उज्जैन। उज्जैन के एक पटवारी दंपति रिश्वतखोरी में एक दूसरे का साथ
देते हुए पकड़ाए हैं। पटवारी अनिता शर्मा के लिए पति वीरेश उपाध्याय
तीन हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए पटेल नगर स्थित निवास से पकड़ाए हैं।
लोकायुक्त पुलिस ने दोनों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत
प्रकरण पंजीबद्ध करते हुए उन्हें गिरफ्तार कर मुचलका जमानत पर रिहा किया है।
सूत्रों के अनुसार शुक्रवार सुबह इस कार्रवाई को अंजाम दिया गया है। मामला इस प्रकार बताया जा
रहा है कि गौंसा गांव के निवासी दिलशाद मोहम्मद की मां के नाम खिलचीपुर
नाका पर 20 बाय 30 के दो भूखंड है। दिलशाद इन भूखंडों का नामांतरण चाहता
था। इसके लिए उसने तहसीलदार तहसील घट्टिया के समक्ष चार माह पूर्व आवेदन किया था। विभागीय प्रक्रिया के तहत तहसील कार्यालय से यह आवेदन क्षेत्रीय पटवारी अनिता शर्मा पति वीरेश उपाध्याय को भेजा गया था। काम नहीं होने पर दिलशाद ने पटवारी अनिता से संपर्क किया था।
इस पर उसे जवाब मिला था कि तुम्हें मेरे पति से मिलना पड़ेगा सारे काम वे
ही देखते हैं। दिलशाद ने पटवारी के पति और स्वयं पटवारी वीरेश उपाध्याय से इसके लिए संपर्क किया था।
इस पर विरेश ने पहले तो दिलशाद को काम के लिए सीधे एप्रोच करने पर लताड़ा
था। बाद में दोनों भूखंडों के नामांतरण के लिए सात हजार रुपये की मांग रखी
थी। दिलशाद के अपनी मजबूरियां बताने पर वीरेश ने अंतिम मांग तीन हजार की तय कर दी। दिलशाद ने इसे लेकर लोकायुक्त पुलिस से संपर्क किया था। लोकायुक्त पुलिस ने योजनाबद्ध तरीके से शुक्रवार को दंपत्ति को पटेल नगर स्थित निवास से रिश्र्र्वत लेते हुए धर दबोचा।
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