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फर्क है इंडोनेशिया और पाकिस्तान में।
कुख्यात अपराधी छोटा राजन की गिरफ्तारी के बाद कहा जा रहा है कि अब भारत के मोस्ट वॉन्टेड दाऊद इब्राहिम को भी पकड़ा लिया जाएगा। जो लोग इस तरह के दावे कर रहे हैं, उन्हें यह समझना चाहिए कि इंडोनेशिया और पाकिस्तान में फर्क है। छोटा राजन को इंडोनेशिया के बाली एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया गया था, जबकि दाऊद इब्राहिम तो पाकिस्तान में सरकारी संरक्षण में ही बैठा हुआ है। यह बात पूर्व में कांग्रेस और वर्तमान में भाजपा की सरकार के प्रधानमंत्री कई बार कह चुके हैं। जब भी पाकिस्तान के साथ द्विपक्षीय वार्ता होती है, तब दाऊद इब्राहिम के पते ठिकाने की सूची दी जाती है, लेकिन पाकिसतान ने आज तक भी यह स्वीकार नहीं किया है कि दाऊद इब्राहिम पाकिस्तान में है। जहां तक छोटा राजन की गिरफ्तारी का सवाल है, तो यह माना जा रहा है कि पी.एम.नरेन्द्र मोदी की कूटनीति की वजह से गिरफ्तारी हुई है।
भारतीय थल सेना के अध्यक्ष रहे और वर्तमान में विदेश राज्यमंत्री जनरल वी.के.सिंह ने पिछले दिनों इंडोनेशिया की यात्रा की थी। इस यात्रा में जो रणनीति बनी, उसी का परिणाम रहा कि छोटा राजन को इंडोनेशिया पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी के बाद छोटा राजन का जो फोटो जारी हुआ है,उसमें यह लग ही नहीं रहा कि गिरफ्तारी से छोटा राजन घबराया हुआ है। अब कुछ ही दिनों में छोटा राजन इंडोनेशिया से भारत भी आ जाएगा, लेकिन छोटा राजन की वजह से दाऊद को पकडऩा आसान नहीं होगा। अपराध जगत की जानकारी रखने वालों के अनुसार छोटा राजन और दाऊद इब्राहिम तो 1993 में मम्बई हमले के बाद ही अलग-अलग हो गए थे। उल्टे राजन गिरोह के शूटरों ने दाऊद गिरोह के कई सदस्यों को मौत के घाट उतार दिया। यानि राजन के पास दाऊद को लेकर जो भी जानकारियां थी, वह पहले ही दी जा चुकी हैं। राजन के पास अब ऐसी कोई जानकारी नहीं है, जिससे पाकिस्तान में बैठे दाऊद को पकड़ा जा सके। जब पाकिस्तान की सरकार ही दाऊद को संरक्षण दे रही है, तो फिर उसकी गिरफ्तारी कैसे हो सकती है? दाऊद को पाकिस्तान की सरकार ही नहीं, बल्कि बदनाम आईएसआई और आतंकवादी संगठनों का भी संरक्षण है। सरकार किसी की भी हो, लेकिन यह विफलता ही दर्शाती है कि 1993 के बाद से दाऊद इब्राहिम का कोई फोटो तक हासिल नहीं किया जा सका। अखबारों और टीवी चैनलों में जो भी फोटो दिखाए जाते हैं वे तब के है, जब 1993 से पहले दाऊद मुम्बई में रहता था। जब हम गत 23 वर्षों में दाऊद का एक फोटो तक हासिल नहीं कर सके, तब उसकी गिरफ्तारी की बात करना बेमानी है। अभी तो यह भी नहीं पता कि दाऊद इब्राहिम जिन्दा भी है या नहीं। हमें यह भी समझना चाहिए कि इंडोनेशिया और पाकिस्तान में फर्क है। इंडोनेशिया की सरकार के सहयोग की वजह से ही छोटा राजन पकड़ा गया है,जबकि इस तरह का सहयोग पाकिस्तान की सरकार दाऊद के मामले में कभी भी नहीं करेगी। जब पाकिस्तान आतंकी भेज कर भारत में अशांति करा रहा है, तब दाऊद इब्राहिम को कैसे भारत को सौंप सकता है?
