भोपाल। मध्यप्रदेश की भारतीय जनता पार्टी की सरकार के मुखिया यूं तो किसानों की खेती को लाभ का धंधा बनाने में दिनरात चिंतित हैं यही नहीं किसानों के लिये उनके कार्यकाल में तमाम लाभकारी योजनाएं भी चलाई गईं लेकिन प्रदेश में सक्रिय मंत्रियों, अधिकारियों, सत्ता के दलालों और ठेकेदारों के रैकेट के चलते मुख्यमंत्री की हर योजनाओं को बट्टा लागने का काम भी बड़े जोरों से चल रहा है
स्थिति यह है कि लक्ष्मी दर्शन के फेर में यह रैकेट कुछ भी करने को तैयार रहता हो उससे किसी की जान जाए या किसानों की मेहनत पर पानी फिरे प्रदेश में एक लम्बे समय से तमाम नकली खाद विक्रय करने वाली कम्पनियों को संरक्षण देने का काम यूं तो उच्च स्तर से चल रहा है तो वहीं हाल ही में जिन कृषि विभाग के पूर्व संचालक डीएन शर्मा के यहां जो छापेमारी की कार्यवाही की गई थी उसमें जो दस्तावेज मिले थे उनसे यह खुलासा हुआ था कि खेतान केमिकल एण्ड फर्टीलाइर कम्पनी के द्वारा डीएन शर्मा के पुत्र के हनीमून का खर्चा उठाया गया था, पता नहीं कृषि विभाग में ऐसे कितने अधिकारी होंगे जिनके खुद की या बच्चों की हनीमून मनाने का व्यय करने एवं उनके बच्चे बच्चियों की बर्थडे पार्टियां और उनके सैर सपाटे पर यह कम्पनियां खर्च करके किसानों की मेहनत पर पानी फेरने में लगे हुए हैं
हालांकि कृषि विभाग में खाद सप्लाई का जिस जीएस चौहान डिप्टी डायरेक्टर के हवाले है, उनके बारे में विभाग में चर्चा है कि उनको डीएन शर्मा की तरह सत्ताधीशों और प्रशासनिक आकाओं का संरक्षण प्राप्त है जिसके चलते सब खेल धड़ल्ले से चलता है और इस गोरखधंधे में ऊपर से लेकर नीचे तक सभी का हाथ रहता है। यह डिप्टी डायरेक्टर चौहान इतना पावरफुल है कि वह जो चाहता है वह करता है और जब फर्जीवाड़े या गलत खाद के मामले में जब कम्पनियां फंसती हैं तो यह कृषि मंत्री से लेकर विभाग के प्रमुख तक सबको लक्ष्मी दर्शन के फेर में फंसाकर सारा मामला रफा-दफा करवा देता है, मजे की बात यह है कि उच्च संरक्षण प्राप्त चौहान की कारगुजारी के चलते राज्य के अधिकांश क्षेत्रों में किसानों को जो खाद वितरित किया जाता है वह अमानक होता है
मगर इनको क्या करना भुगतेगा तो किसान यह सब अपनी तिजोरी भरने में लगे हुए हैं हाल ही में सतना जिले के कई गांवों में डीएन शर्मा के पुत्र को हनीमून कराने वाली कम्पनी खेतान के द्वारा सप्लाई किया गया खाद इतना गुणवत्ताविहीन निकला कि जब इसकी शिकायत किसानों ने जिले के अधिकारियों से की तो कृषि विभाग की टीम जब पतौरा गांव पहुंची तो कई किसानों ने अधिकारियों के सामने खेतान कम्पनी द्वारा वितरण किए गए खाद के गुणवत्ताविहीन रहने की शिकायत की इसमें से एक पतौरा निवासी किसान वेदप्रकाश शर्मा ने बताया कि उन्होंने ४० एकड़ में सोयाबीन की फसल बोई थी और इसके लिए पतौरा समिति से जो खाद लेकर खेत में डाली वह घुली ही नहीं जबकि उसके पहले कभी भी इस प्रकार की शिकायत नहीं मिली थी
