Thursday, May 31, 2012

रोमिंग चार्ज नहीं लगेगा, मोबाइल नंबर वही रहेगा

आपके मोबाइल पर लगने वाला रोमिंग चार्ज खत्म हो जाएगा। कैबिनेट ने आज राष्ट्रीय दूरसंचार नीति-2012 को मंजूरी दे दी है। इस फैसले के चलते अब मोबाइल के दूसरे शहर में इस्तेमाल पर लगने वाला रोमिंग चार्ज खत्म हो जाएगा। साथ ही पूरे देश में एक मोबाइल नंबर ही काम कर सकेगा। यानी शहर बदलने पर मोबाइल नंबर बदलने की जरूरत नहीं रह जाएगी। इसके अलावा स्पेक्ट्रम लाइसेंस के लिए नए सिरे से नीलामी किए जाने का भी फैसला लिया गया है।

नई दूरसंचार नीति में देश भर में रोमिंग चार्ज खत्म करने के साथ ही देशव्यापी नंबर पोर्टिबिलिटी और इंटरनेट ब्रॉडबैंड की स्पीड बढ़ाने की भी बात शामिल है। नंबर पोर्टेबिलिटी की सुविधा का विस्तार करते हुए नई दूरसंचार नीति में इस बात की इजाजत दी गई है कि कोई भी ग्राहक अब देश में कहीं भी जाए, उसे अपना मोबाइल नंबर बदलने की जरूरत नहीं होगी।

इसका मतलब यह हुआ कि सर्विस प्रोवाइडर या शहर (सर्किल) बदलने पर आप अपना पुराना मोबाइल नंबर बरकरार रख सकते हैं। नई दूरसंचार नीति स्पेक्ट्रम की पूलिंग, सहभागिता और आने वाले समय में कारोबार की भी इजाजत देगा। इससे एक कंपनी के पास अधिक मात्रा में स्पेक्ट्रम होने पर वह इसे अन्य के साथ बांट सकती है या फिर उसे बेचकर लाभ कमा सकती है। हालांकि इसके लिए निश्चित तौर पर उन्हें कुछ नियमों का पालन करना होगा। टेलीकॉम इंडस्ट्री लंबे समय से इसकी मांग कर रही थी।


सरकार की ओर से यह नीति लगभग एक दशक बाद उस समय लाई गई है जब एक केंद्रीय मंत्री सहित लगभग 14 लोग वर्ष 2008 के स्पेक्ट्रम आंवटन में कथित गड़बड़ी को लेकर आरोपों के घेरे में हैं। इन सभी का कहना है कि उन्होंने उस समय की नीति का पालन किया था। ऐसे में उनके खिलाफ कार्रवाई सही नहीं है। नई टेलीकॉम पॉलिसी में वर्ष 2020 तक हर गांव तक फोन पहुंचाने के साथ ही ग्रामीण टेलीफोन घनत्व को 37 से बढ़ाकर सौ प्रतिशत करने का लक्ष्य रखा गया है।

यूपी को 25 हजार करोड़ के कर्ज में डुबो गईं मायावती

लखनऊ। मायावती सरकार ने यूपी पर 25 हजार करोड़ का अतिरिक्त कर्ज लाद दिया है जिस कारण बिजली आपूर्ति में बाधा आ रही है। मायावती पर यूपी को कर्जदार बनाने का आरोप लगाते हुए मुख्‍यमंत्री अखिलेश यादव ने मायावती सरकार के भ्रष्टाचार की वजह से राज्य पर अतिरिक्त बोझ बढ़ गया है।

अखिलेश यादव ने कहा कि बसपा सरकार की बेईमानी और भ्रष्टाचार की वजह से बिजली व्यवस्था बदतर हुई। बिजली के कोई संयंत्र नहीं लगवाये गये। मुख्‍यमंत्री ने कहा कि बसपा सरकार की अव्यवस्था की वजह से बैंकों ने कर्ज देने से मना कर दिया है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार बिजली उत्पादन और वितरण में ठह्वोस काम करेगी। जहां फीडर में समस्या होगी उसे ठीक किया जायेगा।

उन्होंने कहा कि बिजली संकट पिछली सरकार की वजह से है। बसपा सरकार के भ्रष्टाचार की वजह से 25 हजार करोड़ रपये का कर्ज है। बसपा सरकार सात हजार दो सौ करोड़ रूपये बिजली का बकाया छोड़ गयी है। 18 हजार करोड़ रूपये बैंकों का कर्ज है। कुल 25 हजार करोड़ रपये की देनदारी है।

वीना मलिक का सेक्‍सी अवतार... | देखें विवादित फोटो ...

