TOC NEWS
नई दिल्ली. यूनीक आडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (UIDAI) ने कहा कि आधार कार्ड के लिए दी गई बायोेमेट्रिक डिटेल पूरी तरह से सिक्योर है। UIDAI ने इस बात को पूरी तरह नकार दिया कि बयोमेट्रिक डिटेल्स का गलत इस्तेमाल किया गया। बता दें कि कुछ रिपोर्ट्स में कहा गया था कि आधार के लिए दी गई डिटेल का गलत इस्तेमाल किया जा रहा है और इससे फाइनेंशियल लॉस भी हो रहा है।
49,000 करोड़ रुपए की बचत हुई- UIDAI
- UIDAI ने कहा कि बायेमेट्रिक डिटेल्स की चोरी और इकोनॉमिक लॉस की रिपोर्ट सामने आने के बाद इस संबंध में गहराई से इन्वेस्टिगेशन किया गया।
- "UIDAI का डाटा बेस पूरी तरह सुरक्षित है। किसी भी तरह से बायोमेट्रिक डिटेल का गलत इस्तेमाल नहीं किया गया। ऐसा एक भी मामला सामने नहीं आया है।"
- अथॉरिटी ने कहा, "सब्सिडी ट्रांसफर आधार से लिंक होने के बाद ढाई साल के भीतर 49,000 करोड़ रुपए की बचत हुई है।"
- "पिछले 5 साल के दौरान आधार ऑथेंटिकेशन के बाद 400 करोड़ ट्रांजैक्शंस हुए हैं। इस दौरान मिस यूज या गड़बड़ी का एक भी केस सामने नहीं आया।"
मजबूत और सुरक्षित है आधार बेस्ड ऑथेंटिकेशन-UIDAI
- UIDAI ने कहा, "आधार बेस्ड ऑथेंटिकेशन इसी तरह के किसी दूसरे सिस्टम से ज्यादा मजबूत और सुरक्षित है। बायोमेट्रिक्स का गलत इस्तेमाल होने पर आधार सिस्टम उसका पता लगा लेगा और तुरंत एक्शन लेगा।"
आधार e-KYC के जरिए 4.47 करोड़ लोगों के अकाउंट्स खुले
- UIDAI ने बताया, "गुड गवर्नेंस के नजरिए से आधार बेहद इम्पॉर्टेंट है। ये जनता की मजबूती के लिए जरूरी है। आधार बेस्ड e-KYC के जरिए 4.47 करोड़ लोगों को बैंक अकाउंट खोलने में मदद मिली।"
- "आधार बेस्ड पब्लिक डस्ट्रिब्यूशन सिस्टम से ये तय हुआ कि अनाज उन्हीं लोगों को मिले, जो उसके हकदार हैं। जालसाजों और भ्रष्टाचार करने वालों को इससे दूर किया गया।"
रिपोर्ट्स पर UIDAI ने दिया जवाब
- मीडिया रिपोर्ट्स में आधार में दी गई बायोमेट्रिक्स के मिस यूज के बारे में UIDAI ने कहा कि ये एक अलग तरह का मामला था।
- "बैंक की बिजनेस कॉरेस्पॉन्डेंट कंपनी के साथ काम करने वाले एक इम्प्लॉई ने अपने ही बायोमेट्रिक्स का गलत इस्तेमाल करने की कोशिश की। जिसका UIDAI इंटरनल सिक्युरिटी सिस्टम ने पता लगा लिया और इसके बाद आधार एक्ट के तहत उसके खिलाफ एक्शन लिया गया।"
- "आधार इन्फॉर्मेशन का इस्तेमाल करने वाली कंपनियों को भी आधार एक्ट के तहत सख्ती से नियंत्रित किया गया है। इसमें डाटा शेयरिंग रिस्ट्रक्शंस भी शामिल हैं।"
- "e-KYC डाटा की शेयरिंग, स्टोरेज और उसके इस्तेमाल के पहले व्यक्ति की मंजूरी लेना जरूरी है। IRIS या फिंगरप्रिंट्स का अनऑथोराइज्ड कैप्चर, बायोमेट्रिक्स का गलत इस्तेमाल आधार एक्ट के तहत अपराध है।"
- बता दें कि सूचना के अधिकार के जरिए देश का हर नागरिक पब्लिक अथॉरिटी से जुड़ी कोई भी जानकारी मांग सकता है।
No comments:
Post a Comment