बैतूल // राम किशोर पंवार (टाइम्स ऑफ क्राइम)
प्रतिनिधि से सम्पर्क : 74895 92660
toc news internet chainal
प्रतिनिधि से सम्पर्क : 74895 92660
toc news internet chainal
बैतूल । बैतूल के कोठी बाजार के अमृतलाल सोनी को भलां कौन नहीं जानता। सोनी जी को अकसर समाचार पत्रों में फर्जी खबरे छपवाने में महारथ हासिल हैं। लोग निराले और शौक निराले में शामिल अमृतलाल सोनी ने अपनी पत्नि और स्वंय की फोटो छपवा कर अपने पूर्वजों की कथित चार करोड़ की जमीन दान में दे दी थी। जब दान पत्र के पंजीयन शुल्क की बात आई तो सोनी दम्पत्ति दान देने से ही मुकर गई। चार करोड़ की जमीन के कथित दान पत्र की स्टाम्प डियूटी एवं पंजीयन शुल्क को लेकर एक पत्रकार द्वारा पंजीयन विभाग को शिकायत कर शुल्क लेने की शिकायत की तो दो माह तक दानवीर बने सोनी जी अपने माता एवं पिता के नाम से दान देने वाली बात से ही कन्नी काट गए। इस समय सोनी जी को फिर सुर्खियों में छाने का कीड़ा काट खाया हैं। कोठीबाजार निवासी तथाकथित समाजसेवी अमृतलाल सोनी को दुल्हे को साफे बांधने का शौक लगा है। समाजसेवी अपने शौक के चलते जिले सहित अन्य जिलों के दूल्हे और उनके परिजनों के कथित 25 हजार साफे बांध चुके हैं। बांधने का शौक विरासत में मिला है। वे बताते हैं कि पहले राजस्थान के जोधपुर शहर में रहते थे। यहां पर हर घर में साफे बांधने की परंपरा है। पिताजी को साफा बंाधते देख स्वयं ने भी इसे बांधना सीखने की जिद कर ली। दिया। सोनी ने बताया कि अब साफा बांधना उनका शौक बन गया है। बताया जाता है कि वह बैतूल जिले में पिछले 20 वर्षों से अभी तक 25 हजार से अधिक दूल्हे एवं उनके परिजनों का साफा बांधने का काम कर चुके हैं। जिले में बहुत कम लोग ही साफा बांधने का काम करते हैं। इस कारण शादी के सीजन में अधिक लोग साफा बंधवाने आते हैं। उन्होंने बताया कि साफे बांधने के लिए कोई राशि फिक्स करके नहीं रखी है, सिर्फ शगुन की राशि ली जाती है। सोनी जिले में गरीब से गरीब और अमीर से अमीर लोगों को साफा पहना चुके हैं। उनके द्वारा कुछ ही मिनटों में साफा तैयार कर दिया जाता है। उनकी प्रसिद्धि के चलते जिले सहित छिंदवाड़ा, होशंगाबाद आदि जिले से भी लोग साफा बंधवाने आते हैं। टोपी पहनाने में माहीर अमृतलाल सोनी भर से कब किसी को टोपी पहना दे कहा नहीं जा सकता। वैसे कोठी बाजार के लोग अमृतलाल सोनी को दान देने की घोषणा के बाद मुकर जाने से गेमराव सोनी के रूप में ज्यादा जानते एवं पहचानते हैं।
No comments:
Post a Comment