वीना मलिक का सेक्‍सी अवतार
कामोत्तेजक उत्पाद के विज्ञापन में सालसा करती नजर आएंगी हॉट वीना मलिक 

रियलिटी शो बिग बॉस से भारतीय दर्शकों के बीच लोकप्रिय हुईं वीना मलिक जल्‍द ही टेलीविजन पर आपको सालसा करती नजर आयेंगी। वो इन दिनों इसके लिए जमकर मेहनत कर रही हैं। अपनी सेक्सी अदाओं से दर्शकों का दिल जीतने वाली वीना मलिक आने वाली फिल्म में भी सालसा करती दिख सकती हैं।

खबर है कि वीना मलिक को एक विज्ञापन मिला है, जिसमें उन्हें सालसा करना है। वीना आजकल अपने सालसा अवतार को लेकर काफी सीरियस भी हैं। वीना के इस सालसा को कोरियोग्राफ लोंगिनूस फर्नांडिस कर रहे है। लोंगिनूस फर्नांडिस वही कोरियोग्राफर हैं जिन्होंने फिल्म स्लम डॉग का गाना जय हो कोरियोग्राफ किया था।

अपनी इस सालसा प्रेक्टिस से उत्साहित वीना ने जानकारी देते हुए कहा कि डांस उनका पैशन है और उन्हें डांस से बहुत प्यार है और अब जैस कि सालसा उनके लिए एक नयी चीज है वो इसकी प्रेक्टिस कर रही हैं। वहीं वीना कि प्रेक्टिस पर कोरियोग्राफर लोंगिनूस फर्नांडिस ने कहा कि वीना ने बहुत जल्दी ही सालसा सीख लिया है, जिससे एक बात साफ़ है कि वो एक कुशल डांसर है और उन्हें उन्हें भारत की डांसिंग स्टारकहने में कोई गुरेज़ नहीं है।

तो वीना के सालसा से एक बात तो साफ़ है की अब वो अपने इस नए सेक्सी अवतार से दर्शकों के होश उड़ाने के पूरे मूड में हैं। अगर बड़े परदे की बात करें तो वीना इस समय फिल्‍म द डर्टी पिक्‍चर का कन्‍नड़ रीमेक कर रही हैं। उम्‍मीद है कि अपने सालसा का हुनर वो इस फिल्‍म में भी दिखा सकती हैं।


Measuring 7ft 3in nose-to-tail and weighing


Measuring 7ft 3in nose-to-tail and weighing in at 17st, Giant George is declared the world's tallest dog

पेट्रोल मूल्य वृद्धि के खिलाफ भारत बंद का व्यापक असर

एनडीए द्वारा पेट्रोल मूल्यों में भारी वृद्धि के विरोध में गुरूवार को आयोजित 12 घंटे के भारत बंद का देशभर में व्यापक असर दिखा। भाजपा शासित कर्नाटक के अलावा महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल में पथराव, आगजनी और सडकें जाम किए जाने की सूचना है। दिल्ली में बंद का ज्यादा असर तो नहीं हुआ लेकिन कई जगहों पर यातायात जाम किया गया। बंद में कई ऑटोरिक्शा संगठनों के शामिल होने के कारण लोगों को समस्याओं का सामना करना पडा। लगभग 300 व्यापारिक संगठनों ने बाजार बंद रखे। मुंबई में लोकल ट्रेनें और बसें ज्यादातर हिस्सों में आम दिनों की तरह चलती रही लेकिन दो उपनगरीय इलाकों में बसों पर पथराव किया गया। पुणे में 13, नागपुर और ठाणे में 10 बसों पर पथराव किया गया।

