खुले में शौच से मुक्त प्रदेश का प्रथम जिला बना नरसिंहपुर
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नरसिंहपुर, 09 मार्च 2017. मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने गाडरवारा में आयोजित मुख्यमंत्री स्वच्छता सम्मान समारोह में नरसिंहपुर जिले को खुले में शौच से मुक्त घोषित किया। नरसिंहपुर अब प्रदेश का प्रथम सम्पूर्ण (ग्रामीण एवं शहरी) ओडीएफ जिला बन गया है। मुख्यमंत्री ने सम्मान समारोह में जिले को खुले में शौच से मुक्त बनाने में योगदान देने वाले तथा मेहनत और लगन से कार्य करने वाले जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों- कर्मचारियों, नागरिकों, प्रेरकों, वानर सेना, निगरानी समितियों, सरपंचों, त्रि- स्तरीय पंचायतों के पदाधिकारियों, नगरीय निकायों की मुक्त कंठ से प्रशंसा की और उनका अभिनंदन किया। ओडीएफ में योगदान देने वालों को प्रशस्ति पत्र एवं स्मृति चिन्ह प्रदान किये। उन्होंने जिले के खुले में शौच से मुक्त होने पर जिलावासियों को बधाई दी। मुख्यमंत्री ने साथ ही यह भी कहा कि अब आगे भी सावधानी रखने की जरूरत है, ताकि परिश्रम बेकार न जाये। जिले में आगे भी कोई खुले में शौच के लिए न जाये। शौचालय का उपयोग करना लोगों की आदत में शुमार हो।
इस अवसर पर केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री श्री फग्गन सिंह कुलस्ते, लोक निर्माण, विधि एवं विधायी कार्य मंत्री तथा नरसिंहपुर जिले के प्रभारी मंत्री श्री रामपाल सिंह, सांसद श्री राव उदय प्रताप सिंह, विधायक श्री गोविंद सिंह पटैल, श्री जालम सिंह पटैल व श्री संजय शर्मा, जिला पंचायत अध्यक्ष श्री संदीप पटैल, अपैक्स बैंक के पूर्व उपाध्यक्ष श्री कैलाश सोनी, जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक के अध्यक्ष श्री वीरेन्द्र फौजदार, पूर्व विधायक श्री भैयाराम पटैल, श्री नरेश पाठक व श्री हाकम सिंह चड़ार, जिला पंचायत की उपाध्यक्ष श्रीमती शीला देवी ठाकुर, यूनिसेफ के स्टेट चीफ श्री माइकल जूमा, जनपद पंचायतों एवं नगरीय निकायों के अध्यक्ष, सरपंच, प्रेरक, निगरानी समिति के सदस्य, पुलिस एवं प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी और बड़ी संख्या में नागरिकगण मौजूद थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जहां महिलाओं, माताओं एवं बहिनों का अपमान होता है वह क्षेत्र कभी सुखी नहीं रह सकता। उन्होंने कहा कि मासूम बच्चियों के साथ दुराचार करने वालों को जीने का अधिकार नहीं होना चाहिये। ऐसे लोगों को मृत्युदंड देने का कानून मध्यप्रदेश में बनाकर केन्द्र सरकार और राष्ट्रपति को भेजा जायेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी वर्गों की विधवा महिलाओं को 300 रूपये प्रतिमाह की पेंशन देने का प्रावधान बजट में किया गया है। अब विधवा महिलाओं को कल्याणी कहा जायेगा। महिलाओं को रोजगार से जोड़ने के लिए अलग से महिला रोजगार मेलों का आयोजन प्रदेश में किया जायेगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में स्थानीय निकायों में महिलाओं को 50 प्रतिशत स्थान आरक्षित करने के बहुत अच्छे परिणाम सामने आये हैं और महिला नेतृत्व उभर कर सामने आ रहा है।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि जिस तरह खुले में शौच मुक्त करने के कठिन कार्य को नरसिंहपुर जिलावासियों ने सरलता से किया है वह सराहनीय है। उन्होंने कहा कि इसी तरह जिले की ग्राम पंचायतों को नशे से मुक्त बनायें। जिले को नशा मुक्त बनायें, क्योंकि नशा नाश की जड़ है। नशा से मुक्त बनाने से आशय है कि सभी प्रकार के नशे से नागरिकों को दूर रखना। मुख्यमंत्री ने कहा कि नर्मदा तट के ग्रामों में अब एक अप्रैल से शराब की दुकानें नहीं खुलेंगी।
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रदेश में जितनी भी अवैध कॉलोनियां हैं, उन्हें वैध बनाने के लिए नियम सरल किये गये हैं। अवैध कॉलोनी बनाने वाले बिल्डरों के विरूद्ध कार्रवाई की जायेगी। अवैध कॉलोनी में रहने वाले नागरिकों के विरूद्ध कार्रवाई नहीं होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में प्रत्येक व्यक्ति के पास रहने के लिए अपनी जमीन हो, सरकार इस दिशा में कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2022 तक प्रत्येक परिवार के पास पक्का मकान हो, ऐसी व्यवस्था की जायेगी। यदि शहरों में स्थान की कमी होगी तो मल्टी स्टोरी भवन बनाकर गरीबों को रहने के लिए आवास दिया जायेगा। आवासहीनों को मकान के लिए पट्टे दिये जायेंगे।
