टीआई का बिकानेर में पकडाया डोडाचुरा
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इंदौर। अवैध पिस्टल और कट्टे सहित गिरफ्तार टीआई-कांस्टेबल और साथी से पुलिस और एटीएस गहन पूछताछ कर रही है। तीनों डोडा चूरा, अफीम और गांजे की तस्करी में भी शामिल रहे हैं। कुछ समय पूर्व राजस्थान पुलिस ने एक करोड़ का माल जब्त किया था। राजस्थान डीजीपी ने गोपनीय रिपोर्ट बनाकर इंटेलिजेंस को सौंपी है।
आतंक निरोधी दस्ते (एटीएस) ने शनिवार को टीआई अभिनव पिता एमके शुक्ला निवासी वंदना नगर, कांस्टेबल विनोद पिता प्रकाश नामदेव निवासी अफीम गोदाम रोड मंदसौर व साथी शैलेंद्र पिता ओमप्रकाश टेंगरिया निवासी मंदसौर को गिरफ्तार किया था।
आरोपियों से तीन पिस्टल, एक कट्टा, 50 से अधिक कारतूस, साढ़े पांच लाख कैश और कार बरामद हुई। रविवार को पुलिस ने आरोपियों को कोर्ट में पेश कर मंगलवार तक रिमांड पर ले लिया। उन्होंने पूछताछ में धरमपुरी व मनावर को सिकलीगरों के नाम कबूले हैं। पुलिस हथियार सप्लायरों को तलाश रही है। अन्य खुफिया एजेंसियां भी आरोपियों की जानकारी जुटा रही है।
तस्कर बोला- माल टीआई साहब ने भेजा है
जानकारी के मुताबिक करीब तीन महीने पूर्व बिकानेर (राजस्थान) पुलिस ने डोडा चूरा से भरा ट्रक जब्त किया था। पुलिस ने ड्राइवर से पूछताछ की तो बताया माल टीआई (अभिनव) शुक्ला का है। जांच में खुलासा हुआ करीब एक करोड़ रुपए कीमती यह माल कुख्यात तस्कर लालसिंह सिसौदिया ने भेजा था।
सिसौदिया से शुक्ला की पार्टनरशिप हो गई थी। हालांकि उस वक्त जोड़तोड़ कर शुक्ला गिरफ्तारी से बच गया। राजस्थान डीजीपी ने पूरे मामले की रिपोर्ट बनाकर मप्र डीजीपी सुरेंद्र सिंह को सौंप दी। इस पर शुक्ला को थाने (भावगढ़) से हटा दिया।
लाला गैंग से मांग थे पांच करोड़
शुक्ला पहले अखेपुर (प्रतापगढ़) के तस्कर गिरोह से जुड़ा हुआ था। यहां के कुख्यात तस्कर चुन्नाू लाला, फिरोज लाला, वसीम लाला, इंतेखाब उर्फ मौलाना आदि की तस्करी में साथ दिया। फिरोज लाला ने टीआई को पोस्टिंग में अहम भूमिका निभाई थी। माल पास करवाने के वादे के बाद एक विधायक से नोटशीट लिखवाकर शुक्ला का ट्रांसफर मंदसौर करवाया था। कुछ समय पूर्व लाला विरोधी लाल सिंह से गठजोड़ हुआ। शुक्ला ने लाला के राजदार ड्राइवर को तोड़ लिया।
वह उसके लिए मुखबरी करने लगा। शुक्ला ने लाला के अड्डे व गोदामों से कर्मचारियों को पकड़ना शुरू कर दिया। परेशान लाला गिरोह ने सेटिंग करने के लिए मीटिंग की। इस पर शुक्ला ने जेल में बंद इंतेखाब से बात की और समझौते के एवज में दो साल की बंदी के पांच करोड़ रुपए एक मुश्त मांगे। लाला गुट ने रुपए देने से इंकार कर दिया। उन्होंने नेता और अफसरों से उसके कारनामों की सीडी बनाई और अफसरों तक पहुंचा दी।
ऐसे होता है तस्करों से गठजोड़
पूछताछ में शामिल अफसरों के मुताबिक मंदसौर-नीमच के तस्कर राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, हैदराबाद और मुंबई माल सप्लाय करते हैं। उनकी टीआई से सेटिंग हो जाती है। टीआई हाईवे और टोलनाकों पर विश्वासपात्र जवानों को तैनात करता है। उनकी गाड़ी ट्रक के आगे चलती है। थाना क्षेत्र पार करवाकर लौट आते हैं। टीआई ट्रक में लोड माल के वजन में रेसो डील कर लेता है