सतारा जिले में सडक जाम कर कई बसें रोक ली गई। मुम्बई के कार्यालयों में लोगों के लिए भोजन पहुंचाने वाले डब्बावालों ने गुरूवार को अपनी सेवाएं नहीं दीं। कर्नाटक में बंद की वजह से आम जनजीवन अस्त-व्यस्त हुआ। यहां बंद समर्थकों ने तीन बसों को आग के हवाले कर दिया और दर्जनों अन्य बसों पर पथराव किया जिसकी वजह से अधिकारियों को शहर में बस सेवाएं बंद करनी पडी। कर्नाटक के कई हिस्सों में सार्वजनिक परिवहन प्रभावित हुआ। केरल में बंद का कोई असर नहीं हुआ। बिहार में राजग संयोजक एवं जदयू अध्यक्ष शरद यादव और भाजपा नेता शाहनवाज हुसैन सहित 800 कार्यकर्ताओं को बंद के दौरान हिरासत में लिया गया। करीब 700 समर्थकों के साथ सहरसा में जुलूस निकालने वाले यादव को पुलिस ने हिरासत में ले लिया।

एमपी में व्यापक बंद...


मध्य प्रदेश में बंद के चलते बाजार बंद रहे। प्रदर्शनकारियों ने कई स्थानों पर जबरन दुकानें बंद कराईं। राजधानी भोपाल सहित इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर और अन्य स्थानों पर बंद का सुबह से ही व्यापक असर दिखा। छत्तीसगढ़ में भी दुकानें व व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रहे और बंद से जनजीवन प्रभावित रहा।

Rozlyn Khan does a full monty in IPL support!


Click to Download In a swift move that could put Poonam Pandey’s seemingly photoshopped ‘nude’ picture to shame, actress Rozlyn Khan has gone in for a full monty this week. While Poonam never kept her promise about stripping when Team India won a year ago, she did a turnaround and put out an ‘apparently nude’ picture of hers on her Twitter this week, which on the face of it seems touched up and tampered with.
But this is not about Poonam – it is about the real daredevil Rozlyn Khan. In a live telecast a week ago, the girl had promised that she will go on a date with Mahendra Singh Dhoni and even do a bikini photoshoot with the cricketer, if his team won the Indian Premier League (IPL). But since it lost, Rozlyn went in for a full monty with the IPL logo on her butt to show her support; however naughty it is!






While the sensuous beauty has posed completely naked and flashed her butt and side boob in one picture, all she’s seen holding, is a bat and ball in another. But Rozlyn says, “This is just an appetizer. Wait for the maincourse.” Ooo la la! If ‘this’ is the appetizer, wonder how scrumptious the main course can be!

पोर्न स्टार सनी लियोन को तो नागरिकता....

पोर्न स्टार सनी लियोन को तो नागरिकता मगर जन्मजात भारतीयों को देश निकाला!

मुंबई से एक्सकैलिबर स्टीवेंस विश्वास

छोटे परदे के रिएलिटी शो ‘बिग बॉस’ में आई एडल्ट फिल्मों की हिरोइन पोर्न स्टार जिस्म 2 की अभिनेत्री सनी लियोन को नागरिकता और जन्मजात भारतीयों को देश निकाला! जिस्म -२ जैसी विवादस्पद फिल्म की सूटिंग करते हुए सनी को भारतीय नागरिकता मिल गयी। सनी लियोन को नागरिकता का मसला सेलिब्रेटी महज रूटीन पेज थ्री खबर नहीं है, इससे पता चलता है कि भारत में सत्ता कैसे खुले बाजार की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए आइकनों के लिए नियम कानून ताक पर रख देती है और बहिष्कृत अछूत बहुजनों को नागरिकता, नागरिक और मानव अधिकारों से वंचित करके उनके जल, जंगल , जमीन और आजीविका पर कारपोरेट राज कायम किया जाता है।

