दो बूंद की कीमत तो तिवारी से पूछिये!!
एन डी का डीएनए
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दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को कांग्रेस नेता नारायण दत्त तिवारी को आदेश दिया कि वह पितृत्व मामले में डीएनए परीक्षण के लिये अपने खून का नमूना देने के लिए 26 मई को अदालत के सामने पेश हों। न्यायालय ने कहा कि तिवारी खून का नमूना देने के लिए उसके सामने पेश हों, ताकि डीएनए जांच से इस बात का पता लगाया जा सके कि कांग्रेस नेता को अपना पिता बताने वाले रोहित शेखर नाम के शख्स के दावे में कितना दम है। दिल्ली उच्च न्यायालय के संयुक्त रजिस्ट्रार दीपक गर्ग ने कहा, कि प्रतिवादी नंबर एक (तिवारी) को निर्देश दिया जाता है कि वह 26 मई को दोपहर 12 बजे अपनी दो तस्वीरों के साथ पेश हों। गर्ग के मुताबिक, अदालत को अपने आदेश को अमल में लाने के लिए पुलिस की मदद नहीं लेनी चाहिए।
उन्होंने कहा, 86 साल के तिवारी को इस बात का मौका दिया जाना चाहिए कि वह अपनी मर्जी से आदेश का पालन करें। गर्ग ने उच्च न्यायालय परिसर के भीतर स्थित डिस्पेंसरी के प्रमुख से भी कहा कि वह 26 मई को एक डॉक्टर नियुक्त करें जो तिवारी के खून के नमूने ले सके। 26 मई मामले की सुनवाई की अगली तारीख है। अदालत का यह निर्देश तब आया जब उसे सूचित किया गया कि डीएनए जांच के लिए जरूरी किट को उच्च न्यायालय की रजिस्ट्री ने हासिल कर लिया है। इस किट को हैदराबाद के सेंटर फॉर डीएनए फिंगर-प्रिंटिग और डायग्नोस्टिक्स से मंगवाया गया है। दिल्ली उच्च न्यायालय की न्यायाधीश रेवा खेत्रपाल ने 16 मई को अपने रजिस्ट्रार को आदेश दिया था कि वह तिवारी से खून का नमूना लाने के लिए पुलिस की मदद लें। उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री रह चुके तिवारी को उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय की ओर से निर्देश दिए गए थे कि वह डीएनए जांच के लिए खून के नमूने दें।
उन्होंने कहा, 86 साल के तिवारी को इस बात का मौका दिया जाना चाहिए कि वह अपनी मर्जी से आदेश का पालन करें। गर्ग ने उच्च न्यायालय परिसर के भीतर स्थित डिस्पेंसरी के प्रमुख से भी कहा कि वह 26 मई को एक डॉक्टर नियुक्त करें जो तिवारी के खून के नमूने ले सके। 26 मई मामले की सुनवाई की अगली तारीख है। अदालत का यह निर्देश तब आया जब उसे सूचित किया गया कि डीएनए जांच के लिए जरूरी किट को उच्च न्यायालय की रजिस्ट्री ने हासिल कर लिया है। इस किट को हैदराबाद के सेंटर फॉर डीएनए फिंगर-प्रिंटिग और डायग्नोस्टिक्स से मंगवाया गया है। दिल्ली उच्च न्यायालय की न्यायाधीश रेवा खेत्रपाल ने 16 मई को अपने रजिस्ट्रार को आदेश दिया था कि वह तिवारी से खून का नमूना लाने के लिए पुलिस की मदद लें। उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री रह चुके तिवारी को उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय की ओर से निर्देश दिए गए थे कि वह डीएनए जांच के लिए खून के नमूने दें।
नारायण दत्त तिवारी के कुछ हसीन पल |
रोहित शेखर ने याचिका दायर कर अदालत से मांग की थी वह तिवारी से अपने खून का नमूना देने के लिए कहे ताकि इस बात का पता लगाया जा सके कि वह उसके पिता हैं या नहीं। खून के नमूने हासिल करने के लिए पुलिस की मदद लेने संबंधी उच्च न्यायालय के आदेश को तिवारी ने उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी थी। उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति आफताब आलम और न्यायमूर्ति सी के प्रसाद ने तिवारी की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा था, अब बस बहुत हो गया। आप (तिवारी) पहले के मौकों पर मौजूद नहीं थे। आपकी उम्र का लिहाज करते हुए हमने आपसे कहा था कि आप अपने खून के नमूने सीलबंद कवर में दें। हमने आपको अनुच्छेद 21 के तहत सुरक्षा दी लेकिन एक हद होती है। शेखर ने अदालत में एक नई याचिका दायर कर मांग रखी कि पुलिस की मदद से तिवारी के खून के नमूने हासिल करने के लिए एक आयुक्त नियुक्त किया जाना चाहिए।
दो बूंद की कीमत तो तिवारी से पूछिये!!
कभी उत्तर भारत में कांग्रेस की जान, शान और पहचान नारायण दत्त तिवारी अपनी खूबसूरती के दम पर एकजबरदस्त ‘लेडी किलर’ माने जाते रहे हैं. उन के बारे में जितने मुंह उतनी बातें भी हैं. लेकिन अब ष्ठहृ्र कराने से मुकरने, भागने पे उनकी जो थुक्का फजीहत हो रही है वो देखने लायक है. आप भी देखिए...
नमाजी से पूछिये न पुजारी से पूछिये !
बारूद से न बम से कटारी से पूछिये !!
दंगों में मत बहाइये यूं अपने खून को
दो बूंद की कीमत तो तिवारी से पूछिये !!!!
अनिल चौबे
अनिल चौबे
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