क्राइम रिपोर्टर //लखन लाल (कटनी // टाइम्स ऑफ क्राइम)
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कटनी. जिले का हर क्षेत्र खनिज संपदा से अटा पड़ा हैं। अधिकारी इसका दोहन कराने से भी नही चूक रहे हैं जिले के हर क्षेत्र में खनिज का अवैध उत्खनन निरंतर हर क्षेत्र में होता रहा हैं इस तरह अवैध उत्खनन कर खनिज माफि या राजस्व को चूना लगाने से भी बाज नहीं आ रहे हैं। जुटाई गई जानकारी के अनुसार माफि या अवैध उत्खनन करने से पहले वहां के खनिज विभाग के सभी संबधित अधिकारियों से सांठ-गांठ करते हैं उसके बाद तो जैसे शासन प्रशासन इन अवैध चल रहे उत्खनन में रोक लगा पाने में असमर्थ हो जाती हैं।
यहां बताते चले कि खनिज संपदा का दोहन जिले के अन्दर इस तरह के अवैध काम तो लगातार अपनी गति से खनिज विभाग की मौन स्वीकृति के चलते किया जा रहा हैं। जब कभी इन सभी काले कारनामों को अखबार के माध्यम से प्रकाश में आता हैं तो खनिज विभाग इन अवैध उत्खनन करने वाले खनिज माफियाओं से अपना कमीशन तुरन्त बनाते हैं कोई भी हर अखबार के माध्यम से ही इन अधिकारियों को पता चलता हैं कि कहां अवैध उत्खनन चल रहा हैं।
यही कारण हैं कि जनता यह कहने से नही चूकती की इन खनिज माफियाओं के आगे खनिज विभाग पानी भरता हैं सबसे बड़ी और चौकाने वाली बात यह कि बीते दिनों पुलिस विभाग के आलाधिकारी द्वारा अपने ईमानदार होने का सबूत पेश कर अवैध खनिज माफियाओं पर शिकंजा कसते हुए बेधडक़ कार्यवाही करने पर अमादा हैं जिसका जीता जागता सबूत हाल ही में पुलिस अधिक्षक राजेश हिंगणकर ने दे डाला। पुलिस अधीक्षक की पैनी नजर से जीपी विश्वकर्मा जैसे माफि या बच नहीं सके। माधवनगर थाना अंतर्गत टिकरिया में बाक्साइड के अवैध खनन के मामले में पुलिस द्वारा आरोपी बनाये गये जीपी विश्वकर्मा ने खनिज विभाग के एक लचीले नियम का आड़ लेते हुए लाभ उठाया और खनिज तथा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अफसरों की मिलीभगत से दो दशक में 250 करोड़ रूपये का खनिज खोदकर ठिकाने लगा दिया।
एक ओर खदान खुदती गई दूसरी ओर जीपी विश्वकर्मा जैसे खनिज माफिया की तिजोरी भरती रही। इतना ही नहीं टिकरिया खदान से अवैध उत्खनन के आरोप में गिरफ्तार किए गये वाहन चालक वीरेन्द्र सिंह, अशोक सिंह, उमेश व प्रदीप सिंह को शुक्रवार को पुलिस ने न्यायालय में पेश किया जहां पर उनकी जमानत याचिका खारिज कर जेल भेज दिया। इसके अलावा वाहनों की सुपुर्दगी के लिए लगाया आवेदन भी खारिज भी हो गया।
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