सनी ने सोशल नेटवर्किंग साइट पर ट्वीट करके इस उपलब्ध को सेलिब्रेट किया है। इससे पहले उनके पास कनाडा की नागरिकता थी। पोर्न स्टार सनी का असल नाम करण मल्होत्रा है जो कनाडा में पली और बढ़ी। बहरहाल सनी लियोन को जब से भारतीय नागरिकता प्राप्त हुई है वह बेहद खुश नजर आ रही हैं। उनकी यह खुशी उनके द्वारा मीडिया को दिए जा रहे बयानों के साथ-साथ जिस्म-2 के सैट पर भी दिखाई दे रही है। बंगाली शरणार्थियों का बांग्लादेशी बताकर उनके देश निकाले के लिए अतिसक्रिय हिंदुत्ववादी तमाम संगठनों का हालांकि सनी की भारतीय नागरिकता पर कोई एतराज नहीं है। देशभर में छितरा दिये गये तमाम बंगाली शरणार्थी अछूत हैं और उनके पुनर्वास और नागरिकता आंदोलन दलित आंदोलन है। पर दलित संगठनों ने उन्हें हमेशा अपने दायरे से बाहर​ ​ रखा है। राजनीति की तरह अंबेडकर विचारधारा के झंडेवरदारों ने अछूत बंगाली शरणार्थियों का इस्तेमाल ही किया है।भारत-पाकिस्तान के बंटवारे की त्रासदी के बाद अपने देश में मौलिक अधिकारों के लिए जूझ रहे बंगाली शरणार्थी परिवार दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं। उन्हें दोयम दर्जे का जीवन जीना पड़ रहा है।

भारतीय नागरिकता और राष्ट्रीयता कानून के अनुसार: भारत का संविधान पूरे देश के लिए एकमात्र नागरिकता उपलब्ध कराता है। संविधान के प्रारंभ में नागरिकता से संबंधित प्रावधानों को भारत के संविधान के भाग II में अनुच्छेद 5 से 11 में दिया गया है। प्रासंगिक भारतीय कानून नागरिकता अधिनियम 1955 है। जिसे नागरिकता (संशोधन) अधिनियम 1986, नागरिकता (संशोधन) अधिनियम 1992, नागरिकता (संशोधन) अधिनियम 2003 और नागरिकता (संशोधन) अध्यादेश 2005 के द्वारा संशोधित किया गया है। नागरिकता (संशोधन) अधिनियम 2003 को 7 जनवरी 2004 को भारत के राष्ट्रपति के द्वारा स्वीकृति प्रदान की गयी और 3 दिसंबर 2004 को यह अस्तित्व में आया।नागरिकता (संशोधन) अध्यादेश 2005 को भारत के राष्ट्रपति द्वारा प्रख्यापित किया गया था और यह 28 जून 2005 को अस्तित्व में आया।इन सुधारों के बाद भारतीय राष्ट्रीयता कानून जूस सोली (jus soli) (क्षेत्र के भीतर जन्म के अधिकार के द्वारा नागरिकता) के विपरीत काफी हद तक जूस सेंगिनीस (jus sanguinis) (रक्त के अधिकार के द्वारा नागरिकता) का अनुसरण करता है।नये नागरिकता कानून में हिंदुओं के लिए कोई अलग रियायत नहीं है। इसके अलावा इस कानून से शरणार्थियों के अलावा देश के अंदर विस्थापित दस्तावेज न रख पाने वालों,​​ आदिवासियों,मुसलमानों, बस्ती वासियों और बंजारा खानाबदोश समूहों के लिए भी नागरिकता का संकट पैदा हो गया है। यह सिर्फ हिंदुओं या बंगाली शरणार्थियों की समस्या तो कतई नहीं है। खासकर नागरिकता के लिए बायोमैट्रिक पहचान के लिए अनिवार्य बना दी गयी आधार कार्ड​ योजना के बाद।नंदन निलेकणि खुद कहते हैं कि एक सौ बीस करोड़ की आबादी वाले इस देश में महज साठ करोड़ लोगों​ ​ को आधार कार्ड दिया जायेगा।संविधान में विभाजन के शिकार लोगों​ ​ को नागरिकता और पुनर्वास के वादे वाले धारा को बदले बिना संविधान के फ्रेमवर्क से बाहर गैरकानूनी ढंग से यह संविधान संशोधन किया गया।​​शरणार्थियों को जो आधार वर्ष १९७१ का सुरक्षा कवच देने का वायदा किया जाता है, उस सिलसिले में भी स्पष्ट किया कि इसकी कोई कानूनी ​​वैधता नहीं है। सिवाय इसके कि इंदिरा मुजीब समझौते के बाद इसी साल शरणार्थियों का पंजीकरण बंद हो गया। शरणार्थियों को आने से रोकने के लिए जो कऱना था, किया नहीं गया।इसी साल पुनर्वास विभाग ही बंद कर दिया गया और तबसे देश के भीतर विकास के बहाने शरणार्थी बनाने का काम तेज हो गया। असम समझौते में जो आधार वर्ष कई बात है, वह असम से विदेशी घुसपैठियों को निकालने के लिए है। पऱ ऐसा भी नहीं हुआ। नागऱिकता संशोधन कानून और आधार कार्ड योजना का मकसद तो सिर्फ विकास के बहाने विनाश के लिए आदिवासियों, शरणार्थियों और बंजाऱा समुदायों के साथ बस्तियों में रहने वालों की बेदखली और कारपोरेट को जमीन देने का है।

