🌀बिना लाइसेंस वाले लोकल न्यूज चैनल अवैध🌀
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय से बिना लाइसेंस लिए चल रहे लोकल न्यूज चैनल अवैध हैं । केवल सेटेलाइट न्यूज चैनल ही केबल कनेक्शन पर चल सकते हैं। केबल पर कुछ निजी लोकल चैनल न्यूज चैनल की शक्ल में चल रहे हैं। ये अवैध हैं क्योंकि इनके पास कोई लाइसेंस नहीं हैं। जिलाधीश या पुलिस कमिश्नर या सब डिविजनल मैजिस्ट्रेट किसी भी उल्लंघन करने वाले लोकल न्यूज चैनल, केबल ऑपरेटर के खिलाफ ऐक्शन ले सकते है।
केबल ऑपरेटर का लायसेंस अलग होता है| सेटेलाइट या केबल पर न्यूज प्रसारण हेतू सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय से न्यूज चैनल लाइसेंस प्राप्त करना आवश्यक होता हैं।
केबल टेलीविजन नेटवर्क विनियम संशोधन विधेयक 2006 के अनुसार, बिना पंजीयन लोकल न्यूज चलाई तो यह कानूनन जुर्म हैं जिसके लिए सजा का प्रावधान हैं। 1995 केबल एक्ट के तहत कोई भी एमएसओ खबर, मनोरंजन और विज्ञापन के कार्यक्रम का निर्माण नहीं कर सकता है और न ही खुद से उन्हें रिले कर सकता है। उसका काम सिर्फ सिग्नल लेना और उसे आगे भेजना है। अगर एमएसओ केबल पर लोकल चैनल चलाता नजर आया तो उसका स्टूडियो, मशीनरी सील कर दी जाएगी। इस तरह के चेनल्स के प्रसारण पर दो साल तक की कैद और एक लाख रूपए जुर्माने का प्रावधान किया गया है। दुबारा इस तरह का काम करते पकड़े जाने पर पांच साल तक की कैद और तीन लाख रूपए का जुर्माना आहूत करने का प्रावधान है।
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय से बिना लाइसेंस लिए चल रहे लोकल न्यूज चैनल अवैध हैं । केवल सेटेलाइट न्यूज चैनल ही केबल कनेक्शन पर चल सकते हैं। केबल पर कुछ निजी लोकल चैनल न्यूज चैनल की शक्ल में चल रहे हैं। ये अवैध हैं क्योंकि इनके पास कोई लाइसेंस नहीं हैं। जिलाधीश या पुलिस कमिश्नर या सब डिविजनल मैजिस्ट्रेट किसी भी उल्लंघन करने वाले लोकल न्यूज चैनल, केबल ऑपरेटर के खिलाफ ऐक्शन ले सकते है।
केबल ऑपरेटर का लायसेंस अलग होता है| सेटेलाइट या केबल पर न्यूज प्रसारण हेतू सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय से न्यूज चैनल लाइसेंस प्राप्त करना आवश्यक होता हैं।
केबल टेलीविजन नेटवर्क विनियम संशोधन विधेयक 2006 के अनुसार, बिना पंजीयन लोकल न्यूज चलाई तो यह कानूनन जुर्म हैं जिसके लिए सजा का प्रावधान हैं। 1995 केबल एक्ट के तहत कोई भी एमएसओ खबर, मनोरंजन और विज्ञापन के कार्यक्रम का निर्माण नहीं कर सकता है और न ही खुद से उन्हें रिले कर सकता है। उसका काम सिर्फ सिग्नल लेना और उसे आगे भेजना है। अगर एमएसओ केबल पर लोकल चैनल चलाता नजर आया तो उसका स्टूडियो, मशीनरी सील कर दी जाएगी। इस तरह के चेनल्स के प्रसारण पर दो साल तक की कैद और एक लाख रूपए जुर्माने का प्रावधान किया गया है। दुबारा इस तरह का काम करते पकड़े जाने पर पांच साल तक की कैद और तीन लाख रूपए का जुर्माना आहूत करने का प्रावधान है।
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