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बालाघाट/भोपाल। महाराष्ट्र का एक जिला है गोंदिया। अब से 10 साल पहले तक इसे कोई नहीं जानता था परंतु जब से शिवराज सिंह चौहान मुख्यमंत्री बने हैं गोंदिया एक चिरपरिचित नाम हो गया है। कुछ दिनों पहले परिवहन भर्ती घोटाले में इस जिले का नाम सामने आया था। इन दिनों धान घोटाले में इस जिले का जिक्र हो रहा है।
इस जिले के 60 राईस मिलर्स ने मिलकर एक सिंडीकेट बनाया है। यह सिंडीकेट मप्र में काम कर रहा है। खबर मिली है कि पिछले दिनों इस सिंडीकेट ने मप्र के गोदामों में खराब हो गए धान की बहुत बड़ी खेप खरीदी है। यह सिंडीकेट मप्र में धान बेचने का काम भी कर रहा है। सूत्र दावा कर रहे हैं कि सिंडीकेट ने जो सड़ी हुई धान खरीदी है, वही अच्छी क्वालिटी वाली धान में मिलावट करके मप्र नागरिक आपूर्ति निगम को बेच दी जाएगी।
आरोप तो यह भी है कि गोंदिया के इस सिंडीकेट को अमानक स्तर का चावल बनाकर कस्टम मिलिंग के माध्यम से प्रदाय करने की अघोषित छूट मिली है और उनके लिये अलग से गोदाम की व्यवस्था की गई है। जिसमें रखे चावल की जांच नही की जाती है।
यह भी उल्लेखनीय है कि प्रदेष के कृषि विकास मंत्री गौरीशंकर बिसेन बालाघाट जिले के है जो इस सिंडीकेट का खास ध्यान रखते हैं।
यहां यह भी उल्लेख करना आवश्यक होगा की पिछले कुछ माह पूर्व बालाघाट के एसडीएम और खादय विभाग ने नागरिक आपूर्ति निगम के अधिकारियों के साथ मिलकर गोदामों की जांच की थी तो गोदिया के मिलर्स द्वारा प्रदाय किये गये चावल के बोरियों में उत्तर प्रदेश सरकार की सील मिली थी। बिहार एवं उत्तरप्रदेश से बेचा गया अमानक धान सप्लाई कर दिया गया था।
याद दिला दें कि नागरिक आपूर्ति निगम जो अनाज खरीदना है। प्रदेश की आंगनवाड़ियों, मिड डे मील में वही सप्लाई किया जाता है।
बालाघाट/भोपाल। महाराष्ट्र का एक जिला है गोंदिया। अब से 10 साल पहले तक इसे कोई नहीं जानता था परंतु जब से शिवराज सिंह चौहान मुख्यमंत्री बने हैं गोंदिया एक चिरपरिचित नाम हो गया है। कुछ दिनों पहले परिवहन भर्ती घोटाले में इस जिले का नाम सामने आया था। इन दिनों धान घोटाले में इस जिले का जिक्र हो रहा है।
इस जिले के 60 राईस मिलर्स ने मिलकर एक सिंडीकेट बनाया है। यह सिंडीकेट मप्र में काम कर रहा है। खबर मिली है कि पिछले दिनों इस सिंडीकेट ने मप्र के गोदामों में खराब हो गए धान की बहुत बड़ी खेप खरीदी है। यह सिंडीकेट मप्र में धान बेचने का काम भी कर रहा है। सूत्र दावा कर रहे हैं कि सिंडीकेट ने जो सड़ी हुई धान खरीदी है, वही अच्छी क्वालिटी वाली धान में मिलावट करके मप्र नागरिक आपूर्ति निगम को बेच दी जाएगी।
आरोप तो यह भी है कि गोंदिया के इस सिंडीकेट को अमानक स्तर का चावल बनाकर कस्टम मिलिंग के माध्यम से प्रदाय करने की अघोषित छूट मिली है और उनके लिये अलग से गोदाम की व्यवस्था की गई है। जिसमें रखे चावल की जांच नही की जाती है।
यह भी उल्लेखनीय है कि प्रदेष के कृषि विकास मंत्री गौरीशंकर बिसेन बालाघाट जिले के है जो इस सिंडीकेट का खास ध्यान रखते हैं।
यहां यह भी उल्लेख करना आवश्यक होगा की पिछले कुछ माह पूर्व बालाघाट के एसडीएम और खादय विभाग ने नागरिक आपूर्ति निगम के अधिकारियों के साथ मिलकर गोदामों की जांच की थी तो गोदिया के मिलर्स द्वारा प्रदाय किये गये चावल के बोरियों में उत्तर प्रदेश सरकार की सील मिली थी। बिहार एवं उत्तरप्रदेश से बेचा गया अमानक धान सप्लाई कर दिया गया था।
याद दिला दें कि नागरिक आपूर्ति निगम जो अनाज खरीदना है। प्रदेश की आंगनवाड़ियों, मिड डे मील में वही सप्लाई किया जाता है।
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