श्री अजय अग्रवाल की ओर से जारी सत्रह हजार रुपए के इन चैकों को खाते में पर्याप्त रकम न होने के कारण 3 अगस्त 2007 को बैंक आफ बड़ौदा ने वापस लौटा दिया था. इस संबंध में जब फरियादी पत्रकार अनिल तिवारी ने श्री अग्रवाल से संपर्क किया तो उन्होंने फरियादी को गाली देकर भगा दिया और कहा ये रकम उसे जहां से वसूलना हो वो वसूल लें.
भुगतान पाने के सभी प्रयासों में असफल होने के बाद फरियादी श्री अनिल तिवारी ने अदालत की शरण ली. तबसे यह मामला न्यायालय में विचाराधीन था. चार सालों बाद जब फरियादी ने अदालत से न्याय पाने की गुहार लगाई तो विद्वान न्यायाधीश और प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी श्री ए.के. सिंह ने आनन फानन में फरियादी के बयान दर्ज करवाए और श्री अजय अग्रवाल को अपना पक्ष रखने के निर्देश दिए. श्री अग्रवाल के अधिवक्ता ने अपने मुवक्किल को जवाब देने के लिए अधिक समय देने की अपील की लेकिन अदालत ने उनकी अपील को ठुकराते हुए पांच अगस्त को अदालत में हाजिर होकर अपने बयान दर्ज कराने के निर्देश दिए हैं. फरियादी के अधिवक्तागण सर्वश्री सत्येन्द्र सिंह चौहान, दिलीप सिंह परिहार और रितुराज द्विवेदी ने इस मामले से जुड़े सभी तथ्य अदालत के सम्मुख उपलब्ध कराए हैं, जिनके आधार पर पीठासीन न्यायाधीश महोदय ने ये निर्देश जारी किए हैं.(पीआईसीएमपीडॉटकॉम)
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