भोपाल // अवधेश पुरोहित @ toc news
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के सत्ता पर काबिज होने के बाद राज्य में जिस तरह से भाजपाई नेताओं का स्तर और उनकी सम्पत्ति में जिस प्रकार से इजाफा हुआ है उससे तो यही लगता है कि शिवराज सरकार की सरकारी योजनाओं का लाभ प्रदेश के हितग्राहियों को नहीं बल्कि सत्ता से जुड़े इन कुबुरों ने भरपूर लाभ उठाया यही वजह है कि तत्कालीन भारतीय जनशक्ति की राष्ट्रीय अध्यक्ष सुश्री उमा भारती ने यह सब देखकर उनका यह कथन था कि शिवराज सरकार के पूर्व जिन लोगों की हैसियत टूटी साइकिल खरीदने की नहीं थी आज वह इस सरकार के चलते आलीशान भवनों और लग्जरी गाडिय़ों में फर्राटे भरते नजर आ रहे हैं, हालांकि इस तरह का कथन उमा भारती का २००८ के दौरान हुआ करता था, लेकिन आज मध्यप्रदेश के भाजपा के सत्ता और संगठन से जुड़े नेताओं की यदि देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जो कि अपनी मन की बात में देश के लोगों को ३० सितम्बर तक अपनी अघोषित आय का खुलासा करने की बात कहते हुए इसके बाद कड़ी कार्यवाही करने की जो चेतावनी दे रहे हैं कुछ भाजपा व अन्य पार्टी के जुड़े नेताओं का इस संबंध में यह कहना है कि यदि सच में हमारे प्रधानमंत्री ने अघोषित आय का खुलासा करने का बीड़ा उठा रखा है तो पहले अपना घर ही साफ कर लें तो बेहतर होगा, क्योंकि इस प्रदेश में शिवराज सरकार के बाद जिस तरह से राज्य में सक्रिय मंत्रियों, अधिकारियों, सत्ता के दलालों और ठेकेदारों का रैकेट के चलते सरकारी योजनाओं में घोटाले और फर्जीवाड़ा करके उनकी राशि अपनी तिजोरियों में भरने का जो दौर चला उसका जीता जागता उदाहरण राज्य के सत्ता और संगठन से जुड़े लोग भी हैं, ऐसा नहीं है कि आजके इन कुबेरपतियों की कुंडली लोगों के पास न हो, इन कुबेरपतियों की स्थिति से भलीभांति उनके पड़ोसी और मित्र भी हैं जो उनकी कल की हैसियत और वर्तमान स्थिति का ठीक से ब्यौरा दे सकते हैं, सवाल यह उठता है कि राज्य में जब शिवराज सरकार के कार्यकाल के दौरान विभिन्न वर्गों के कल्याण के लिये तमाम योजनायें चलाई गई उन सबका लाभ जिनके लिये यह योजना चलाई गई उन वर्गों में दिखाई नहीं दे रहा हां, यह जरूर है कि भाजपा के सत्ता और संगठन से जुड़े नेताओं और राज्य में सक्रिय रैकेट के संरक्षण में जो गोरखधंधा इस राज्य में चल रहा है उसके चलते ही जो लोग कुबेरपति बन गये हैं उनकी तो मोदी जांच करवालें और यह भी देख लें कि प्रदेश की सत्ता से जुड़े लोगों के परिजनों की जिनकी हालत कल तक काफी दयनीय थी आज उनपर कुबेर इस तरह से मेहरबान है कि वह दिन-दूनी रात चौगुने फलते-फूलते नजर आ रहे हैं कुल मिलाकर मोदी के इस तरह के बयान को लेकर राज्य की आम जनता के साथ-साथ कई नेता भी दबी जुबान से इस तरह की चर्चा करते नजर आ रहे हैं यदि सही में मोदी देश से काला धन समाप्त करने की दिशा में सार्थक पहल चलाने का बीड़ा उठा रखा है तो उन्हें सबसे पहले अपने भाजपा के उन नेताओं का शिवराज सरकार के पूर्व और वर्तमान स्थिति का लेखा जोखा लेकर उनसे यही पूछ लेना चाहिए कि आखिर इस सरकार के चलते उन पर कुबेर किस तरह से मेहरबान हुए हैं, राज्य में जहां भाजपा के सत्ता और संगठन से जुड़े लोगों पर तो कुबेर मेहरबान हुए हैं तो वहीं इन सबके संरक्षण में राज्य में पटवारी से लेकर मंत्रालय में बैठे अधिकारियों की भी सम्पत्ति की भी लगभग यही स्थिति है और इसका जीता जागता उदाहरण है राज्य में चल रही जांच एजेंसियों की छापे की कार्यवाही जिसके चलते जहां छापेमारी की कार्यवाही की जाती है वही करोड़पति नजर आता है। इससे यह साफ जाहिर है कि राज्य में भ्रष्टाचार की गंगोत्री ऊपर से नीचे तक और नीचे से ऊपर तक बह रही है और इसमें हर कोई डुबकी लगाकर अपनी बेनामी सम्पत्ति को दिन-दूनी रात चौगुनी करने में लगा हुआ है इसकी भी जांच होना जरूरी है ताकि राष्ट्र से कालेधन हटाने का जो बीड़ा मोदी ने ले रखा है वह पूरा हो सके।