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इंदौर। अवैध पिस्टल और कट्टे सहित गिरफ्तार टीआई-कांस्टेबल और साथी से पुलिस और एटीएस गहन पूछताछ कर रही है। तीनों डोडा चूरा, अफीम और गांजे की तस्करी में भी शामिल रहे हैं। कुछ समय पूर्व राजस्थान पुलिस ने एक करोड़ का माल जब्त किया था। राजस्थान डीजीपी ने गोपनीय रिपोर्ट बनाकर इंटेलिजेंस को सौंपी है।
आतंक निरोधी दस्ते (एटीएस) ने शनिवार को टीआई अभिनव पिता एमके शुक्ला निवासी वंदना नगर, कांस्टेबल विनोद पिता प्रकाश नामदेव निवासी अफीम गोदाम रोड मंदसौर व साथी शैलेंद्र पिता ओमप्रकाश टेंगरिया निवासी मंदसौर को गिरफ्तार किया था।
आरोपियों से तीन पिस्टल, एक कट्टा, 50 से अधिक कारतूस, साढ़े पांच लाख कैश और कार बरामद हुई। रविवार को पुलिस ने आरोपियों को कोर्ट में पेश कर मंगलवार तक रिमांड पर ले लिया। उन्होंने पूछताछ में धरमपुरी व मनावर को सिकलीगरों के नाम कबूले हैं। पुलिस हथियार सप्लायरों को तलाश रही है। अन्य खुफिया एजेंसियां भी आरोपियों की जानकारी जुटा रही है।
तस्कर बोला- माल टीआई साहब ने भेजा है
जानकारी के मुताबिक करीब तीन महीने पूर्व बिकानेर (राजस्थान) पुलिस ने डोडा चूरा से भरा ट्रक जब्त किया था। पुलिस ने ड्राइवर से पूछताछ की तो बताया माल टीआई (अभिनव) शुक्ला का है। जांच में खुलासा हुआ करीब एक करोड़ रुपए कीमती यह माल कुख्यात तस्कर लालसिंह सिसौदिया ने भेजा था।
सिसौदिया से शुक्ला की पार्टनरशिप हो गई थी। हालांकि उस वक्त जोड़तोड़ कर शुक्ला गिरफ्तारी से बच गया। राजस्थान डीजीपी ने पूरे मामले की रिपोर्ट बनाकर मप्र डीजीपी सुरेंद्र सिंह को सौंप दी। इस पर शुक्ला को थाने (भावगढ़) से हटा दिया।
लाला गैंग से मांग थे पांच करोड़
शुक्ला पहले अखेपुर (प्रतापगढ़) के तस्कर गिरोह से जुड़ा हुआ था। यहां के कुख्यात तस्कर चुन्नाू लाला, फिरोज लाला, वसीम लाला, इंतेखाब उर्फ मौलाना आदि की तस्करी में साथ दिया। फिरोज लाला ने टीआई को पोस्टिंग में अहम भूमिका निभाई थी। माल पास करवाने के वादे के बाद एक विधायक से नोटशीट लिखवाकर शुक्ला का ट्रांसफर मंदसौर करवाया था। कुछ समय पूर्व लाला विरोधी लाल सिंह से गठजोड़ हुआ। शुक्ला ने लाला के राजदार ड्राइवर को तोड़ लिया।
वह उसके लिए मुखबरी करने लगा। शुक्ला ने लाला के अड्डे व गोदामों से कर्मचारियों को पकड़ना शुरू कर दिया। परेशान लाला गिरोह ने सेटिंग करने के लिए मीटिंग की। इस पर शुक्ला ने जेल में बंद इंतेखाब से बात की और समझौते के एवज में दो साल की बंदी के पांच करोड़ रुपए एक मुश्त मांगे। लाला गुट ने रुपए देने से इंकार कर दिया। उन्होंने नेता और अफसरों से उसके कारनामों की सीडी बनाई और अफसरों तक पहुंचा दी।
ऐसे होता है तस्करों से गठजोड़
पूछताछ में शामिल अफसरों के मुताबिक मंदसौर-नीमच के तस्कर राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, हैदराबाद और मुंबई माल सप्लाय करते हैं। उनकी टीआई से सेटिंग हो जाती है। टीआई हाईवे और टोलनाकों पर विश्वासपात्र जवानों को तैनात करता है। उनकी गाड़ी ट्रक के आगे चलती है। थाना क्षेत्र पार करवाकर लौट आते हैं। टीआई ट्रक में लोड माल के वजन में रेसो डील कर लेता है
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