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भाजपा सरकार के नोटबंदी के फैसले के खिलाफ दायर जनहित याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को सुनवाई की। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार के नोटबंदी के फैसले पर दखल देने से इंकार कर दिया है।
साथ ही केंद्र सरकार को आदेश भी दिया कि वह जल्द से जल्द नोटबंदी की वजह से लोगों को हो रही परेशानी कम करने के लिए कदम उठाए। सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने कहा, ‘नोटबंदी का फैसला सर्जिकल स्ट्राइक जैसा ना प्रतीत होकर लोगों पर बम फोड़ने जैसा है।’ बता दें कि पीएम नरेंद्र मोदी ने 8 नवंबर को राष्ट्र के नाम संदेश देते हुए 500-1000 रुपये के नोटों को बंद करने की घोषणा की थी।
पीएम की घोषणा के बाद एक वकील ने जनहित याचिका दायर कर मोदी सरकार के फैसले पर तत्काल रोक लगाने की मांग की थी। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को हलफनामा दायर कर बताने को कहा कि नोटों पर पाबंदी के बाद नागरिकों की असुविधा कम करने के लिए क्या उपाय किए गए हैं।
न्यायालय ने अटार्नी जनरल की इस दलील से सहमति जताई कि कालेधन के खिलाफ सर्जिकल हमले से लोगों को थोड़ी-बहुत परेशानी जरूर होगी। केंद्र को कोई नोटिस जारी किए बगैर ही सुप्रीम कोर्ट ने नोट पर पाबंदी के खिलाफ याचिकाओं की अगली सुनवाई 25 नवंबर को तय की है।
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