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- हमीदिया अस्पताल की सिक्यूरटी ने भोजन बाटने वालों को खदेड़ा
- राज्य मंत्रालय में बैठे अधिकारियों ने जारी किया परिपत्र
- शिवराज की मंशा पर पानी फैरा.....
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भोपाल। 10 मार्च 2017 (म.प्र. ब्यूरों) शर्म की बात है प्रदेश में भूखों को भोजन कारकर तृप्त करने वाली संस्थाओं का अब प्रदेश सरकार के राज्य मंत्रालय में बैठे हुए नौकरशाह ऐसे निर्णय करते है की वे गरीब अब भूखे मर जाये हरामखोरी की भी हद होती है सरकार कुछ करे नहीं नहीं और कोई अगर भूखों को भोजन की व्यवस्था करें कर उसे खदेड़ा जा रहा हो बड़ी शर्म की बात है क्या निर्णय स्वंय पर करे तो एक दिन एक समय बगैर भोजन के रह सकते है क्या। यह हालात राजधानी के बड़े अस्पताल हमीदिया में पिछले दिनों सचिवालय से प्रमुख सचिव स्वास्थय के हस्ताक्षर से एक परिपत्र जारी किया गया है।
इस परिपत्र में बताया गया है कि हमीदिया हाॅस्पिटल परिसर में रोगियों के परिजनों को कोई भी संस्था, सहयोगीदाता भोजन वितरण नही कर सकता है। तो क्या गरीबो को सर्कार या प्रबंधन रोज भोजन खिलेगा।
इसके लिए छदमभेषी तीन स्टार वाले निजी सुरक्षाकार्मियों को परिसर में तैनात किया गया है। जो कोई संस्था भोजन बाटने आती है इसको गेट के बाहर निकाला जाता है।
जनसंवेदना संस्था पिछले सात वर्षो से हमीदिया हाॅस्पिटल परिसर में जनभागीदारी से 6 पूड़ी, सब्जी, मिठाई के पैकेट उन लोगों को वितरित करती है जिनके रोगी अस्पताल में भर्ती है और उनके मददगार होकर डैरा डाले हमीदिया अस्पताल में रूके हुए है।
जनसंवेदना की ’’अणर्पूणा चलित भोजन सेवा’’ का यही उद्देश्य था कि कोई भी भूखा न सोए जनसंवेदना के अलावा और भी कई समाजसेवी संस्थाए भोजन वितरित करती है।
हमें समझ नहीं आता है कि किस अधिकारी ने यह अनीति पूर्ण फैसला किया है जबकि शिवराज सरकार 01 अप्रैल से 5 रूपए में भोजन की थाली सबको देने जा रही है।
अगर सरकार के नौकरशाह को गरीबों का निवाला छीनना था तो उसके पूर्व हमीदिया परिसर में 5 रूपए भोजन की थाली का इन्तजाम करना था। गरीबों के साथ यह अन्याय करना उचित है? आप मेरी इस बात से सहमत है तो ’’मानव सेवा ही माधव सेवा’’ में कार्य कर रहा हूॅ मेरी आवाज सरकार तक पहुचाए और बताए कि अन्नदान से बढ़कर कोई दान नहीं है। अब सैकडों लोग भूखे सोयेंगें उनका क्या होगा।
यहाँ देश के सबसे बड़े पत्रकार संगठन के मध्यप्रदेश के प्रदेश महासचिव विनय जी. डेविड के कहा की किसी भी प्रकार अगर किसी भी गरीब हताष को अगर रोटी खाने से किसी को वंचित करने का किसी ने भी विरोध किया तो हमारे मुख्यमंत्री से मिलकर इस बात का विरोध कर दोषियों के विरुद्ध कार्यवाही की शिकायत की जाएगी। वही सरकार से इस बात के लिए बाद्य किया जायेगा की वो हर उस वियक्ति को भोजन की निशुल्क व्यवस्था करे की कोई भी व्यक्ति भूखा न सोये जिसकी ये संस्थाए प्रतिदिन सेवा कर व्यवस्था करती है.
आर.एस.अग्रवाल
9826013975
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