सिटी चीफ// जगदीश प्रसाद राव (गाडरवारा // टाइम्स ऑफ क्राइम)
सिटी चीफ से संपर्क:- 9806420411
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नहीं मिला सही इलाज-
बीएलए पावर प्लांट की अयोकी कंपनी प्राय. लिमिटेड के सरंक्षक में यह मजदूर काम करता था परन्तु जानकारी के अनुसार इसको पिछले दो से तीन माह की वेतन नहीं दी गई जिस कारण इसका इलाज भी सही तरीके से नहीं हो पाया है अब सवाल यह उठता है कि जब कोई गरीब मजदूर दूसरे प्रदेश से यहां काम करने आयेगा तो क्या उसको पैसे की जरूरत नहीं पड़ेगी आखिर क्या वजह थी कि संबंधित कंपनी द्वारा इस मजदूर को पिछले इतने दिनों से वेतन नहीं दिया है कम वेतन में काम करने वाले मजदूर को अगर इतने दिन तक उन्हें पैसे नहीं दिये जावेंगे तो उनकी हाल कैसी होगी इसकी कल्पना आप स्वयं कर सकते हैं।
पहले भी हो चुकी हं मजदूरों की मौत-
इसके पहले भी संबंधित बीएलए पावर प्लांट निवारी में कई मजदूरों की मौत हो गई हैं इस प्लांट के अंदर मजदूरों के लिये आवश्यक वातावरण भी उपलब्ध नहीं रहता है। साफ-सफाई की व्यवस्था भी नहीं रहती है इनके निवास के आसपास गंदगी का साम्राज्य भी फैला रहता है इसके बाद संबंधित प्लांट की हठधर्मिता देखो कि आज तक इन आवश्यक चीजों में किसी भी प्रकार का सुधार नहीं हुआ है और लोगों की मौत होती जा रही है।
मामले की हकीकत छिपाते रहे संबंधित-
शासकीय अस्पताल परिसर में जब मृतक का शव पीएम के लिये रखा गया था उसी दौरान जब कुछ मीडियाकर्मियों ने मृतक के साथ उपस्थित रिश्तेदारों से इस मामले की हकीकत जाननी चाही तो उन्हें प्लांट से संबंधित अन्य लोगों द्वारा मना कर दिया गया तथा मीडिया वालों को गुमराह करने के लिये उल्टे सीधे जवाब देेते रहे। मृतक की सगी बुआ का लडक़ा उसके ऊपर इतना प्रेशर था कि वह मृतक का नाम और पता भी नहीं बता पा रहा था।
प्लांट के सामने लगा था जमावड़ा-
जैसे ही मृतक की मौत की खबर प्लांट तक पहुंची वैसे ही उसके साथ काम करने वाले अन्य मजदूर प्लांट के सामने एकत्रित हो गये थे तथा लाश को प्लांट लाने की मांग कर रहे थे जैसे ही प्लांट के उच्च अधिकारियों को इसकी भनक लगी उन्होंने मामले को गंभीरता से लेते हुये सभी मजदूरों को प्लांट के अंदर बुला लिया तथा सभी को अपने-अपने काम में लगा दिया।
आखिर क्यों हैं प्रशासन मौन-
बीएलए पावर प्लांट में दूसरे प्रदेश से आये हुये कई मजदूरों की मौत पहले भी हो चुकी है पर आज तक प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारियों ने किसी भी प्रकार की कार्यवाही प्लांट के विरोध में नहीं की जब स्थिति ज्यादा बिगड़ती है तो उसी समय संभाल ली जाती है बाद में कार्यवाही के नाम पर सिर्फ कागजी कार्यवाही कर दी जाती है। पुलिस के अधिकारी भी किसी मजदूर की मौत के पश्चात अस्पताल में आते हैं और कार्यवाही के नाम पर कई पेज भर देते हैं पर आज तक किसी के प्रति कोई ठोस कार्यवाही नहीं की गई है मामला ठंडा पडऩे के पश्चात लीपापोती कर दी जाती है। बहरहाल मामला कुछ भी हो लेकिन दूसरे प्रदेशों से आये हुये मजदूर अपनी जान गवाकर यहां से जा रहे हैं संबंधितों के ऊपर कोई कार्यवाही ना होने से उनके हौसले बुलंद हो रहे हैं और प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारी भीषण गर्मी में आराम कर रहे हैं।
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मामले की हकीकत छिपाने में लगे रहे संबंधित
गाडरवारा. तहसील क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले एरिया में विभिन्न प्रकार के प्रायवेट प्लांट संचालित हो रहे हैं इनमें कार्य करने वाले मजदूर भी बाहरी क्षेत्रों से आते हैं जो अपनी रोजी-रोटी के चक्कर में घर परिवार छोडक़र यहां मेहनत करते हैं जब इन्हें काम पर लगाया जाता है