इधर शिकायतकर्ता पूर्व विधायक रामप्रताप सिंह का कहना है कि खेतान कम्पनी की १४०० टन खाद एमपी एग्रो तथा डीएमओ के माध्यम से किसानों को दी गई थी जिले के अन्य गांवों में भी यही खाद सप्लाई की गई है कलेक्टर सभी जगह की रिपोर्ट मंगाकर कार्यवाही करेंगे, यह भी देखेंगे कि खाद की गुणवत्ता ठीक है कि नहीं और यदि फसल प्रभावित हुई है तो यह किसकी जिम्मेदारी बनती है और इसकी क्षतिपूर्ति कौन करेगा, हालांकि इस संबंध में कम्पनी के अधिकारी आवेश श्रीवास्तव ने कहा है कि यह सही है कि हम खेत में ऊपर पड़ी तथा मिट्टी खोदकर जो खाद पाई है उसके नमूने लिये हैं जिसे कम्पनी में भेज रहे हैं
लेकिन अभी तक इस संबंध में कुछ नहीं कहा जा सकता कुल मिलाकर कृषि विभाग के अधिकारियों और खासकर प्रदेश भर में जिस डिप्टी डायरेक्टर जीएस चौहान पर उर्वरक खरीदने और उसकी आपूर्ति करने की जिम्मेदारी है उसकी कारगुजारी के चलते खेतान जैसी कम्पनियों के द्वारा किसानों को नकली उर्वरक वितरण किया जा रहा है जिसकी वजह से किसानों की फसल प्रभावित हो रही है, जिसका खामियाजा किसानों को भुतना पड़ रहा है, हालांकि खेतान द्वारा किये गये गुणवत्ताविहीन खाद के बारे में एमपी एग्रो के जिला प्रबंधक आरके पालीवाल का कहना है कि जिलाध्यक्ष के आदेश पर मैं खेतान कम्पनी के प्रतिनिधि के साथ मौके पर गया था जहां शिकायत सही पाई गई, खेतों में जो खाद मिली है उसके काले दाने सफेद हो गए हैं पर घुले नहीं हैं।
जहां तक खेतान कम्पनी का सवाल है जिस तरह का खुलासा डीएन शर्मा के छापे के बाद जो तथ्य सामने आए उससे यह साफ जाहिर होता है कि कम्पनी कृषि विभाग के अधिकारियों को लक्ष्मी दर्शन के फेर में डालकर पता नहीं कबसे प्रदेश के अन्नदाताओं को नकली खाद का वितरण करने में लगी होगी, शायद यही वजह है कि प्रदेश के कई जिलों से इसी तरह का गुणवत्ताविहीन खाद मिलने की वजह से किसानों की हर बार फसल खराब हो रही है लेकिन कृषि विभाग के अधिकारी लक्ष्मी दर्शन के चलते अपनी तिजोरी भरने में लगे हुए हैं तो वहीं अन्नदाता साल दर साल कम पैदावारी से जूण् रहा है।
(हिन्द न्यूज सर्विस)
स्थिति यह है कि लक्ष्मी दर्शन के फेर में यह रैकेट कुछ भी करने को तैयार रहता हो उससे किसी की जान जाए या किसानों की मेहनत पर पानी फिरे प्रदेश में एक लम्बे समय से तमाम नकली खाद विक्रय करने वाली कम्पनियों को संरक्षण देने का काम यूं तो उच्च स्तर से चल रहा है तो वहीं हाल ही में जिन कृषि विभाग के पूर्व संचालक डीएन शर्मा के यहां जो छापेमारी की कार्यवाही की गई थी उसमें जो दस्तावेज मिले थे उनसे यह खुलासा हुआ था कि खेतान केमिकल एण्ड फर्टीलाइर कम्पनी के द्वारा डीएन शर्मा के पुत्र के हनीमून का खर्चा उठाया गया था, पता नहीं कृषि विभाग में ऐसे कितने अधिकारी होंगे जिनके खुद की या बच्चों की हनीमून मनाने का व्यय करने एवं उनके बच्चे बच्चियों की बर्थडे पार्टियां और उनके सैर सपाटे पर यह कम्पनियां खर्च करके किसानों की मेहनत पर पानी फेरने में लगे हुए हैं
हालांकि कृषि विभाग में खाद सप्लाई का जिस जीएस चौहान डिप्टी डायरेक्टर के हवाले है, उनके बारे में विभाग में चर्चा है कि उनको डीएन शर्मा की तरह सत्ताधीशों और प्रशासनिक आकाओं का संरक्षण प्राप्त है जिसके चलते सब खेल धड़ल्ले से चलता है और इस गोरखधंधे में ऊपर से लेकर नीचे तक सभी का हाथ रहता है। यह डिप्टी डायरेक्टर चौहान इतना पावरफुल है कि वह जो चाहता है वह करता है और जब फर्जीवाड़े या गलत खाद के मामले में जब कम्पनियां फंसती हैं तो यह कृषि मंत्री से लेकर विभाग के प्रमुख तक सबको लक्ष्मी दर्शन के फेर में फंसाकर सारा मामला रफा-दफा करवा देता है, मजे की बात यह है कि उच्च संरक्षण प्राप्त चौहान की कारगुजारी के चलते राज्य के अधिकांश क्षेत्रों में किसानों को जो खाद वितरित किया जाता है वह अमानक होता है