मुख्यमंत्री ने उपस्थित नागरिकों का आव्हान किया कि अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा दें। मुख्यमंत्री ने कहा कि हायर सेकेंडरी की बोर्ड परीक्षा में जो बच्चे 85 प्रतिशत से अधिक अंक अर्जित करते हैं और इंजीनियरिंग, मेडिकल, प्रबंधन, आईआईटी, नर्सिंग, कानून की उच्च शिक्षा प्राप्त करते हैं तो उनकी फीस राज्य सरकार भरेगी, इसके लिए बजट में एक हजार करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है। मुख्यमंत्री ने नरसिंहपुर में शुरू की गई प्रतियोगी परीक्षाओं की नि:शुल्क कोचिंग उड़ान की सराहना की। यहां मुख्यमंत्री ने छू लें आसमान लघु फिल्म की सीडी का विमोचन किया।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि जिले के जनप्रतिनिधियों ने जिले से संबंधित जो भी मांगे रखी हैं, उनका परीक्षण कर पूरा किया जायेगा। उन्होंने कहा कि गाडरवारा में अगले सत्र से पॉलीटेक्निक कॉलेज प्रारंभ किया जायेगा। गाडरवारा शहर में पीने के पानी की व्यवस्था के लिए मुख्यमंत्री शहरी पेयजल योजना के अंतर्गत 23.81 करोड़ रूपये दिये जायेंगे। गाडरवारा नगर पालिका को मुख्यमंत्री की विशेष निधि से दो करोड़ रूपये दिये जायेंगे। यहां के सॉलिड बेस्ट मैनेजमेंट क्लस्टर को जबलपुर से जोड़ा जायेगा, इसका उपयोग बिजली बनाने में होगा। मांग के अनुरूप क्षेत्रीय हाई स्कूलों का हायर सेकेंडरी के रूप में उन्नयन किया जायेगा और 33/11 केव्ही की विद्युत सब स्टेशन प्रारंभ की जायेंगी। आवश्यकतानुसार स्टाप डेम और सड़कों का निर्माण किया जायेगा। जिन नगरीय निकायों में कॉलेज की मांग की गई है, उनमें आबादी जहां सबसे अधिक है, एक कॉलेज खोला जायेगा। जिले के नगरीय निकायों को विकास कार्यों के लिए 50- 50 लाख रूपये की पहली किस्त दी जायेगी। गाडरवारा में प्रथम चरण में 1366 मकान बनाने के लिए 52 करोड़ 57 लाख रूपये की राशि स्वीकृत की जायेगी। एनटीपीसी से संबंधित किसानों की समस्याओं का समाधान किया जायेगा।
केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री श्री फग्गन सिंह कुलस्ते ने कहा कि मध्यप्रदेश में सभी क्षेत्रों में उल्लेखनीय प्रगति हुई है, जिसकी पूरी दुनिया में सराहना हो रही है। प्रदेश और जिले में आवश्यकता के अनुरूप स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार किया जायेगा। केन्द्र सरकार स्वास्थ्य सुविधाओं के बेहतरी के लिए हर संभव मदद देगी।
प्रभारी मंत्री श्री रामपाल सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार ने सभी वर्गों के हित के लिए उल्लेखनीय कार्य किये हैं, जिनकी पूरे देश में सराहना हो रही है। उन्होंने नरसिंहपुर जिले को खुले में शौच से मुक्त होने पर बधाई दी और कहा कि जिलावासी एकबार जो संकल्प ले लेते हैं, उसे पूरा करने में कोई कसर नहीं छोड़ते।
कार्यक्रम में सांसद श्री राव उदय प्रताप सिंह ने कहा कि जिला एवं प्रदेश का विकास मुख्यमंत्री जी की सर्वोच्च प्राथमिकता है। इस बार नरसिंहपुर जिले के विकास कार्यों के लिए प्रदेश के बजट में चार सौ से पांच सौ करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है। विधायक श्री गोविंद सिंह पटैल ने क्षेत्रीय आवश्यकताओं की ओर मुख्यमंत्री का ध्यान आकृष्ट किया। कार्यक्रम में जिला पंचायत अध्यक्ष ने कहा कि जिलावासियों ने दो साल के अथक प्रयासों से जिले को खुले में शौच से मुक्त बनाया। इस दिशा में योगदान देने वाले लोगों की उन्होंने भूरी- भूरी प्रशंसा की।
यूनिसेफ के स्टेट चीफ श्री माइकल जूमा ने भी संबोधित किया और जिले को ओडीएफ बनाने के लिए जिलावासियों की सराहना की। कलेक्टर डॉ. आरआर भोंसले ने प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि जिले के ओडीएफ हो जाने के बाद हमें आगामी एक साल तक सघन फालोअप करते रहना होगा।
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