Sunday, June 19, 2016

स्माल एवं मध्यम समाचार पत्रों को खत्म करने की साजि

नई दिल्ली। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने नई विज्ञापन नीति जारी की है। इस विज्ञापन नीति के लागू हो जाने के बाद देश के 80 से 90 फ़ीसदी लघु एवं मध्यम श्रेणी के भाषाई समाचार पत्र विज्ञापन के अभाव में बंद हो जाएंगे। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने जो नई अंकीय व्यवस्था लागू की है। उसके बाद लघु एवं मध्यम समाचार पत्रों को केंद्र एवं राज्य सरकारों के विज्ञापन मिलना संभव ही नहीं होगा। डीएवीपी ने जो नई नीति जारी की है उसमें अंकों के आधार पर समाचार पत्रों को विज्ञापन सूची में वरीयता क्रम में विज्ञापन देने के लिए चयन करने की बात कही गई है। सूचना प्रसारण मंत्रालय के डीएव्हीपी द्वारा दिनांक 15 जून को जो पत्र जारी किया गया है उसमें एबीसी और आरएनआई का प्रमाण पत्र 25 हजार प्रसार संख्या से अधिक वाले समाचार पत्रों के लिए अनिवार्य किया गया है । इसके लिए 25 अंक रखे गए हैं । इसी तरह कर्मचारियों की पीएफ अंशदान पर 20 अंक रखे गए हैं । समाचार पत्र की पृ… संख्या के आधार पर 20 अंक निर्धारित किए गए हैं। समाचार पत्र द्वारा जिन 3 एजेंसियों के लिए 15 अंक निर्धारित किए गए हैं। स्वयं की प्रिंटिंग प्रेस होने पर 10 अंक और प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया की प्रसार संख्या के आधार पर फीस जमा करने पर 10 अंक दिए गए हैं । इस तरह 100 अंक का वर्गीकरण किया गया है, जो वर्तमान में 90 फीसदी लघु एवं मध्यम समाचार पत्र पूरा नहीं कर सकते हैं।

इस नई विज्ञापन नीति के लागू होने के बाद बड़े राष्ट्रीय एवं प्रादेशिक समाचार पत्रों को ही अब केंद्र एवं राज्य सरकारों के विज्ञापन जारी हो सकेंगे। लघु एवं मध्यम श्रेणी के समाचार पत्र डीएवीपी की विज्ञापन सूची से या तो बाहर हो जाएंगे या उन्हें साल में 15 अगस्त 26 जनवरी के ही विज्ञापन मिल पाएंगे। सूचना प्रसारण मंत्रालय द्वारा विज्ञापन नीति 2016 के अनुसार 25 हजार से ऊपर प्रसार संख्या वाले समाचार पत्रों को 30 जून तक नई विज्ञापन नीति के अनुरूप ऑनलाइन जानकारी भरने को कहा गया है। इस पत्र में यह भी कहा गया है कि जिन समाचार पत्रों को 45 अंक से कम प्राप्त होंगे, उन समाचार पत्रों को विज्ञापन सूची से पृथक किया जा सकता है। नई विज्ञापन नीति में डीएवीपी देश के 90 फीसदी भाषाई समाचार पत्र डीएवीपी की विज्ञापन सूची से बाहर हो जाएंगे।

     

-अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर आघात

केंद्र एवं राज्य सरकारें विज्ञापन के बल पर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया को पूरी तरह नियंत्रित कर पाने में सफल हुई हैं। अब यही प्रयोग प्रिंट मीडिया पर लागू किया गया है। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा जो नई विज्ञापन नीति जारी की गई है। उसके लागू होने के बाद देशभर के राष्ट्रीय स्तर के करीब एक दर्जन समाचार-पत्र तथा प्रादेशिक स्तर के लगभग 100 समाचार पत्र ही अब केंद्र सरकार के विज्ञापनों पर प्राथमिकता से हक अधिकार रख पाएंगे। डीएवीपी व्यवसायिक दृष्टि को अपनाते हुए केवल उन्हीं समाचार पत्रों को विज्ञापन जारी करेगी जिनकी पृ‰ संख्या काफी ज्यादा है और काफी बड़े समाचार पत्र हैं। उन्हें ही विज्ञापन जारी करेगी। सरकार की इस नीति से भाषाई अखबार जो बड़े पैमाने पर विभिन्न प्रदेशों से भाषा के आधार पर कई दशकों से प्रसारित हो रहे हैं और उनका जनमानस में बहुत बड़ा असर है। अब इनको विज्ञापन मिलना संभव नहीं होगा ।



