जयपुर। गहलोत सरकार का मंत्रिमंडल राजभवन में 11.30 बजे शपथ लेगा। इस लिस्ट में पूर्व कांग्रेस सरकार के समय अच्छे काम करने वाले मंत्रियों को फिर जगह मिली है। इसके साथ नए नाम भी शुमार है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पालयट गुट के खास नामों को शामिल किया गया है। वहीं इस बार क्षेत्रीय राजनीति, जातिगत फैक्टर का भी पूरा ध्यान रखकर मंत्रिमंडल का गठन किया गया है।
बी डी कल्ला
बी डी कल्ला पूर्व सरकार में शिक्षा मंत्री रहे हैं। वह गहलोत सरकार का सबसे सोम्या चेहरा माने जाते रहे है। कल्ला ने बीएससी, एमए, एलएलबी और पीएचईडी की डिग्री ली है। वह कई बार विधायक के साथ नेता प्रतिपक्ष भी रहे हैं। कल्ला का प्रभाव सब जातियों पर रहा है। वह इमानदार छवि और गहलोत के करीबी माने जाते है। यहां बीकानेर से बड़ा चेहरा है।
बी डी कल्ला पूर्व सरकार में शिक्षा मंत्री रहे हैं। वह गहलोत सरकार का सबसे सोम्या चेहरा माने जाते रहे है। कल्ला ने बीएससी, एमए, एलएलबी और पीएचईडी की डिग्री ली है। वह कई बार विधायक के साथ नेता प्रतिपक्ष भी रहे हैं। कल्ला का प्रभाव सब जातियों पर रहा है। वह इमानदार छवि और गहलोत के करीबी माने जाते है। यहां बीकानेर से बड़ा चेहरा है।
शांति धारीवाल
29 अक्टूबर 1943 में जन्म शांति धारीवाल बीए एलएलबी है। इन पर कोई आपराधिक केस नहीं है। कोटा उत्तर से आने वाले धारीवाल पूर्व सरकार में यूडीएच मंत्री रहे हैं, वह बेहद अनुभवी राजनेता माने जाते है। वहीं वाकपटूता में किसी भी नेता को चित कर सकते हैं। उनको कांग्रेस पार्टी का संकटमोचक माना जाता है। धारीवाल हाड़ौती अंचल का बड़ा चेहरा है।
29 अक्टूबर 1943 में जन्म शांति धारीवाल बीए एलएलबी है। इन पर कोई आपराधिक केस नहीं है। कोटा उत्तर से आने वाले धारीवाल पूर्व सरकार में यूडीएच मंत्री रहे हैं, वह बेहद अनुभवी राजनेता माने जाते है। वहीं वाकपटूता में किसी भी नेता को चित कर सकते हैं। उनको कांग्रेस पार्टी का संकटमोचक माना जाता है। धारीवाल हाड़ौती अंचल का बड़ा चेहरा है।
रघु शर्मा
कांग्रेस के बाह्मण चेहरा है। इस बार अजमेर से सांसद चुनाव के बाद विधायक का टिकट मिलने के बाद केकड़ी से चुनकर आए हैं। उन्होंने लोकसभा सदस्य से इस्तीफा दे दिया है। वह इससे पहले गहलोत सरकार में रहे हैं, उनको मंत्री का दर्जा प्राप्त था। उनके अशोक गहलोत और सचिन पायलट दोनों गुट से अच्छे संबंध रहे हैं। रघु शर्मा को दोनों के बीच का सेतू भी माना जाता है। कुछ दिन पहले अशोक गहलोत ने एक चुनावी सभा के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए रघु शर्मा को भी सीएम पद का एक चेहरा बताया था। यह अजमेर से बड़ा चहेरा है।
लालचंद कटारिया
लालचंद कटारिया की शैक्षाणिक योग्यता 12 वीं बताई जाती है। उन पर एक आपराधिक केस भी रहा है। वह अभी पचास साल के है और कांग्रेस में जयपुर जिले से कद्दावर जाट नेता है। कटारिया ने कुछ माह पहले ही अशोक गहलोत के नेतृत्व में चुनाव लड़ाए जाने की मांग की थी। जिसके बाद माना जा रहा था कि उनका अशोक गहलोत के मुख्यमंत्री बनने पर केबिनेट मंत्री बनना लगभग तय है।
लालचंद कटारिया की शैक्षाणिक योग्यता 12 वीं बताई जाती है। उन पर एक आपराधिक केस भी रहा है। वह अभी पचास साल के है और कांग्रेस में जयपुर जिले से कद्दावर जाट नेता है। कटारिया ने कुछ माह पहले ही अशोक गहलोत के नेतृत्व में चुनाव लड़ाए जाने की मांग की थी। जिसके बाद माना जा रहा था कि उनका अशोक गहलोत के मुख्यमंत्री बनने पर केबिनेट मंत्री बनना लगभग तय है।
