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नोएडा। काफी दिन से गठबंधन को लेकर लगाए जा रहे कयासों पर शनिवार को विराम लग गया। लखनऊ में एक संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और बसपा सुप्रीमो मायावती ने गठबंधन का ऐलान कर दिया। दोनों ने 38-38 सीटों के बंटवारे पर बात फाइनल की। इसके अलावा दो सीटें सहयोगियों के लिए छोड़ी गई हैं। जबकि दो सीटों पर गठबंधन अपने प्रत्याशी नहीं उतारेगा। अमेठी और रायबरेली की सीटें कांग्रेस के लिए छोड़ी गई हैं।
इमरान मसूद ने यह कहा
इसके बाद जब उत्तर प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष इमरान मसूद से प्रतिक्रिया ली गई तो उन्होंने कहा, बिना कांग्रेस के गठबंधन का कोई मतलब नहीं है। इसका क्या महत्व है? क्या औचित्य है? वे क्या करेंगे हमारे बिना? मोदी के खिलाफ कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी आवाज उठा हैं। ये क्या करेंगे? वे अगर कांग्रेस को कमजोर समझ रहे हैं तो 2009 के चुनाव पर नजर डाल लें।
रालोद ने दिए कांग्रेस से गठबंधन के संकेत
उधर, इस गठबंधन के ऐलान के बाद रालोद के महासचिव ओमवीर सिंह ढाका ने भी कहा कि हाईकमान विचार-विमर्श के बाद निर्णय लेगा। उन्होंने यह भी कहा कि चौधरी अजित सिंह ने दो सीटों पर समझौते से इंकार कर दिया था। पार्टी किसानों का हित करने वाले दल से गठबंधन करेगी। उन्होंने कांग्रेस को किसान हितैषी पार्टी बताते हुए उसकी तरफ इशारा किया।
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