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नई दिल्ली. कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी के हाल ही में प्रसारित हुए पहले टीवी इंटरव्यू के बाद कांग्रेस के कई नेता और मीडिया के एक वर्ग यह मांग करने लगा है कि बीजेपी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी को भी राष्ट्रीय स्तर की प्रेस कॉन्फ्रेंस करनी चाहिए या फिर किसी टीवी चैनल को इंटरव्यू देना चाहिए। इनदिनों मोदी धुंआधार चुनावी सभाएं कर रहे हैं। लेकिन वे मीडिया के सीधे सवालों से आम तौर पर बचते हैं।
पीएम पद का उम्मीदवार बनने के बाद नहीं दिया इंटरव्यू
सितंबर, 2013 में बीजेपी की ओर से औपचारिक तौर पर प्रधानमंत्री का उम्मीदवार घोषित किए जाने के बाद मोदी ने किसी भी टीवी चैनल को एक्सक्लूसिव इंटरव्यू नहीं दिया है। नरेंद्र मोदी ने पिछले साल 12 जुलाई को न्यूज एजेंसी रॉयटर्स और जुलाई, 2012 को उर्दू अखबार नई दुनिया के संपादक शाहिद सिद्दिकी को एक्सक्लूसिव इंटरव्यू दिया था। इन इंटरव्यू में मोदी के बयानों से विवाद भी खड़े हुए थे।
टीवी चैनलों के साथ इंटरव्यू में असहज हो जाते हैं मोदी?
इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के साथ तीन इंटरव्यू में नरेंद्र मोदी की 2002 के गुजरात दंगों को लेकर असहजता सामने आ चुकी है। शायद यही वजह है कि मोदी इलेक्ट्रॉनिक मीडिया को इंटरव्यू देने से बचते हैं। कई साल पहले 2007 में पत्रकार करन थापर के साथ इंटरव्यू में दंगों से जुड़े सवाल पूछे जाने पर मोदी पानी मांगने लगे थे और पानी पीकर इंटरव्यू को बीच में छोड़ दिया था। 2009 में एक पत्रकार ने जब उनसे इन्हीं मुद्दों पर तीखे सवाल पूछे तो मोदी एक सभा से लौटते समय उस पत्रकार को वहीं छोड़ दिया जबकि जाते समय मोदी पत्रकार को अपने साथ ले गए थे। 2012 में गुजरात विधानसभा चुनाव के दौरान वरिष्ठ टीवी पत्रकार राजदीप ने जब उनसे 2002 के दंगों को लेकर सवाल पूछा तो उन्होंने जवाब देने के बजाय दूसरी तरफ देखना मुनासिब समझा।
करन थापर के शो में मोदी मांगने लगे थे पानी, उठकर चले गए थे
प्राइवेट टीवी चैनल के लिए अहमदाबाद में इंटरव्यू करने वाले पत्रकार करन थापर के साथ 2007 में एक टीवी इंटरव्यू के दौरान मोदी से सवालों का सिलसिला शुरू हुआ। इंटरव्यू अभी 5 मिनट ही चला था कि शो के होस्ट थापर ने मोदी से गुजरात दंगों के बारे में सवाल पूछ लिए। मोदी ने इंटरव्यू को रोकने की बात कहते हुए पानी मांगा। पानी मिलने पर मोदी ने उसे पिया और कहा, 'आप यहां आए। मैं बहुत खुश हूं और आपका शुक्रिया अदा करता हूं। मैं यह इंटरव्यू नहीं दे सकता। अपने आइडिया हैं, आप बोलते रहिए आप करते रहिए। 3-4 सवालों का मैं पहले ही आनंद ले चुका हूं। नहीं प्लीज। दोस्ती बनाए रखिए।'
इस इंटरव्यू के बाद बीजेपी के प्रवक्ता प्रकाश जावड़ेकर ने मोदी के वॉकआउट करने को सही ठहराते हुए कहा था कि मोदी को करन थापर ने यह आश्वसान दिया था कि सवाल 2002 से नहीं बल्कि 2007 से जुड़े होंगे। लेकिन करन थापर यह कहते रहे हैं कि मोदी ने इंटरव्यू से पहले किस तरह के सवाल पूछे जाएंगे, इसे लेकर कोई आश्वासन नहीं मांगा था।