परसादी लाल मीणा
परसादी लाल मीणा पूर्व गहलोत सरकार में केबिनेट मंत्री रहे हैं। वह पांच बार विधायक रहे हैं और छठी बार अब फिर मंत्री बनने जा रहे है। गांधी पृष्ठभूमि के मीणा का पूर्व मंत्री का कार्यकाल बिना विवाद के रहा।
परसादी लाल मीणा पूर्व गहलोत सरकार में केबिनेट मंत्री रहे हैं। वह पांच बार विधायक रहे हैं और छठी बार अब फिर मंत्री बनने जा रहे है। गांधी पृष्ठभूमि के मीणा का पूर्व मंत्री का कार्यकाल बिना विवाद के रहा।
ममता भूपेश
ममता भूपेश राष्ट्रीय महिला कांग्रेस की महासचिव रही है। वह पोस्ट ग्रेजुएट है। उनकी गैस एजेन्सी है। उनके पति सरकारी नौकरी में रहे है। कांग्रेस का बड़ा महिला चेहरा है।
ममता भूपेश राष्ट्रीय महिला कांग्रेस की महासचिव रही है। वह पोस्ट ग्रेजुएट है। उनकी गैस एजेन्सी है। उनके पति सरकारी नौकरी में रहे है। कांग्रेस का बड़ा महिला चेहरा है।
हरीश चौधरी
बायतू से विधायक हरीश चौधरी कद्दावर जाट नेता है। उनके पास चुनाव के समय किसान कर्ज माफी की अहम जिम्मेदारी रही है, उनका अपने समाज में काफी दबदबा है।
बायतू से विधायक हरीश चौधरी कद्दावर जाट नेता है। उनके पास चुनाव के समय किसान कर्ज माफी की अहम जिम्मेदारी रही है, उनका अपने समाज में काफी दबदबा है।
प्रमोद जैन भाया
पूर्व गहलोत सरकार में पीडब्यूडी मंत्री रहे है। अंता से आने वाले भाया एक कार्य करने वाले अनुभवी मंत्री माने जाते हैं। उन्होंने जोश के साथ पिछली सरकार में काम किया है। वहीं इस बार चुनाव जीतने के बाद उनका मंत्री बनाना तय माना जा रहा था।
पूर्व गहलोत सरकार में पीडब्यूडी मंत्री रहे है। अंता से आने वाले भाया एक कार्य करने वाले अनुभवी मंत्री माने जाते हैं। उन्होंने जोश के साथ पिछली सरकार में काम किया है। वहीं इस बार चुनाव जीतने के बाद उनका मंत्री बनाना तय माना जा रहा था।
उदयलाल अंजना
निम्बाहेड़ा से भाजपा सरकार के यूडीएच मंत्री श्रीचंद कृपलानी को हराकर चुनाव जीते है। उनकी उम्र 65 साल है। वह भी 12 वीं पास है और सम्पति करीब 107 करोड़ है।
निम्बाहेड़ा से भाजपा सरकार के यूडीएच मंत्री श्रीचंद कृपलानी को हराकर चुनाव जीते है। उनकी उम्र 65 साल है। वह भी 12 वीं पास है और सम्पति करीब 107 करोड़ है।
अशोक चांदना
चांदना राजस्थान यूथ कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष है। वह बुंदी हिण्डोली से जीतकर आए है। अशोक चांदना एक युवा नेता है जातिगत समीकरण को देखते भी इनका नाम तय माना जा रहा था। यूथ में इससे एक अच्छा मैसेज भी जाएगा।
चांदना राजस्थान यूथ कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष है। वह बुंदी हिण्डोली से जीतकर आए है। अशोक चांदना एक युवा नेता है जातिगत समीकरण को देखते भी इनका नाम तय माना जा रहा था। यूथ में इससे एक अच्छा मैसेज भी जाएगा।
रमेश मीणा
रमेश मीणा पूर्व बीजेपी सरकार के समय विपक्ष के उपनेता रहे है। तब सरकार को घेरने में इनकी अहम भूमिका रही है। सपोटरा विधायक रमेश मीणा अपने कार्यशैली को लेकर विवादों में रहे है लेकिन अपने समाज का एक बड़ा चेहरा है।