मगर इनको क्या करना भुगतेगा तो किसान यह सब अपनी तिजोरी भरने में लगे हुए हैं हाल ही में सतना जिले के कई गांवों में डीएन शर्मा के पुत्र को हनीमून कराने वाली कम्पनी खेतान के द्वारा सप्लाई किया गया खाद इतना गुणवत्ताविहीन निकला कि जब इसकी शिकायत किसानों ने जिले के अधिकारियों से की तो कृषि विभाग की टीम जब पतौरा गांव पहुंची तो कई किसानों ने अधिकारियों के सामने खेतान कम्पनी द्वारा वितरण किए गए खाद के गुणवत्ताविहीन रहने की शिकायत की इसमें से एक पतौरा निवासी किसान वेदप्रकाश शर्मा ने बताया कि उन्होंने ४० एकड़ में सोयाबीन की फसल बोई थी और इसके लिए पतौरा समिति से जो खाद लेकर खेत में डाली वह घुली ही नहीं जबकि उसके पहले कभी भी इस प्रकार की शिकायत नहीं मिली थी
इधर शिकायतकर्ता पूर्व विधायक रामप्रताप सिंह का कहना है कि खेतान कम्पनी की १४०० टन खाद एमपी एग्रो तथा डीएमओ के माध्यम से किसानों को दी गई थी जिले के अन्य गांवों में भी यही खाद सप्लाई की गई है कलेक्टर सभी जगह की रिपोर्ट मंगाकर कार्यवाही करेंगे, यह भी देखेंगे कि खाद की गुणवत्ता ठीक है कि नहीं और यदि फसल प्रभावित हुई है तो यह किसकी जिम्मेदारी बनती है और इसकी क्षतिपूर्ति कौन करेगा, हालांकि इस संबंध में कम्पनी के अधिकारी आवेश श्रीवास्तव ने कहा है कि यह सही है कि हम खेत में ऊपर पड़ी तथा मिट्टी खोदकर जो खाद पाई है उसके नमूने लिये हैं जिसे कम्पनी में भेज रहे हैं
लेकिन अभी तक इस संबंध में कुछ नहीं कहा जा सकता कुल मिलाकर कृषि विभाग के अधिकारियों और खासकर प्रदेश भर में जिस डिप्टी डायरेक्टर जीएस चौहान पर उर्वरक खरीदने और उसकी आपूर्ति करने की जिम्मेदारी है उसकी कारगुजारी के चलते खेतान जैसी कम्पनियों के द्वारा किसानों को नकली उर्वरक वितरण किया जा रहा है जिसकी वजह से किसानों की फसल प्रभावित हो रही है, जिसका खामियाजा किसानों को भुतना पड़ रहा है, हालांकि खेतान द्वारा किये गये गुणवत्ताविहीन खाद के बारे में एमपी एग्रो के जिला प्रबंधक आरके पालीवाल का कहना है कि जिलाध्यक्ष के आदेश पर मैं खेतान कम्पनी के प्रतिनिधि के साथ मौके पर गया था जहां शिकायत सही पाई गई, खेतों में जो खाद मिली है उसके काले दाने सफेद हो गए हैं पर घुले नहीं हैं।
जहां तक खेतान कम्पनी का सवाल है जिस तरह का खुलासा डीएन शर्मा के छापे के बाद जो तथ्य सामने आए उससे यह साफ जाहिर होता है कि कम्पनी कृषि विभाग के अधिकारियों को लक्ष्मी दर्शन के फेर में डालकर पता नहीं कबसे प्रदेश के अन्नदाताओं को नकली खाद का वितरण करने में लगी होगी, शायद यही वजह है कि प्रदेश के कई जिलों से इसी तरह का गुणवत्ताविहीन खाद मिलने की वजह से किसानों की हर बार फसल खराब हो रही है लेकिन कृषि विभाग के अधिकारी लक्ष्मी दर्शन के चलते अपनी तिजोरी भरने में लगे हुए हैं तो वहीं अन्नदाता साल दर साल कम पैदावारी से जूण् रहा है।
(हिन्द न्यूज सर्विस)
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