तब इन्हें कई प्रकार की लुभावने प्रलोभन दिये जाते हैं जब मजदूर इनके चक्कर में पड़ जाता है तो वो अपनी सारी जिम्मेदारियां ही भूल जाते हैं संबंधित अधिकारियों को यह भी ध्यान नहीं रहता है कि जो मजदूर प्लांट में दिन-रात मेहनत कर रहे हैं उन्हें आवश्यक सुविधाऐं प्राप्त हो पा रही हैं या नहीं। ऐसी ही एक लापरवाही का उदाहरण आज शहर के नजदीक स्थित निवारी बीएलए पावर प्लांट में देखने को मिला जहां एक मजदूर की मौत वेतन के अभाव में हो गई। प्राप्त जानकारी के अनुसार खुरसेद आलम पिता इसहाद मियां उम्र 25 वर्ष निवासी दहली मठिया जिला शिवान बिहार का रहने वाला था यहां वह इस पावर प्लांट में मजदूरी का कार्य करता था इसकी तबियत लगभग एक सप्ताह से खराब चल रही थी परन्तु पैसे के अभाव में आज उसकी मौत हो गई।
नहीं मिला सही इलाज-
बीएलए पावर प्लांट की अयोकी कंपनी प्राय. लिमिटेड के सरंक्षक में यह मजदूर काम करता था परन्तु जानकारी के अनुसार इसको पिछले दो से तीन माह की वेतन नहीं दी गई जिस कारण इसका इलाज भी सही तरीके से नहीं हो पाया है अब सवाल यह उठता है कि जब कोई गरीब मजदूर दूसरे प्रदेश से यहां काम करने आयेगा तो क्या उसको पैसे की जरूरत नहीं पड़ेगी आखिर क्या वजह थी कि संबंधित कंपनी द्वारा इस मजदूर को पिछले इतने दिनों से वेतन नहीं दिया है कम वेतन में काम करने वाले मजदूर को अगर इतने दिन तक उन्हें पैसे नहीं दिये जावेंगे तो उनकी हाल कैसी होगी इसकी कल्पना आप स्वयं कर सकते हैं।
पहले भी हो चुकी हं मजदूरों की मौत-
इसके पहले भी संबंधित बीएलए पावर प्लांट निवारी में कई मजदूरों की मौत हो गई हैं इस प्लांट के अंदर मजदूरों के लिये आवश्यक वातावरण भी उपलब्ध नहीं रहता है। साफ-सफाई की व्यवस्था भी नहीं रहती है इनके निवास के आसपास गंदगी का साम्राज्य भी फैला रहता है इसके बाद संबंधित प्लांट की हठधर्मिता देखो कि आज तक इन आवश्यक चीजों में किसी भी प्रकार का सुधार नहीं हुआ है और लोगों की मौत होती जा रही है।
मामले की हकीकत छिपाते रहे संबंधित-
शासकीय अस्पताल परिसर में जब मृतक का शव पीएम के लिये रखा गया था उसी दौरान जब कुछ मीडियाकर्मियों ने मृतक के साथ उपस्थित रिश्तेदारों से इस मामले की हकीकत जाननी चाही तो उन्हें प्लांट से संबंधित अन्य लोगों द्वारा मना कर दिया गया तथा मीडिया वालों को गुमराह करने के लिये उल्टे सीधे जवाब देेते रहे। मृतक की सगी बुआ का लडक़ा उसके ऊपर इतना प्रेशर था कि वह मृतक का नाम और पता भी नहीं बता पा रहा था।
प्लांट के सामने लगा था जमावड़ा-
जैसे ही मृतक की मौत की खबर प्लांट तक पहुंची वैसे ही उसके साथ काम करने वाले अन्य मजदूर प्लांट के सामने एकत्रित हो गये थे तथा लाश को प्लांट लाने की मांग कर रहे थे जैसे ही प्लांट के उच्च अधिकारियों को इसकी भनक लगी उन्होंने मामले को गंभीरता से लेते हुये सभी मजदूरों को प्लांट के अंदर बुला लिया तथा सभी को अपने-अपने काम में लगा दिया।
आखिर क्यों हैं प्रशासन मौन-
बीएलए पावर प्लांट में दूसरे प्रदेश से आये हुये कई मजदूरों की मौत पहले भी हो चुकी है पर आज तक प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारियों ने किसी भी प्रकार की कार्यवाही प्लांट के विरोध में नहीं की जब स्थिति ज्यादा बिगड़ती है तो उसी समय संभाल ली जाती है बाद में कार्यवाही के नाम पर सिर्फ कागजी कार्यवाही कर दी जाती है। पुलिस के अधिकारी भी किसी मजदूर की मौत के पश्चात अस्पताल में आते हैं और कार्यवाही के नाम पर कई पेज भर देते हैं पर आज तक किसी के प्रति कोई ठोस कार्यवाही नहीं की गई है मामला ठंडा पडऩे के पश्चात लीपापोती कर दी जाती है। बहरहाल मामला कुछ भी हो लेकिन दूसरे प्रदेशों से आये हुये मजदूर अपनी जान गवाकर यहां से जा रहे हैं संबंधितों के ऊपर कोई कार्यवाही ना होने से उनके हौसले बुलंद हो रहे हैं और प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारी भीषण गर्मी में आराम कर रहे हैं।
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