रमेश मीणा पूर्व बीजेपी सरकार के समय विपक्ष के उपनेता रहे है। तब सरकार को घेरने में इनकी अहम भूमिका रही है। सपोटरा विधायक रमेश मीणा अपने कार्यशैली को लेकर विवादों में रहे है लेकिन अपने समाज का एक बड़ा चेहरा है।
गोविंद सिंह डोटसरा
गोविंदसिंह डोटसरा ने पूर्व भाजपा शासन में मुख्य सचतेक रहते हुए, सरकार को घेरने में अहम भूमिका निभाई। सदन में कांग्रेस का चेहरा बनकर उभरे तो इनके आगे नेता प्रतिपक्ष रामेश्वर डूडी कमजोर साबित हुए। गोविंद सिंह डोटसरा ने बीए, एमए, एलएलबी की है उनकी दो संतान है। उनका व्यवसाय वकालात है। सन 1964 का जन्म है।
गोविंदसिंह डोटसरा ने पूर्व भाजपा शासन में मुख्य सचतेक रहते हुए, सरकार को घेरने में अहम भूमिका निभाई। सदन में कांग्रेस का चेहरा बनकर उभरे तो इनके आगे नेता प्रतिपक्ष रामेश्वर डूडी कमजोर साबित हुए। गोविंद सिंह डोटसरा ने बीए, एमए, एलएलबी की है उनकी दो संतान है। उनका व्यवसाय वकालात है। सन 1964 का जन्म है।
सुखराम विश्नोई-
3मई 1953 को जन्मे सुखराम संचोर से विधायक बने हैं। वह कांग्रेस के पुराने कद्दावर नेता है। वह अपने जीवन में पिछड़े लोगों के संघर्ष के लिए जाने जाते रहे हैं। उन्होंने हायर सैकण्डरी एजकेशन पूरी की है। पिछली विधानसभा में गायों के मामले में भाजपा सरकार को जमकर घेर चुके है।
3मई 1953 को जन्मे सुखराम संचोर से विधायक बने हैं। वह कांग्रेस के पुराने कद्दावर नेता है। वह अपने जीवन में पिछड़े लोगों के संघर्ष के लिए जाने जाते रहे हैं। उन्होंने हायर सैकण्डरी एजकेशन पूरी की है। पिछली विधानसभा में गायों के मामले में भाजपा सरकार को जमकर घेर चुके है।
भजनलाल जाटव -
वैर भरतपुर से विधायक भजनलाल जाटव की पढ़ाई सैकण्डरी एजूकेशन रही है। उनका मुल व्यवसाय कृषि है। जातिगत फैक्टर को ध्यान में रखते हुए मंत्रीमंडल में जगह मिली है। उनकी एक समाजसेवी के छवि रही है।
वैर भरतपुर से विधायक भजनलाल जाटव की पढ़ाई सैकण्डरी एजूकेशन रही है। उनका मुल व्यवसाय कृषि है। जातिगत फैक्टर को ध्यान में रखते हुए मंत्रीमंडल में जगह मिली है। उनकी एक समाजसेवी के छवि रही है।
प्रतापसिंह खाचरियावास-
जयपुर कांग्रेस को सक्रिय करने में अहम योगदान रहा। सिविल लाइंस जैसे क्षेत्र से दूसरी बार जीते है। सचिन पायलट के बेहद करीबी मान जाते है इस कारण इनके नाम को जयपुर से लाने में उनको भारी मशक्कत करनी पड़ी और हवामहल से कांग्रेस नेता महेश जोशी का नाम भी इस कारण सूची से बाहर रहा।
जयपुर कांग्रेस को सक्रिय करने में अहम योगदान रहा। सिविल लाइंस जैसे क्षेत्र से दूसरी बार जीते है। सचिन पायलट के बेहद करीबी मान जाते है इस कारण इनके नाम को जयपुर से लाने में उनको भारी मशक्कत करनी पड़ी और हवामहल से कांग्रेस नेता महेश जोशी का नाम भी इस कारण सूची से बाहर रहा।
अर्जुन बामणियां-
इस बार त्रिकोणीय संघर्ष में जीतकर आए विधायक अर्जुन बामणिया बासवाडा क्षेत्र की राजनीति में अच्छा प्रभाव रखते है। क्षेत्रीय गणित और जातिगत फैक्टर को ध्यान में रखते हुए इनका नाम मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है।
इस बार त्रिकोणीय संघर्ष में जीतकर आए विधायक अर्जुन बामणिया बासवाडा क्षेत्र की राजनीति में अच्छा प्रभाव रखते है। क्षेत्रीय गणित और जातिगत फैक्टर को ध्यान में रखते हुए इनका नाम मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है।
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