खबर है कि जिस्म 2 के पहले सनी लियोन अपनी एक एडल्ट मूवी रिलीज करने की सोच रही है ताकि उन्हें मिली लोकप्रियता का फायदा उठाया जा सके। इस फिल्म में सनी एक फोटोग्राफर बनी हैं जो उन लोगों से बदला लेती हैं जिन्होंने उसके साथ बुरा किया है।हालांकि सनी ने इस मामले पर चुप्पी साध रखी है, लेकिन सूत्रों का कहना है कि सनी चाहती हैं कि जिस्म 2 के पहले उनकी यह फिल्म सामने आना चाहिए। हो सकता है कि इससे जिस्म 2 को फायदा पहुंचे।

रियलिटी टीवी शो 'बिग बॉस' से सीधे बॉलीवुड में एंट्री पाने वाली सनी लियोन ने सोशल नेटवर्किंग साइट ट्वीटर पर ट्वीट किया है कि मेरे पास आज एक सबसे ब़डी खबर है । अब मैं अधिकारिक रूप से भारतीय हो गई हूं। वाऊऊऊऊ!!!!!!सनी ने लिखा है कि उन्हें नागरिकता का कार्ड मिल गया है। सनी इस समय महेश भट्ट की फिल्म ‘जिस्म-2’ में काम कर रही हैं।

सनी अपनी इस फिल्म को लेकर बेहद उत्साहित हैं और मानती हैं कि इस फिल्म में वह अपने धमाकेदार अभिनय से 'जिस्म' में वाहवाहियां लूट चुकीं बिपाशा बसु को प्रतिद्वंद्विता देंगी। सनी लियोन इस समय एक ऐसा नाम है जिसको हर कोई भुनाना चाहता है। इस पोर्न स्टार की हर हरकत जानने के लिए भारतीयों ने गूगल खंगाल डाला है। इसलिए फिल्म निर्माताओं को लगता है सनी लियोन फिल्म की सफलता की गारंटी है। अंग प्रदर्शन के मोर्च में नित नये रिकॉर्ड तोड़ रहीं पॉर्न स्टार सन्नी लियोन की फिल्म ‘जिस्म 2’ की शूटिंग शुरू हो चुकी है।शूटिंग की पहली तस्वीरों से आप अंदाजा लगा सकते हैं कि सन्नी लियोन आनेवाले दिनों में किस तरह के कहर बरपाने का इरादा रखती हैं। हाल ही में 31 वर्ष की हुई पोर्न फिल्म स्टार सनी लियोन की बॉलीवुड डेब्यू फिल्म की शूटिंग के चर्चे जयपुर से शुरू होकर श्रीलंका तक खबरों में छाए हुए हैं। 'जिस्म 2' के साथ ही अब जंजीर में आइटम नम्बर कर सकती है।

