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रतलाम लोकसभा उपचुनाव को लेकर चुनाव प्रक्रिया की तस्वीर अब साफ हो गयी है 21 नवंबर को मतदान ओर 24 नवंबर को दोपहर तक नया सांसद इलाके को मिल जायेगा । लेकिन आज की तारीख यानी चुनाव घोषणा के एक दिन बाद के हालातो की चर्चा अगर हम करे तो कांटे की टक्कर रतलाम -झाबुआ – अलीराजपुर मे कांटे की टक्कर होनी है इस खबर मे हम उन सारे पहलुओ को विश्लेषण करेंगे जो एक आम मतदाता के रुप मे आपको जानना जरूरी है ।
उम्मीदवार को लेकर भाजपा मे संशय
कांग्रेस ने तो लगभग अपना उम्मीदवार तय कर दिया है मगर भाजपा मे असमंजस बरकरार है मुख्यमंत्री शिवराजसिंह भले ही निर्मला भूरिया को पेटलावद ब्लास्ट के पहले तीनो जिले की 8 विधानसभाओं मे प्रोजेक्ट करते रहे हो मगर जमीनी खुफिया रिपोर्ट भाजपा को निर्मला भूरिया के नाम से डरा रही है दरअसल संघ परिवार निर्मला के नाम पर सहमत नही है खुद पेटलावद इलाके मे उनके पक्ष मे माहोल नकारात्मक है इसलिए भाजपा को अन्य नामो पर मंथन करना पड रहा है अन्य नामो मे संघ की पहली पसंद पीएचई के ईएनसी ” जी एस डामोर” प्रमुख है जो उमरकोट के रहने वाले है ओर एक साफ सुथरी छवि के ओर बुद्धिजीवि अफसर माने जाते है झाबुआ मे ही उन्होंने पढाई की फिर इंदौर से इंजीनियर्स एजुकेशन किया है इलाके के युवा उन्हें पसंद करते है ओर नया चेहरा होने से भाजपा को फायदा होगा । इसी कारण उनका नाम भी चर्चाओं मे है दूसरे विकल्प के रुप मे अलीराजपुर विधायक नागरसिंह चौहान है जो जीत की हैट्रिक लगाकर अब अपने नाम के आगे ” अजेय” लिखने की पात्रता पा चुके हैं ।मगर भील जनजाति से उम्मीदवार देना भाजपा की भी मजबूरी है ।
यह होंगें प्रमुख मुद्दे —
उपचुनाव मे मुद्दो की कोई कमी नही है मनरेगा की विफलता , बदहाल हाइवे , रेल्वे लाइन , पीडीएस सिस्टम , बदहाल स्वास्थ , पेटलावद ब्लास्ट , महंगाई, आदि को कांग्रेस मुद्दा बनाएगी तो भाजपा प्रदेश ओर केंद्र सरकार की उपलब्धि बताएगी । अलीराजपुर मे नर्मदा लिंक परियोजना , झाबुआ मे इंजिनियर्स कालेज, सहित प्रदेश सरकार की लाडली लक्ष्मी , अटल ज्योति को अपनी उपलब्धि बताकर भाजपा कांग्रेस को घेरेगी ।
नही आयेंगे पीएम मोदी —
रतलाम लोकसभा चुनाव का मतदान बिहार के परिणामों के बाद होना है लिहाजा इसका सीधा असर रतलाम लोकसभा पर पढेगा । अगर भाजपा बिहार जीतती है तो अमित शाह & मंडली यहां भी आयेगी । लेकिन बिहार हारे तो शिवराज को मेंदोलाओ के भरोसे ही चुनाव मे उतरना होगा । हालांकि भाजपा सुत्र बता रहे है कि नरेंद मोदी इस उपचुनाव का प्रचार नही करेंगे क्योकि उलचुनाव मे पीएम की रैलियो का इतिहास नही है मगर पुराने नियम तोडने के मोदी आदि है इसलिये अंतिम समय आ सकते है । सुषमा ओर राजनाथ की रेलिया होना तय है ओर शिवराजसिंह चौहान तो एक विधानसभा मे दो दो रैलियो करने वाले है । कांग्रेस की ओर से मोहन प्रकाश , अरुण यादव , दिग्विजय सिंह की रैलिया तय है राहुल गांधी या ज्योति सिंधिया की रैली अंतिम समय मे संभव है वैसे कांग्रेस का जोर नुक्कड़ ओर खाटला बैठकों पर ज्यादा रहेगा ओर खुद कांतिलाल स्टार प्रचारक रहेगे । कलावती ओर डा विक्रांत भूरिया चुनावी मैनेजमेंट संभालेंगे ।
इस उपचुनाव के मायने शिवराजसिंह / कांतिलाल भूरिया के लिऐ यह है —
