पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इस समय सुर्खियों में हैं. रविवार की शाम से पश्चिम बंगाल की ममता सरकार और केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई के बीच घमासान मचा हुआ है. रविवार को शुरू हुआ यह घमासान सोमवार होते-होते सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया.
सुप्रीम कोर्ट में दोनों पक्ष आमने-सामने थे. केस की सुनवाई हालांकि कल तक के लिए टल गई है, लेकिन सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने एक बड़ा बयान दे डाला. सीबीआई की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस के सामने पेश हुए और कोर्ट के सामने पूरा मामला रखा. इस केस में पश्चिम बंगाल सरकार की तरफ से अभिषेक मनु सिंघवी केस की पैरवी कर रहे थे.
चीफ जस्टिस ने पूछा कि सुबह क्या स्थिति है और आपकी क्या मांग है. इस पर सॉलिसिटर जनरल मेहता का कहना था कि सारे सबूत नष्ट किए जा सकते हैं.
जब इस केस में कमिश्नर द्वारा सबूत मिटाए जाने की बात आई तो चीफ जस्टिस गोगोई ने सीबीआई की तरफ से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से कहा कि अगर आपने एक भी ऐसा सबूत पेश किया, जिससे कमिश्नर के द्वारा सबूत नष्ट किए जाने की बात साबित होती हो तो हम ऐसी कार्रवाई करेंगे कि उन्हें (कमिश्नर को) पछताना पड़ेगा. इसके बाद चीफ जस्टिस ने केस की सुनवाई कल तक के लिए टाल दी.
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