मजे की बात तो यह है कि आनन फानन में बारतीय नागरिकता हासिल करने वाली सनी की पहचान निश्चित नहीं है, जबकि ाम भारतीयों को अपनी नागरिकता और पहचान साबित करने के लिए एढ़ी से चोटी का जोर लगाना पड़ता है।एडल्‍ट फिल्‍म स्‍टार सनी लियोन को बॉलीवूड में पैठ बनाने की ठौर तो मिल गया लेकिन उनके लिए अपनी पहचान को लेकर ही अब सवाल उठाए जा रहे हैं। सनी लियोन अपना असली नाम करेन मल्होत्रा बताती हैं, लेकिन उनका पासपोर्ट कुछ और ही बयां कर रहा है। सनी लियोन के पासपोर्ट पर उनका नाम करेनजीत कौर वोरा लिखा हुआ है और यही नाम बचपन से चला आ रहा है.अब सनी ने अपना नाम करेन मल्होत्रा क्यों बताया इसका जवाब उन्होंने अभी तक नहीं दिया। पोर्न फिल्मों में काम करने से पहले उन्होंने अपना नाम सनी कर लिया। लियोन सरनेम कहां से आया? इस बारे में यह तर्क दिया जा रहा है कि जिस तरह पुरुष अपने नाम के आगे सिंह जोड़ते हैं। कुछ इसी तरह सनी ने अपने नाम के आगे ‘लॉयनेस’ जोड़ा जो लियोन बन गया।इस पोर्न स्टार की अभी तक एक भी फिल्म रिलीज नहीं हुई है, लेकिन बॉलीवुड के अधिकांश निर्माता-निर्देशक सनी को लेकर फिल्म प्लान कर रहे हैं।सनी ये बात बार-बार दोहरा चुकी हैं कि वे जिस्म 2 के रिलीज होने तक कोई फिल्म नहीं करना चाहती हैं, लेकिन एकता कपूर ने सनी को मना लिया है। सूत्रों के मुताबिक रागिनी एमएमएस का सीक्वल बनाया जा रहा है और इसके लिए सनी को साइन किया गया है।रागिनी एमएमएस को कम बजट में बनाया गया था और बॉक्स ऑफिस पर फिल्म सफल रही थी, लेकिन सनी के जुड़ने से इसके सीक्वल को भव्य पैमाने पर बनाया जाएगा। कहा जा रहा है कि यह रियल लाइफ स्टोरी से प्रेरित होगी।जिस्म 2 की शूटिंग खत्म करने के बाद सनी इस फिल्म की शूटिंग आरंभ करेंगी।

गौरतलब है कि नागरिकता संशोधन कानून पास करवाने में पहले विपक्ष के नेता बाहैसियत संसदीय सुनवाई समिति के अध्यक्ष बतौर और फिर सत्ताबदल के बाद मुख्य नीति निर्धारक की हैसियत से प्रणव मुखर्जी की भूमिका खास रही है। 1956 तक पासपोर्ट वीसा का चलन नहीं था। भारत और पाकिस्तान की दोहरी नागरिकता थी। पर नये नागरिकता कानून के तहत 18 जुलाई 1948 से पहले वैध दस्तावेज के बिना भारत आये लोगों ने अगर नागरिकता नहीं ली है, तो वे अवैध घुसपैठिया माने जाएंगे। इसी कानून के तहत उड़ीसा के केंद्रपाड़ा जिले के रामनगर इलाके के 21 लोगों को देश से बाहर निकाला गया। जबकि वे नोआखाली दंगे के पीड़ित थे और उन्होंने 1947-48 में सीमा पार कर ली थी। राजनीतिक दल इस कानून की असलियत छुपाते हुए 1971 के कट आफ ईयर की बात करते हैं। कानून के मुताबिक ऐसा कोई कट आफ ईयर नहीं है। हुआ यह था कि 1971 में बांग्लादेश की मुक्ति के बाद यह मान लिया गया कि शरणार्थी समस्या खत्म हो गयी। इंदिरा मुजीब समझौते के बाद इसी साल से पूर्वी बंगाल से आने वाले शरणार्थियों का पंजीकरण बंद हो गया। फिर अस्सी के दशक में असम आंदोलन पर हुए समझौते के लिए असम में विदेशी नागरिकों की पहचान के लिए 1971 को आधार वर्ष माना गया, जो नये नागरिकता कानून के मुताबिक गैरप्रासंगिक हो गये हैं।​

