे थे।
दूसरी तरफ, शिवसेना के सदस्यों ने अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण की मांग करते हुए नारेबाजी की। पार्टी सदस्यों ने हाथों में तख्तियां ले रखी थीं जिन पर ‘हर हिंदू की यही पुकार, पहले मंदिर फिर सरकार’ नारा लिखा हुआ था। अन्नाद्रमुक के सदस्यों ने कावेरी डेल्टा के किसानों के लिए न्याय की मांग करते हुए नारेबाजी की। अन्नाद्रमुक सदस्यों के हाथों में तख्तियां थी जिस पर लिखा था, ‘किसानों के अधिकारों की रक्षा हो।’
TDP के सदस्यों ने आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम को पूरी तरह लागू करने और प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग करते हुए सदन में नारेबाजी की। लोकसभा अध्यक्ष ने शोर-शराबा कर रहे सदस्यों से अपने स्थान पर लौटने को कहा, लेकिन सदस्यों का हंगामा जारी रहा। TDP के एक सांसद वेंकटेश्वर राव ने सदस्यों को शपथ दिलाने में उपयोग किए जाने वाली माइक में पोस्टर लगाकर उसे हाथों से उठा लिया। इस पर संसदीय कार्य मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर को उन्हें समझाते देखा गया।
सदन ने 13 दिसंबर, 2001 के संसद हमले के शहीदों को श्रद्धांजलि दी। दिवंगत पूर्व सदस्य एम एच अम्बरीश को भी श्रद्धांजलि दी गई। सुमित्रा महाजन ने जैसे ही प्रश्नकाल शुरू किया तभी कांग्रेस, शिवसेना, TDP और अन्नाद्रमुक के सदस्य नारेबाजी करते हुए अध्यक्ष के आसन के पास पहुंच गए। कांग्रेस सदस्य हाथों में तख्तियां लिए हुए राफेल मामले की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के गठन की मांग कर रहे थे और ‘वी डिमांड जेपीसी’ के नारे लगा रहे थे।
दूसरी तरफ, शिवसेना के सदस्यों ने अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण की मांग करते हुए नारेबाजी की। पार्टी सदस्यों ने हाथों में तख्तियां ले रखी थीं जिन पर ‘हर हिंदू की यही पुकार, पहले मंदिर फिर सरकार’ नारा लिखा हुआ था। अन्नाद्रमुक के सदस्यों ने कावेरी डेल्टा के किसानों के लिए न्याय की मांग करते हुए नारेबाजी की। अन्नाद्रमुक सदस्यों के हाथों में तख्तियां थी जिस पर लिखा था, ‘किसानों के अधिकारों की रक्षा हो।’
TDP के सदस्यों ने आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम को पूरी तरह लागू करने और प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग करते हुए सदन में नारेबाजी की। लोकसभा अध्यक्ष ने शोर-शराबा कर रहे सदस्यों से अपने स्थान पर लौटने को कहा, लेकिन सदस्यों का हंगामा जारी रहा। TDP के एक सांसद वेंकटेश्वर राव ने सदस्यों को शपथ दिलाने में उपयोग किए जाने वाली माइक में पोस्टर लगाकर उसे हाथों से उठा लिया। इस पर संसदीय कार्य मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर को उन्हें समझाते देखा गया।
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