नई दिल्ली. कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी के हाल ही में प्रसारित हुए पहले टीवी इंटरव्यू के बाद कांग्रेस के कई नेता और मीडिया के एक वर्ग यह मांग करने लगा है कि बीजेपी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी को भी राष्ट्रीय स्तर की प्रेस कॉन्फ्रेंस करनी चाहिए या फिर किसी टीवी चैनल को इंटरव्यू देना चाहिए। इनदिनों मोदी धुंआधार चुनावी सभाएं कर रहे हैं। लेकिन वे मीडिया के सीधे सवालों से आम तौर पर बचते हैं।
पीएम पद का उम्मीदवार बनने के बाद नहीं दिया इंटरव्यू
सितंबर, 2013 में बीजेपी की ओर से औपचारिक तौर पर प्रधानमंत्री का उम्मीदवार घोषित किए जाने के बाद मोदी ने किसी भी टीवी चैनल को एक्सक्लूसिव इंटरव्यू नहीं दिया है। नरेंद्र मोदी ने पिछले साल 12 जुलाई को न्यूज एजेंसी रॉयटर्स और जुलाई, 2012 को उर्दू अखबार नई दुनिया के संपादक शाहिद सिद्दिकी को एक्सक्लूसिव इंटरव्यू दिया था। इन इंटरव्यू में मोदी के बयानों से विवाद भी खड़े हुए थे।
टीवी चैनलों के साथ इंटरव्यू में असहज हो जाते हैं मोदी?
इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के साथ तीन इंटरव्यू में नरेंद्र मोदी की 2002 के गुजरात दंगों को लेकर असहजता सामने आ चुकी है। शायद यही वजह है कि मोदी इलेक्ट्रॉनिक मीडिया को इंटरव्यू देने से बचते हैं। कई साल पहले 2007 में पत्रकार करन थापर के साथ इंटरव्यू में दंगों से जुड़े सवाल पूछे जाने पर मोदी पानी मांगने लगे थे और पानी पीकर इंटरव्यू को बीच में छोड़ दिया था। 2009 में एक पत्रकार ने जब उनसे इन्हीं मुद्दों पर तीखे सवाल पूछे तो मोदी एक सभा से लौटते समय उस पत्रकार को वहीं छोड़ दिया जबकि जाते समय मोदी पत्रकार को अपने साथ ले गए थे। 2012 में गुजरात विधानसभा चुनाव के दौरान वरिष्ठ टीवी पत्रकार राजदीप ने जब उनसे 2002 के दंगों को लेकर सवाल पूछा तो उन्होंने जवाब देने के बजाय दूसरी तरफ देखना मुनासिब समझा।
करन थापर के शो में मोदी मांगने लगे थे पानी, उठकर चले गए थे
प्राइवेट टीवी चैनल के लिए अहमदाबाद में इंटरव्यू करने वाले पत्रकार करन थापर के साथ 2007 में एक टीवी इंटरव्यू के दौरान मोदी से सवालों का सिलसिला शुरू हुआ। इंटरव्यू अभी 5 मिनट ही चला था कि शो के होस्ट थापर ने मोदी से गुजरात दंगों के बारे में सवाल पूछ लिए। मोदी ने इंटरव्यू को रोकने की बात कहते हुए पानी मांगा। पानी मिलने पर मोदी ने उसे पिया और कहा, 'आप यहां आए। मैं बहुत खुश हूं और आपका शुक्रिया अदा करता हूं। मैं यह इंटरव्यू नहीं दे सकता। अपने आइडिया हैं, आप बोलते रहिए आप करते रहिए। 3-4 सवालों का मैं पहले ही आनंद ले चुका हूं। नहीं प्लीज। दोस्ती बनाए रखिए।'
इस इंटरव्यू के बाद बीजेपी के प्रवक्ता प्रकाश जावड़ेकर ने मोदी के वॉकआउट करने को सही ठहराते हुए कहा था कि मोदी को करन थापर ने यह आश्वसान दिया था कि सवाल 2002 से नहीं बल्कि 2007 से जुड़े होंगे। लेकिन करन थापर यह कहते रहे हैं कि मोदी ने इंटरव्यू से पहले किस तरह के सवाल पूछे जाएंगे, इसे लेकर कोई आश्वासन नहीं मांगा था।
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