(एस.पी. मित्तल)
फर्क है इंडोनेशिया और पाकिस्तान में।
कुख्यात अपराधी छोटा राजन की गिरफ्तारी के बाद कहा जा रहा है कि अब भारत के मोस्ट वॉन्टेड दाऊद इब्राहिम को भी पकड़ा लिया जाएगा। जो लोग इस तरह के दावे कर रहे हैं, उन्हें यह समझना चाहिए कि इंडोनेशिया और पाकिस्तान में फर्क है। छोटा राजन को इंडोनेशिया के बाली एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया गया था, जबकि दाऊद इब्राहिम तो पाकिस्तान में सरकारी संरक्षण में ही बैठा हुआ है। यह बात पूर्व में कांग्रेस और वर्तमान में भाजपा की सरकार के प्रधानमंत्री कई बार कह चुके हैं। जब भी पाकिस्तान के साथ द्विपक्षीय वार्ता होती है, तब दाऊद इब्राहिम के पते ठिकाने की सूची दी जाती है, लेकिन पाकिसतान ने आज तक भी यह स्वीकार नहीं किया है कि दाऊद इब्राहिम पाकिस्तान में है। जहां तक छोटा राजन की गिरफ्तारी का सवाल है, तो यह माना जा रहा है कि पी.एम.नरेन्द्र मोदी की कूटनीति की वजह से गिरफ्तारी हुई है।
भारतीय थल सेना के अध्यक्ष रहे और वर्तमान में विदेश राज्यमंत्री जनरल वी.के.सिंह ने पिछले दिनों इंडोनेशिया की यात्रा की थी। इस यात्रा में जो रणनीति बनी, उसी का परिणाम रहा कि छोटा राजन को इंडोनेशिया पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी के बाद छोटा राजन का जो फोटो जारी हुआ है,उसमें यह लग ही नहीं रहा कि गिरफ्तारी से छोटा राजन घबराया हुआ है। अब कुछ ही दिनों में छोटा राजन इंडोनेशिया से भारत भी आ जाएगा, लेकिन छोटा राजन की वजह से दाऊद को पकडऩा आसान नहीं होगा। अपराध जगत की जानकारी रखने वालों के अनुसार छोटा राजन और दाऊद इब्राहिम तो 1993 में मम्बई हमले के बाद ही अलग-अलग हो गए थे। उल्टे राजन गिरोह के शूटरों ने दाऊद गिरोह के कई सदस्यों को मौत के घाट उतार दिया। यानि राजन के पास दाऊद को लेकर जो भी जानकारियां थी, वह पहले ही दी जा चुकी हैं। राजन के पास अब ऐसी कोई जानकारी नहीं है, जिससे पाकिस्तान में बैठे दाऊद को पकड़ा जा सके। जब पाकिस्तान की सरकार ही दाऊद को संरक्षण दे रही है, तो फिर उसकी गिरफ्तारी कैसे हो सकती है? दाऊद को पाकिस्तान की सरकार ही नहीं, बल्कि बदनाम आईएसआई और आतंकवादी संगठनों का भी संरक्षण है। सरकार किसी की भी हो, लेकिन यह विफलता ही दर्शाती है कि 1993 के बाद से दाऊद इब्राहिम का कोई फोटो तक हासिल नहीं किया जा सका। अखबारों और टीवी चैनलों में जो भी फोटो दिखाए जाते हैं वे तब के है, जब 1993 से पहले दाऊद मुम्बई में रहता था। जब हम गत 23 वर्षों में दाऊद का एक फोटो तक हासिल नहीं कर सके, तब उसकी गिरफ्तारी की बात करना बेमानी है। अभी तो यह भी नहीं पता कि दाऊद इब्राहिम जिन्दा भी है या नहीं। हमें यह भी समझना चाहिए कि इंडोनेशिया और पाकिस्तान में फर्क है। इंडोनेशिया की सरकार के सहयोग की वजह से ही छोटा राजन पकड़ा गया है,जबकि इस तरह का सहयोग पाकिस्तान की सरकार दाऊद के मामले में कभी भी नहीं करेगी। जब पाकिस्तान आतंकी भेज कर भारत में अशांति करा रहा है, तब दाऊद इब्राहिम को कैसे भारत को सौंप सकता है?
(एस.पी. मित्तल)
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