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भोपाल। सांची दूध की गिरती क्वालिटी और दूध के असंगत दामों के सवाल पर भोपाल सहकारी दुग्ध संघ मर्यादित के सीईओ केके सक्सेना आज शुक्रवार को बगले झांकते नजर आए। कुछ दिनों से सांची दुग्ध प्रोडक्ट्स की नेगेटिव पब्लिसिटी की वजह से लोगों का सांची दूध की क्वालिटी में कम होते भरोसे के चलते केके सक्सेना आज शुक्रवार को एक पत्रकार वार्ता को संबोधित कर रहे थे।
सीईओ इस सवाल का जवाब नहीं दे पाए कि जब किसानों से दूध खरीदी में चार रुपए लीटर रेट कम करा गया है तो उपभोक्ताओं को उसी अनुपात में दूध के भाव क्यों कम नहीं किए गए हैं। विदित हो कि कुछ महीनों पहले भोपाल सहकारी दुग्ध संघ ने किसानों से 570 रुपए प्रति किलो दूध के फैट्स की कीमत कम कर 500 रुपए प्रति किलो की है। इस नए दर से किसानों से खरीदे जाने वाले दूध की कीमत करीब चार रुपए प्रति लीटर कम हुई है। दुग्ध संघ के सीईओ के अनुसार भोपाल सहकारी दुग्ध संघ रोजाना पांच लाख लीटर से अधिक दूध खरीदता है। किसानों को चार रुपए प्रति लीटर कम रेट देने की वजह से दुग्ध संघ रोजाना बीस लाख रुपए की बचत कर रहा है। भोपाल दुग्ध संघ सीईओ केके सक्सेना इस बात का संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए कि जब दुग्ध संघ दूध खरीदी में रोजाना बीस लाख रुपए बचा रहा है तो अपने उपभोक्ताओं को भी उसी अनुपात में कम रेट में क्यों नहीं दूध दे रहा है।
दूध की कोल्ड चेन मेन्टेनेंस नहीं कर पाने और दूध में पानी मिला दूध टैंकरों के द्वारा सप्लाई होने की वजह से सांची दूध की गिरती क्वालिटी के सवाल पर भी सीईओ केके सक्सेना के पास कोई जवाब नहीं था। विदित हो कि दुग्ध संघ को दूध टैंकरों से सप्लाई होता है। पिछले कुछ महीनों में तीन टैंकरों को पानी मिलकार दूध सप्लाई करते पकड़ा गया है। बाद में एमडी शोभित जैन की पहल पर इन टैंकरों के खिलाफ एफआईआर भी हुई है। यह दूध—पानी का खेल बरसों से दुग्ध संघ अधिकारियों की मिली भगत से चल रहा है, जिस वजह से उपभोक्ताओं को मिलने वाला दूध घटिया क्वालिटी का सप्लाई किया जाता है। इसी तरह कोल्ड चेन मेन्टेनेंस मेन्टेन नहीं कर पाने की वजह से खट्टा और बदबूदार दूध कैमिकल ट्रीटमेंट कर भोली जनता को बेचकर उनकी सेहत के साथ खिलवाड़ किया जाता है। इसी तरह भ्रष्टाचार के चलते कॉस्टिक सोडा से निर्मित नकली दूध भी बड़ी मात्रा में दुग्ध संघ खरीदता है।
दुग्ध संघ सीईओ केके सक्सेना ने दूध की क्वालिटी पर भी पूछे गए सवाल पर यह कहकर पल्ला झाड़ लिया कि मैंने कुछ दिन पहले ही सीईओ के पद पर ज्वाइन किया है। इसलिए मुझे इन सब चीजों की जानकारी नहीं है। सीईओ ने भरोसा दिलाया कि अगर फेडरेशन से उनको पूरा सहयोग मिलेगा तो वह अच्छी क्वालिटी का दूध लोगों को सप्लाई कर सकेंगे। गौरतलब है कि केके सक्सेना को एमडी शोभित जैन के विरोध के बावजूद प्रमुख सचिव प्रभांशु कमल ने अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाते हुए भोपाल दुग्ध संघ का सीईओ बना दिया था। एमडी शोभित जैन ने सीईओ आरके दारुवाला को भोपाल दुग्ध संघ का सीईओ बनाने का प्रस्ताव किया था। सीईओ केके सक्सेना ने एमडी शोभित जैन से अपेक्षित सहयोग नहीं मिलने को लेकर फेडरेशन के बहाने एमडी पर तल्ख टिप्पणी की थी।
दुग्ध संघ सीईओ ने आगे बताया कि दुग्ध संघ का एक नया प्रोडक्ट सांची पुदीना रायता का फैमिली पैक आगामी दस अप्रैल से लान्च किया जा रहा है। इस पुदीना रायता पैक की कीमत 45 रुपए रखी गई है। इसके अलावा 200 मिली लीटर पाउच में लस्सी लाइट भी आगामी 15 अप्रैल से लान्च की जा रही हैं। इस साल के शुरु में सांची मिल्क केके 250 और 500 ग्राम पैकिंग में लान्च किया गया है जिसका बहुत अच्छा रिस्पॉन्स मिल रहा है।