रतलाम लोकसभा का यह उपचुनाव प्रदेश के मुख्यमंत्री ” शिवराजसिंह चौहान ” का राजनीतिक भविष्य तय करने वाला है क्योकि व्यापमं मसले पर सीबीआई जांच घोषित होने के बाद यह पहला ऐसा बडा चुनाव है जिसमे सरकार की अग्नि परीक्षा है हालांकि नगरीय निकाय 10 संस्थाओं के भाजपा जीत चुकी है मगर सब जानते है वह स्थानीय मुद्दो पर लडे जाते है असल लडाई तो रतलाम लोकसभा उपचुनाव मे है अगर यह उपचुनाव भाजपा हारी तो शिवराजसिंह का इस्तीफा तय है ओर कांतिलाल भूरिया के लिऐ यह इसलिये महत्वपूर्ण है क्योंकि अगर भूरिया जीते तो 10 जनपथ मे उनका कद बढ जायेगा क्योकि भूरिया केंद्र ओर राज्य सरकार से जीते माने जायेगे ओर अगर हारे तो लगातार दो हार से यह संदेश जायेगा कि उनका जलवा अब ढलान पर है ।
पेटलावद ब्लास्ट / चल समारोह / भागवत कथा = भाजपा को नुकसान
बात अगर झाबुआ जिले की करे तो पेटलावद ब्लास्ट से भाजपा के प्रति नाराजगी है क्योकि सभी जानते है भाजपा नेताओ से राजेंद्र कांसवा की करीबी थी साथ ही 200 जिंदगी तबाह होने के बाद भाजपा समर्थकों का झाबुआ मे विशाल चल समारोह निकालना ओर उसके पहले चंदे का महा अभियान लोगो को गुस्सा दिला गया लोग अभी तो मोन है मगर जवाब 21 को दे सकते है इसी तरह पेटलावद ब्लास्ट के बाद हुऐ राजनीतिक नुकसान की भरपाई करने के लिए भागवत कथा करवाई जा रही है भंडारा होगा , साड़ियां ओर कलश बटेंगे । इसके लिऐ पेडो की बलि दे दी गयी ओर सरकारी खर्च का भी इस्तेमाल हुआ है नगर को दुलहन की तरह सजाना ऐसे माहौल मे कहा तक उचित है रमेश मेंदोला यह भूल गये यह इंदौर नही है ओर ना ही 2 नंबर विधानसभा है जो भागवत कथा का जादू चल जायेगा । यह आयोजन भाजपा को उलटा नुकसान पहुंचायेगा ऐसा राजनीतिक जानकार मान रहे है खैर पेटलावद कांड मे पीडितों को अभी तक घोषित नोकरी नही मिली है ओर कई को सांत्वना का इंतजार है ।
रतलाम लोकसभा उपचुनाव को लेकर चुनाव प्रक्रिया की तस्वीर अब साफ हो गयी है 21 नवंबर को मतदान ओर 24 नवंबर को दोपहर तक नया सांसद इलाके को मिल जायेगा । लेकिन आज की तारीख यानी चुनाव घोषणा के एक दिन बाद के हालातो की चर्चा अगर हम करे तो कांटे की टक्कर रतलाम -झाबुआ – अलीराजपुर मे कांटे की टक्कर होनी है इस खबर मे हम उन सारे पहलुओ को विश्लेषण करेंगे जो एक आम मतदाता के रुप मे आपको जानना जरूरी है ।
उम्मीदवार को लेकर भाजपा मे संशय
कांग्रेस ने तो लगभग अपना उम्मीदवार तय कर दिया है मगर भाजपा मे असमंजस बरकरार है मुख्यमंत्री शिवराजसिंह भले ही निर्मला भूरिया को पेटलावद ब्लास्ट के पहले तीनो जिले की 8 विधानसभाओं मे प्रोजेक्ट करते रहे हो मगर जमीनी खुफिया रिपोर्ट भाजपा को निर्मला भूरिया के नाम से डरा रही है दरअसल संघ परिवार निर्मला के नाम पर सहमत नही है खुद पेटलावद इलाके मे उनके पक्ष मे माहोल नकारात्मक है इसलिए भाजपा को अन्य नामो पर मंथन करना पड रहा है अन्य नामो मे संघ की पहली पसंद पीएचई के ईएनसी ” जी एस डामोर” प्रमुख है जो उमरकोट के रहने वाले है ओर एक साफ सुथरी छवि के ओर बुद्धिजीवि अफसर माने जाते है झाबुआ मे ही उन्होंने पढाई की फिर इंदौर से इंजीनियर्स एजुकेशन किया है इलाके के युवा उन्हें पसंद करते है ओर नया चेहरा होने से भाजपा को फायदा होगा । इसी कारण उनका नाम भी चर्चाओं मे है दूसरे विकल्प के रुप मे अलीराजपुर विधायक नागरसिंह चौहान है जो जीत की हैट्रिक लगाकर अब अपने नाम के आगे ” अजेय” लिखने की पात्रता पा चुके हैं ।मगर भील जनजाति से उम्मीदवार देना भाजपा की भी मजबूरी है ।
यह होंगें प्रमुख मुद्दे —
