मुख्यमंत्री कमल नाथ के प्रयासों से प्रदेश में यूरिया की सप्लाई बढ़ी |
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भोपाल : शुक्रवार, दिसम्बर 21, 2018, मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ के प्रयासों से प्रदेश में किसानों के लिये रबी सीजन में यूरिया सहित अन्य उर्वरकों की आपूर्ति बढ़ी है। इसके लिये कृषि एवं किसान कल्याण विभाग केन्द्र के रेल और रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय से लगातार सम्पर्क कर रहा है।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने किसानों की जरूरतों को देखते हुए गुरुवार को मंत्रालय में वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक में यूरिया की उपलब्धता की समीक्षा की थी। प्रदेश को जल्द ही यूरिया की 12 रेक्स मिलेंगी।
प्रमुख सचिव, कृषि विकास एवं किसान कल्याण डॉ. राजेश राजौरा के अनुसार एनएफएल और चम्बल फर्टिलाइजर अपने प्लांटों से मध्यप्रदेश को तेजी से यूरिया की आपूर्ति करेंगे। नेशनल फर्टिलाइजर लिमिटेड (एनएफएल) का गुना प्लांट मध्यप्रदेश को ही यूरिया की आपूर्ति करने पर तेजी से विचार कर रहा है।
वर्तमान में ग्वालियर के रेक पाइंट में 2600 मीट्रिक टन यूरिया पहुँच रहा है। इस पाइंट से ग्वालियर, दतिया और मुरैना जिले के किसानों को आपूर्ति होगी। शाजापुर में 3194 मीट्रिक टन, मण्डीदीप में 2700 मीट्रिक टन, हरपालपुर में इफ्को कम्पनी का 3139 मीट्रिक टन यूरिया पहुँच रहा है। इससे छतरपुर जिले के किसानों को यूरिया की आपूर्ति होगी। मण्डीदीप रेक पाइंट में एनएफएल कम्पनी का 3000 मीट्रिक टन, खण्डवा में 3194 मीट्रिक टन, गुना में 3017 मीट्रिक टन, सतना में 2600 मीट्रिक टन यूरिया दो दिनों में पहुँचने वाला है। खण्डवा में 1951 मीट्रिक टन यूरिया आज ही पहुँचा है। इसके वितरण की व्यवस्था के संबंध में कलेक्टर्स को निर्देश दे दिये गये हैं। मण्डीदीप रेक पाइंट में 24 दिसम्बर तक इफ्को का 3194 मीट्रिक टन यूरिया और पहुँचेगा, जिसका वितरण रायसेन, भोपाल और सीहोर जिले के किसानों को किया जायेगा।
रेल मंत्रालय भी कर रहा है सहयोग
भारत सरकार के रेल मंत्रालय के एडीशनल मेंबर (ट्रेफिक) श्री अनुराग ने आज प्रदेश के किसान-कल्याण और कृषि विकास विभाग को पत्र लिखकर जानकारी दी है कि उर्वरकों की 9 रैक ट्रांजिट में हैं, जो एक-दो दिन में प्रदेश को प्राप्त हो जायेंगी। पूर्व में देश के बंदरगाहों से डीएपी को ही उठाव करने की प्राथमिकता थी। मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ के प्रयासों के फलस्वरूप अब देशभर के किसानों के लिये यूरिया के रैक्स उठाने के लिये देश के अन्य राज्यों को भी प्राथमिकता दी जा रही है।
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