भोपाल। सांची दूध की गिरती क्वालिटी और दूध के असंगत दामों के सवाल पर भोपाल सहकारी दुग्ध संघ मर्यादित के सीईओ केके सक्सेना आज शुक्रवार को बगले झांकते नजर आए। कुछ दिनों से सांची दुग्ध प्रोडक्ट्स की नेगेटिव पब्लिसिटी की वजह से लोगों का सांची दूध की क्वालिटी में कम होते भरोसे के चलते केके सक्सेना आज शुक्रवार को एक पत्रकार वार्ता को संबोधित कर रहे थे।
सीईओ इस सवाल का जवाब नहीं दे पाए कि जब किसानों से दूध खरीदी में चार रुपए लीटर रेट कम करा गया है तो उपभोक्ताओं को उसी अनुपात में दूध के भाव क्यों कम नहीं किए गए हैं। विदित हो कि कुछ महीनों पहले भोपाल सहकारी दुग्ध संघ ने किसानों से 570 रुपए प्रति किलो दूध के फैट्स की कीमत कम कर 500 रुपए प्रति किलो की है। इस नए दर से किसानों से खरीदे जाने वाले दूध की कीमत करीब चार रुपए प्रति लीटर कम हुई है। दुग्ध संघ के सीईओ के अनुसार भोपाल सहकारी दुग्ध संघ रोजाना पांच लाख लीटर से अधिक दूध खरीदता है। किसानों को चार रुपए प्रति लीटर कम रेट देने की वजह से दुग्ध संघ रोजाना बीस लाख रुपए की बचत कर रहा है। भोपाल दुग्ध संघ सीईओ केके सक्सेना इस बात का संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए कि जब दुग्ध संघ दूध खरीदी में रोजाना बीस लाख रुपए बचा रहा है तो अपने उपभोक्ताओं को भी उसी अनुपात में कम रेट में क्यों नहीं दूध दे रहा है।
दूध की कोल्ड चेन मेन्टेनेंस नहीं कर पाने और दूध में पानी मिला दूध टैंकरों के द्वारा सप्लाई होने की वजह से सांची दूध की गिरती क्वालिटी के सवाल पर भी सीईओ केके सक्सेना के पास कोई जवाब नहीं था। विदित हो कि दुग्ध संघ को दूध टैंकरों से सप्लाई होता है। पिछले कुछ महीनों में तीन टैंकरों को पानी मिलकार दूध सप्लाई करते पकड़ा गया है। बाद में एमडी शोभित जैन की पहल पर इन टैंकरों के खिलाफ एफआईआर भी हुई है। यह दूध—पानी का खेल बरसों से दुग्ध संघ अधिकारियों की मिली भगत से चल रहा है, जिस वजह से उपभोक्ताओं को मिलने वाला दूध घटिया क्वालिटी का सप्लाई किया जाता है। इसी तरह कोल्ड चेन मेन्टेनेंस मेन्टेन नहीं कर पाने की वजह से खट्टा और बदबूदार दूध कैमिकल ट्रीटमेंट कर भोली जनता को बेचकर उनकी सेहत के साथ खिलवाड़ किया जाता है। इसी तरह भ्रष्टाचार के चलते कॉस्टिक सोडा से निर्मित नकली दूध भी बड़ी मात्रा में दुग्ध संघ खरीदता है।
दुग्ध संघ सीईओ केके सक्सेना ने दूध की क्वालिटी पर भी पूछे गए सवाल पर यह कहकर पल्ला झाड़ लिया कि मैंने कुछ दिन पहले ही सीईओ के पद पर ज्वाइन किया है। इसलिए मुझे इन सब चीजों की जानकारी नहीं है। सीईओ ने भरोसा दिलाया कि अगर फेडरेशन से उनको पूरा सहयोग मिलेगा तो वह अच्छी क्वालिटी का दूध लोगों को सप्लाई कर सकेंगे। गौरतलब है कि केके सक्सेना को एमडी शोभित जैन के विरोध के बावजूद प्रमुख सचिव प्रभांशु कमल ने अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाते हुए भोपाल दुग्ध संघ का सीईओ बना दिया था। एमडी शोभित जैन ने सीईओ आरके दारुवाला को भोपाल दुग्ध संघ का सीईओ बनाने का प्रस्ताव किया था। सीईओ केके सक्सेना ने एमडी शोभित जैन से अपेक्षित सहयोग नहीं मिलने को लेकर फेडरेशन के बहाने एमडी पर तल्ख टिप्पणी की थी।
दुग्ध संघ सीईओ ने आगे बताया कि दुग्ध संघ का एक नया प्रोडक्ट सांची पुदीना रायता का फैमिली पैक आगामी दस अप्रैल से लान्च किया जा रहा है। इस पुदीना रायता पैक की कीमत 45 रुपए रखी गई है। इसके अलावा 200 मिली लीटर पाउच में लस्सी लाइट भी आगामी 15 अप्रैल से लान्च की जा रही हैं। इस साल के शुरु में सांची मिल्क केके 250 और 500 ग्राम पैकिंग में लान्च किया गया है जिसका बहुत अच्छा रिस्पॉन्स मिल रहा है।
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