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के सत्ता पर काबिज होने के बाद राज्य में जिस तरह से भाजपाई नेताओं का स्तर और उनकी सम्पत्ति में जिस प्रकार से इजाफा हुआ है उससे तो यही लगता है कि शिवराज सरकार की सरकारी योजनाओं का लाभ प्रदेश के हितग्राहियों को नहीं बल्कि सत्ता से जुड़े इन कुबुरों ने भरपूर लाभ उठाया यही वजह है कि तत्कालीन भारतीय जनशक्ति की राष्ट्रीय अध्यक्ष सुश्री उमा भारती ने यह सब देखकर उनका यह कथन था कि शिवराज सरकार के पूर्व जिन लोगों की हैसियत टूटी साइकिल खरीदने की नहीं थी आज वह इस सरकार के चलते आलीशान भवनों और लग्जरी गाडिय़ों में फर्राटे भरते नजर आ रहे हैं, हालांकि इस तरह का कथन उमा भारती का २००८ के दौरान हुआ करता था, लेकिन आज मध्यप्रदेश के भाजपा के सत्ता और संगठन से जुड़े नेताओं की यदि देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जो कि अपनी मन की बात में देश के लोगों को ३० सितम्बर तक अपनी अघोषित आय का खुलासा करने की बात कहते हुए इसके बाद कड़ी कार्यवाही करने की जो चेतावनी दे रहे हैं कुछ भाजपा व अन्य पार्टी के जुड़े नेताओं का इस संबंध में यह कहना है कि यदि सच में हमारे प्रधानमंत्री ने अघोषित आय का खुलासा करने का बीड़ा उठा रखा है तो पहले अपना घर ही साफ कर लें तो बेहतर होगा, क्योंकि इस प्रदेश में शिवराज सरकार के बाद जिस तरह से राज्य में सक्रिय मंत्रियों, अधिकारियों, सत्ता के दलालों और ठेकेदारों का रैकेट के चलते सरकारी योजनाओं में घोटाले और फर्जीवाड़ा करके उनकी राशि अपनी तिजोरियों में भरने का जो दौर चला उसका जीता जागता उदाहरण राज्य के सत्ता और संगठन से जुड़े लोग भी हैं, ऐसा नहीं है कि आजके इन कुबेरपतियों की कुंडली लोगों के पास न हो, इन कुबेरपतियों की स्थिति से भलीभांति उनके पड़ोसी और मित्र भी हैं जो उनकी कल की हैसियत और वर्तमान स्थिति का ठीक से ब्यौरा दे सकते हैं, सवाल यह उठता है कि राज्य में जब शिवराज सरकार के कार्यकाल के दौरान विभिन्न वर्गों के कल्याण के लिये तमाम योजनायें चलाई गई उन सबका लाभ जिनके लिये यह योजना चलाई गई उन वर्गों में दिखाई नहीं दे रहा हां, यह जरूर है कि भाजपा के सत्ता और संगठन से जुड़े नेताओं और राज्य में सक्रिय रैकेट के संरक्षण में जो गोरखधंधा इस राज्य में चल रहा है उसके चलते ही जो लोग कुबेरपति बन गये हैं उनकी तो मोदी जांच करवालें और यह भी देख लें कि प्रदेश की सत्ता से जुड़े लोगों के परिजनों की जिनकी हालत कल तक काफी दयनीय थी आज उनपर कुबेर इस तरह से मेहरबान है कि वह दिन-दूनी रात चौगुने फलते-फूलते नजर आ रहे हैं कुल मिलाकर मोदी के इस तरह के बयान को लेकर राज्य की आम जनता के साथ-साथ कई नेता भी दबी जुबान से इस तरह की चर्चा करते नजर आ रहे हैं यदि सही में मोदी देश से काला धन समाप्त करने की दिशा में सार्थक पहल चलाने का बीड़ा उठा रखा है तो उन्हें सबसे पहले अपने भाजपा के उन नेताओं का शिवराज सरकार के पूर्व और वर्तमान स्थिति का लेखा जोखा लेकर उनसे यही पूछ लेना चाहिए कि आखिर इस सरकार के चलते उन पर कुबेर किस तरह से मेहरबान हुए हैं, राज्य में जहां भाजपा के सत्ता और संगठन से जुड़े लोगों पर तो कुबेर मेहरबान हुए हैं तो वहीं इन सबके संरक्षण में राज्य में पटवारी से लेकर मंत्रालय में बैठे अधिकारियों की भी सम्पत्ति की भी लगभग यही स्थिति है और इसका जीता जागता उदाहरण है राज्य में चल रही जांच एजेंसियों की छापे की कार्यवाही जिसके चलते जहां छापेमारी की कार्यवाही की जाती है वही करोड़पति नजर आता है। इससे यह साफ जाहिर है कि राज्य में भ्रष्टाचार की गंगोत्री ऊपर से नीचे तक और नीचे से ऊपर तक बह रही है और इसमें हर कोई डुबकी लगाकर अपनी बेनामी सम्पत्ति को दिन-दूनी रात चौगुनी करने में लगा हुआ है इसकी भी जांच होना जरूरी है ताकि राष्ट्र से कालेधन हटाने का जो बीड़ा मोदी ने ले रखा है वह पूरा हो सके।
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