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बॉलीवुड फिल्मों के चर्चित अभिनेता कादर खान की सेहत बिल्कुल ठीक है. उनका कहना है कि सोशल नेटवर्किंग साइटों पर उनके निधन की अफवाह फैलाए जाने से वह और उनका परिवार बहुत परेशान है. 77 वर्षीय अभिनेता ने गप्पबाजी के सौदागरों से अपील की है कि वे अफवाह फैलाना बंद करें.
हास्य अभिनेता कादर खान ने कहा कि अफवाह से मेरा परिवार बहुत परेशान और चिंतित है. इन सब ने मेरे परिवार को हिलाकर रख दिया है. जिस किसी ने भी ऐसी अफवाह फैलाई हो, कृपया यह सब बंद करें.
उन्होंने कहा कि एक दिन तो सब को जाना है और मैं आप सबकी दुआएं लेकर जाऊंगा, अभी मैं पूरी तरह ठीक हूं.
कादर खान चार दशकों से नकारात्मक से लेकर हास्यपूर्ण भूमिकाएं तक निभाते आए हैं. उन्होंने 'कुली', 'बाप नंबरी बेटा दस नंबरी', 'हम', 'बोल राधा बोल', 'आखें', 'राजा बाबू' और 'जुड़वा' सहित 350 से अधिक फिल्मों में काम किया है. इसके अलावा कई फिल्मों की पटकथा और संवाद भी लिखे हैं तथा निर्देशन भी किया है.
उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत के पिशिन में 22 अक्टूबर 1935 को जन्मे कादर खान 1970 से 1975 के बीच बाइकुला स्थित एम.एच. साबू सिद्दीक कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग में सिविल इंजीनियरिंग के प्रोफेसर रह चुके हैं. उनके दो बेटे हैं- सरफराज और शाहनवाज खान. नाटकों में उनके अभिनय से प्रभावित होकर दिलीप कुमार उन्हें फिल्मी दुनिया में ले आए.
बॉलीवुड फिल्मों के चर्चित अभिनेता कादर खान की सेहत बिल्कुल ठीक है. उनका कहना है कि सोशल नेटवर्किंग साइटों पर उनके निधन की अफवाह फैलाए जाने से वह और उनका परिवार बहुत परेशान है. 77 वर्षीय अभिनेता ने गप्पबाजी के सौदागरों से अपील की है कि वे अफवाह फैलाना बंद करें.
हास्य अभिनेता कादर खान ने कहा कि अफवाह से मेरा परिवार बहुत परेशान और चिंतित है. इन सब ने मेरे परिवार को हिलाकर रख दिया है. जिस किसी ने भी ऐसी अफवाह फैलाई हो, कृपया यह सब बंद करें.
उन्होंने कहा कि एक दिन तो सब को जाना है और मैं आप सबकी दुआएं लेकर जाऊंगा, अभी मैं पूरी तरह ठीक हूं.
कादर खान चार दशकों से नकारात्मक से लेकर हास्यपूर्ण भूमिकाएं तक निभाते आए हैं. उन्होंने 'कुली', 'बाप नंबरी बेटा दस नंबरी', 'हम', 'बोल राधा बोल', 'आखें', 'राजा बाबू' और 'जुड़वा' सहित 350 से अधिक फिल्मों में काम किया है. इसके अलावा कई फिल्मों की पटकथा और संवाद भी लिखे हैं तथा निर्देशन भी किया है.
उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत के पिशिन में 22 अक्टूबर 1935 को जन्मे कादर खान 1970 से 1975 के बीच बाइकुला स्थित एम.एच. साबू सिद्दीक कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग में सिविल इंजीनियरिंग के प्रोफेसर रह चुके हैं. उनके दो बेटे हैं- सरफराज और शाहनवाज खान. नाटकों में उनके अभिनय से प्रभावित होकर दिलीप कुमार उन्हें फिल्मी दुनिया में ले आए.
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