-डीएवीपी को आधार मानती है देश की सभी राज्य सरकारें

डीएवीपी के रेट को आधार मानकर राज्यों में उन्हीं समाचार पत्रों को विज्ञापन प्राथमिकता से जारी करते हैं जो डीएवीपी की सूची में दर्ज है । उनके रेट डीएवीपी ने मान्य किए हैं। नई नीति में देश के 90 फीसदी लघु एवं मध्यम श्रेणी के समाचार पत्र अब सूची से बाहर हो जाएंगे। इस स्थिति में उन्हें राज्य सरकारों के विज्ञापन भी नहीं मिल पाएंगे ।



-सुनियोजित षड्यंत्र

सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा 2016 में जारी की गई है। नीति में षडय़ंत्र की बू आ रही है। समाचार पत्र संचालकों के अनुसार इसमें मात्र तीन समाचार एजेंसी को मान्यता दी है। जबकि पिछले 10 वर्षों में भाषाई एजेंसियां बड़े पैमाने पर काम कर रही हैं। उनकी सेवाएं हजारों समाचार पत्र ले रहे हैं। उन्हें नई नीति में अनदेखा किया गया है।

6000 से 75000 की प्रसार संख्या वाले समाचार पत्रों के लिए अभी तक सीए (चार्टर्ड एकाउन्टेंट) का प्रमाण पत्र लेना अनिवार्य था। नई नीति में 25000 से 75000 तक के समाचार पत्रों को एबीसी अथवा आरएनआई से प्रसार संख्या प्रमाणित कराने की अनिवार्यता रखी गई है। मात्र 15 दिनों के अंदर यह प्रमाण पत्र प्राप्त कर पाना किसी भी समाचार पत्र के लिए संभव नहीं है । एबीसी और आरएनआई के लिए भी हजारों समाचार पत्रों की प्रसार संख्या का ऑडिट कर पाना संभव भी नहीं है। नई व्यवस्था में जान-बूझकर इस तरीके के प्रावधान रखे गए हैं जो लघु एवं मध्यम समाचार पत्रों द्वारा न तो पूरे किए जा सकते हैं ना ही उन पर लागू होते हैं । ऐसी स्थिति में नए नियमों में 25000 से 75000 संख्या वाले समाचार पत्रों को 25 से 30 अंक मिलना भी संभव नहीं होगा। डीएवीपी ने न्यूनतम 45 अंक अनिवार्य किया है। लघु एवं मध्यम समाचार पत्रों द्वारा इस नीति का व्यापक विरोध किया जा रहा है। समाचार एजेंसी को कई प्रादेशिक संगठनों एवं समाचार पत्र संचालकों द्वारा बताया गया है कि यह नीति स्वतंत्रता की अभिव्यक्ति पर अभी तक का सबसे बड़ा आघात माना जा सकता है। कई समाचार पत्र मालिकों ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि बड़े-बड़े कारपोरेट घरानों का यह एक बहुत बड़ा षडयंत्र है। जिस तरह इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर विज्ञापन देकर सरकारों ने अपना नियंत्रण कर लिया है। उसी तरह अब प्रिंट मीडिया को नियंत्रित करने भाषाई अखबारों को समाप्त करने का षड्यंत्र रचा गया है । जिसका भारी विरोध समाचार पत्र संचालक कर रहे हैं । इस नीति के लागू होने से देश के लगभग 1 लाख पत्रकारों के बेरोजगार होने की संभावना बन गई है।

No comments:

Post a Comment

CCH ADD

CCH ADD
CCH ADD

dhamaal Posts

जिला ब्यूरो प्रमुख / तहसील ब्यूरो प्रमुख / रिपोर्टरों की आवश्यकता है

जिला ब्यूरो प्रमुख / तहसील ब्यूरो प्रमुख / रिपोर्टरों की आवश्यकता है

ANI NEWS INDIA

‘‘ANI NEWS INDIA’’ सर्वश्रेष्ठ, निर्भीक, निष्पक्ष व खोजपूर्ण ‘‘न्यूज़ एण्ड व्यूज मिडिया ऑनलाइन नेटवर्क’’ हेतु को स्थानीय स्तर पर कर्मठ, ईमानदार एवं जुझारू कर्मचारियों की सम्पूर्ण मध्यप्रदेश एवं छत्तीसगढ़ के प्रत्येक जिले एवं तहसीलों में जिला ब्यूरो प्रमुख / तहसील ब्यूरो प्रमुख / ब्लाक / पंचायत स्तर पर क्षेत्रीय रिपोर्टरों / प्रतिनिधियों / संवाददाताओं की आवश्यकता है।

