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नई दिल्ली: देश के जाने-माने वकील अपनी पहचान के दम पर अपने अमीर मुवक्किलों के मामले की सुनवाई के लिए कोर्ट से मनपसंद तारीख ले लेते थे, लेकिन अब ऐसा नहीं हो सकता है, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने इसके संकेत दे दिए हैं।
आपको बता दें कि देश के जाने-माने वकील अब तक अपनी पहचान का फायदा लगातार उठाते रहे है, लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट के नए चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया जेएस खेहर की अगुआई में यह ‘परंपरा’ बदल सकता है, या ये कहें की इसकी शुरुआत भी हो चुकी है।
जस्टिस जेएस खेहर के इस फैसले का पहला शिकार हुए हैं, देश के मशहूर वकिल राम जेठमलानी। दरअसल शुक्रवार को जेठमलानी उपहार कांड में दोषी करार दिए गए कारोबारी गोपाल अंसल के लिए कोर्ट में पेश हुए। जानकारी के अनुसार इस दौरान जेठमलानी ने कोर्ट से आग्रह किया कि अंसल को मिली सजा को घटाने के मामले में दायर याचिका पर जल्द सुनवाई हो, जिसे कोर्ट ने ठुकरा दिया। इसके साथ ही अदालत ने उनकी उस मांग को खारिज कर दिया, जिसमें एक साल की सजा काटने के लिए सरेंडर करने की डेडलाइन को आगे बढाने की मांग की गई थी, जोकि फिलहाल 9 मार्च का है।
मामले पर चीफ जस्टिस ने कहा कि यदी कोर्ट के रजिस्ट्री विभाग को मामले की जल्द सुनवाई पर आपत्ति नहीं हो तो जेठमलानी का मामला शुक्रवार को कोर्ट के कामकाज की लिस्ट में शामिल किया जा सकता है, लेकिन रजिस्ट्री ने शुक्रवार को सुनवाई पर आपत्ति जताई और मामला लिस्टेड नहीं हुआ, इस वजह से सुनवाई भी नहीं हुई।
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