By toc news
Tuesday, 20 October 2015
नई दिल्ली : जजों की नियुक्ति के मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर टिप्पणी करना केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली को महंगा पड़ गया है. जेटली की इस संबंध में की गई फेसबुक पोस्ट के खिलाफ महोबा के कुलपहाड़ कोर्ट में देशद्रोह और कोर्ट की अवमानना का केस कर्ज किया गया है.
महोबा जिले की कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए उनके खिलाफ देशद्रोह और कोर्ट की अवमानना का केस दर्ज किया है. जेटली को 19 नवंबर को पेश होने का समन जारी हुआ है. एडवोकेट सुरेंद्र कुमार के अनुसार जनप्रतिनिधि होने के बावजूद सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ टिप्पणी की
जजों की नियुक्ति के लिए न्यायिक आयोग को शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने असंवैधानिक ठहराया था. जेटली ने इस पर आपत्ति जताते हुए फेसबुक पर टिप्पणी लिखी थी. उन्होंने कहा था कि भारतीय लोकतंत्र में ऐसे लोगों की निरंकुशता नहीं चल सकती जो चुने नहीं गए हों.
Tuesday, 20 October 2015
नई दिल्ली : जजों की नियुक्ति के मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर टिप्पणी करना केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली को महंगा पड़ गया है. जेटली की इस संबंध में की गई फेसबुक पोस्ट के खिलाफ महोबा के कुलपहाड़ कोर्ट में देशद्रोह और कोर्ट की अवमानना का केस कर्ज किया गया है.
महोबा जिले की कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए उनके खिलाफ देशद्रोह और कोर्ट की अवमानना का केस दर्ज किया है. जेटली को 19 नवंबर को पेश होने का समन जारी हुआ है. एडवोकेट सुरेंद्र कुमार के अनुसार जनप्रतिनिधि होने के बावजूद सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ टिप्पणी की
जजों की नियुक्ति के लिए न्यायिक आयोग को शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने असंवैधानिक ठहराया था. जेटली ने इस पर आपत्ति जताते हुए फेसबुक पर टिप्पणी लिखी थी. उन्होंने कहा था कि भारतीय लोकतंत्र में ऐसे लोगों की निरंकुशता नहीं चल सकती जो चुने नहीं गए हों.
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