कार्य क्षेत्र :- जो अपने कार्य क्षेत्र में समाचार / विज्ञापन सम्बन्धी नेटवर्क का संचालन कर सके । आवेदक के आवासीय क्षेत्र के समीपस्थ स्थानीय नियुक्ति।
आवेदन आमन्त्रित :- सम्पूर्ण विवरण बायोडाटा, योग्यता प्रमाण पत्र, पासपोर्ट आकार के स्मार्ट नवीनतम 2 फोटोग्राफ सहित अधिकतम अन्तिम तिथि 30 मई 2019 शाम 5 बजे तक स्वंय / डाक / कोरियर द्वारा आवेदन करें।
नियुक्ति :- सामान्य कार्य परीक्षण, सीधे प्रवेश ( प्रथम आये प्रथम पाये )

पारिश्रमिक :- पारिश्रमिक क्षेत्रिय स्तरीय योग्यतानुसार। ( पांच अंकों मे + )

कार्य :- उम्मीदवार को समाचार तैयार करना आना चाहिए प्रतिदिन न्यूज़ कवरेज अनिवार्य / विज्ञापन (व्यापार) मे रूचि होना अनिवार्य है.
आवश्यक सामग्री :- संसथान तय नियमों के अनुसार आवश्यक सामग्री देगा, परिचय पत्र, पीआरओ लेटर, व्यूज हेतु माइक एवं माइक आईडी दी जाएगी।
प्रशिक्षण :- चयनित उम्मीदवार को एक दिवसीय प्रशिक्षण भोपाल स्थानीय कार्यालय मे दिया जायेगा, प्रशिक्षण के उपरांत ही तय कार्यक्षेत्र की जबाबदारी दी जावेगी।
पता :- ‘‘ANI NEWS INDIA’’
‘‘न्यूज़ एण्ड व्यूज मिडिया नेटवर्क’’
23/टी-7, गोयल निकेत अपार्टमेंट, प्रेस काम्पलेक्स,
नीयर दैनिक भास्कर प्रेस, जोन-1, एम. पी. नगर, भोपाल (म.प्र.)
मोबाइल : 098932 21036


क्र. पद का नाम योग्यता
1. जिला ब्यूरो प्रमुख स्नातक
2. तहसील ब्यूरो प्रमुख / ब्लाक / हायर सेकेंडरी (12 वीं )
3. क्षेत्रीय रिपोर्टरों / प्रतिनिधियों हायर सेकेंडरी (12 वीं )
4. क्राइम रिपोर्टरों हायर सेकेंडरी (12 वीं )
5. ग्रामीण संवाददाता हाई स्कूल (10 वीं )

SUPER HIT POSTS

TIOC

''टाइम्स ऑफ क्राइम''

''टाइम्स ऑफ क्राइम''


23/टी -7, गोयल निकेत अपार्टमेंट, जोन-1,

प्रेस कॉम्पलेक्स, एम.पी. नगर, भोपाल (म.प्र.) 462011

Mobile No

98932 21036, 8989655519

किसी भी प्रकार की सूचना, जानकारी अपराधिक घटना एवं विज्ञापन, समाचार, एजेंसी और समाचार-पत्र प्राप्ति के लिए हमारे क्षेत्रिय संवाददाताओं से सम्पर्क करें।

http://tocnewsindia.blogspot.com




यदि आपको किसी विभाग में हुए भ्रष्टाचार या फिर मीडिया जगत में खबरों को लेकर हुई सौदेबाजी की खबर है तो हमें जानकारी मेल करें. हम उसे वेबसाइट पर प्रमुखता से स्थान देंगे. किसी भी तरह की जानकारी देने वाले का नाम गोपनीय रखा जायेगा.
हमारा mob no 09893221036, 8989655519 & हमारा मेल है E-mail: timesofcrime@gmail.com, toc_news@yahoo.co.in, toc_news@rediffmail.com

''टाइम्स ऑफ क्राइम''

23/टी -7, गोयल निकेत अपार्टमेंट, जोन-1, प्रेस कॉम्पलेक्स, एम.पी. नगर, भोपाल (म.प्र.) 462011
फोन नं. - 98932 21036, 8989655519

किसी भी प्रकार की सूचना, जानकारी अपराधिक घटना एवं विज्ञापन, समाचार, एजेंसी और समाचार-पत्र प्राप्ति के लिए हमारे क्षेत्रिय संवाददाताओं से सम्पर्क करें।





Followers

toc news