उपचुनाव मे मुद्दो की कोई कमी नही है मनरेगा की विफलता , बदहाल हाइवे , रेल्वे लाइन , पीडीएस सिस्टम , बदहाल स्वास्थ , पेटलावद ब्लास्ट , महंगाई, आदि को कांग्रेस मुद्दा बनाएगी तो भाजपा प्रदेश ओर केंद्र सरकार की उपलब्धि बताएगी । अलीराजपुर मे नर्मदा लिंक परियोजना , झाबुआ मे इंजिनियर्स कालेज, सहित प्रदेश सरकार की लाडली लक्ष्मी , अटल ज्योति को अपनी उपलब्धि बताकर भाजपा कांग्रेस को घेरेगी ।
नही आयेंगे पीएम मोदी —
रतलाम लोकसभा चुनाव का मतदान बिहार के परिणामों के बाद होना है लिहाजा इसका सीधा असर रतलाम लोकसभा पर पढेगा । अगर भाजपा बिहार जीतती है तो अमित शाह & मंडली यहां भी आयेगी । लेकिन बिहार हारे तो शिवराज को मेंदोलाओ के भरोसे ही चुनाव मे उतरना होगा । हालांकि भाजपा सुत्र बता रहे है कि नरेंद मोदी इस उपचुनाव का प्रचार नही करेंगे क्योकि उलचुनाव मे पीएम की रैलियो का इतिहास नही है मगर पुराने नियम तोडने के मोदी आदि है इसलिये अंतिम समय आ सकते है । सुषमा ओर राजनाथ की रेलिया होना तय है ओर शिवराजसिंह चौहान तो एक विधानसभा मे दो दो रैलियो करने वाले है । कांग्रेस की ओर से मोहन प्रकाश , अरुण यादव , दिग्विजय सिंह की रैलिया तय है राहुल गांधी या ज्योति सिंधिया की रैली अंतिम समय मे संभव है वैसे कांग्रेस का जोर नुक्कड़ ओर खाटला बैठकों पर ज्यादा रहेगा ओर खुद कांतिलाल स्टार प्रचारक रहेगे । कलावती ओर डा विक्रांत भूरिया चुनावी मैनेजमेंट संभालेंगे ।
इस उपचुनाव के मायने शिवराजसिंह / कांतिलाल भूरिया के लिऐ यह है —
रतलाम लोकसभा का यह उपचुनाव प्रदेश के मुख्यमंत्री ” शिवराजसिंह चौहान ” का राजनीतिक भविष्य तय करने वाला है क्योकि व्यापमं मसले पर सीबीआई जांच घोषित होने के बाद यह पहला ऐसा बडा चुनाव है जिसमे सरकार की अग्नि परीक्षा है हालांकि नगरीय निकाय 10 संस्थाओं के भाजपा जीत चुकी है मगर सब जानते है वह स्थानीय मुद्दो पर लडे जाते है असल लडाई तो रतलाम लोकसभा उपचुनाव मे है अगर यह उपचुनाव भाजपा हारी तो शिवराजसिंह का इस्तीफा तय है ओर कांतिलाल भूरिया के लिऐ यह इसलिये महत्वपूर्ण है क्योंकि अगर भूरिया जीते तो 10 जनपथ मे उनका कद बढ जायेगा क्योकि भूरिया केंद्र ओर राज्य सरकार से जीते माने जायेगे ओर अगर हारे तो लगातार दो हार से यह संदेश जायेगा कि उनका जलवा अब ढलान पर है ।
पेटलावद ब्लास्ट / चल समारोह / भागवत कथा = भाजपा को नुकसान
बात अगर झाबुआ जिले की करे तो पेटलावद ब्लास्ट से भाजपा के प्रति नाराजगी है क्योकि सभी जानते है भाजपा नेताओ से राजेंद्र कांसवा की करीबी थी साथ ही 200 जिंदगी तबाह होने के बाद भाजपा समर्थकों का झाबुआ मे विशाल चल समारोह निकालना ओर उसके पहले चंदे का महा अभियान लोगो को गुस्सा दिला गया लोग अभी तो मोन है मगर जवाब 21 को दे सकते है इसी तरह पेटलावद ब्लास्ट के बाद हुऐ राजनीतिक नुकसान की भरपाई करने के लिए भागवत कथा करवाई जा रही है भंडारा होगा , साड़ियां ओर कलश बटेंगे । इसके लिऐ पेडो की बलि दे दी गयी ओर सरकारी खर्च का भी इस्तेमाल हुआ है नगर को दुलहन की तरह सजाना ऐसे माहौल मे कहा तक उचित है रमेश मेंदोला यह भूल गये यह इंदौर नही है ओर ना ही 2 नंबर विधानसभा है जो भागवत कथा का जादू चल जायेगा । यह आयोजन भाजपा को उलटा नुकसान पहुंचायेगा ऐसा राजनीतिक जानकार मान रहे है खैर पेटलावद कांड मे पीडितों को अभी तक घोषित नोकरी नही मिली है ओर कई को सांत्वना का इंतजार है ।
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