पूर्वी पाकिस्तान से आए बंगाली शरणार्थियों को देश के कई प्रांतों में ज़मीन देकर भारत सरकार ने बसाया। बिहार में भी किशनगंज, पूर्णिया, कटिहार, अररिया एवं भागलपुर आदि क्षेत्रों में इन शरणार्थियों को बसाया गया। इसी क्रम में 1956 में चंपारण के कई हिस्सों में भारत सरकार ने उन्हें खेती के लिए चार एकड़ और घर बनाने के लिए तीन डिसमिल ज़मीन प्रदान की थी, लेकिन आज तक इन्हें पूर्ण मौलिक अधिकार नहीं मिल सके हैं। 54 वर्षों के बाद भी स्थिति जस की तस है। राजनीतिक, सामाजिक एवं आर्थिक पिछड़ेपन के कारण इनकी हालत काफी दयनीय है। ज़मीन का रैयाती हक आज तक नहीं मिला है। दोनों सरकारों को राजनीतिक, आर्थिक एवं सामाजिक पिछड़ेपन का ख्याल नहीं है। मातृभाषा की पढ़ाई से वंचित रखा गया है।परिवार में सदस्यों की संख्या बढ़ती चली गई। परिवार के सदस्य भूमिहीन होते चले गए. सरकार को ऐसे परिवारों को भूमिहीनों में जोड़ना चाहिए था। साठ प्रतिशत लोग भूमिहीन हैं। सरकार ने जाति प्रमाणपत्र देने का वादा किया था, वह भी आधा-अधूरा है। बिहार के बहुत सारे अंचल में जाति प्रमाणपत्र जारी नहीं किए जाते हैं। जैसे योगापटी, मैंनाटॉड़ आदि क्षेत्रों में. जबकि सरकार द्वारा सभी ज़िला पदाधिकारियों को निर्देशित किया गया था कि विस्थापित बंगाली शरणार्थियों को उत्तराधिकार एवं अभिलेख में उल्लिखित आधार अथवा अनुपलब्धता के आधार पर पूछताछ करके जाति प्रमाणपत्र जारी किए जाएं, लेकिन इसका पालन नहीं किया जा रहा है।इस संदर्भ में विभिन्न संगठनों ने पटना की सड़कों पर धरना-प्रदर्शन भी किया. इनमें नम: शूद्र समिति, पूर्वी बंगला शरणार्थी समिति एवं बिहार बंगाली शरणार्थी आदि प्रमुख रहे. 2009 में इन समितियों ने लोकसभा चुनाव के बहिष्कार का निर्णय लिया, लेकिन 27 मई, 2009 को बिहार सरकार ने एक समझौता करके लोकसभा चुनाव में वोट देने की अपील की, लेकिन उसके बाद सरकार फिर शिथिल पड़ गई. समस्या जस की तस बनी रही। बिहार में अगर यह स्थिति है तो उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, राजस्थान,महाराष्ट्र,ओड़ीशा, छत्तीसगढ़, झारखंड,मध्यप्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु, आंध्र,​​ त्रिपुरा, मणिपुर, मेगालय,असम व अन्यत्र बंगाली अछूत शरणार्थियों की जिनसे न बंगाली भद्रलोक सत्तावर्ग और न देश के दूसरे दलितों का कोई लेना देना है,की स्थिति बदतर है।

गौरतलब है कि गुवाहाटी में बंगाली शरणार्थियों का पहला खुला सम्मेलन पिछले दिनों संपन्न हो गया। खास बात यह है कि इस सम्मेलन में सत्तादल के ​​कांग्रेसी मंत्री भी शामिल हुए।इन मंत्रियों ने हिंदू बंगाली शरणार्थियों की नागरिकता का मसला हल करने का वादा किया। नये नागरिकता कानून में हिंदुओं के लिए कोई अलग रियायत नहीं है। इसके अलावा इस कानून से शरणार्थियों के अलावा देश के अंदर विस्थापित दस्तावेज न रख पाने वालों,​​ आदिवासियों,मुसलमानों, बस्ती वासियों और बंजारा खानाबदोश समूहों के लिए भी नागरिकता का संकट पैदा हो गया है। यह सिर्फ हिंदुओं या बंगाली रणार्थियों की समस्या तो कतई नहीं है, खासकर नागरिकता के लिए बायोमैट्रिक पहचान के लिए अनिवार्य बना दी गयी आधार कार्ड​ योजना के बाद।

कलकत्ता में ब्रिटिश ईस्ट इण्डिया कम्पनी का मुख्य कार्यालय था और अण्डेमान में ब्रिटिश अधिकार के समय कलकत्ता बन्दरगाह से प्राय: जलयान भेजे जाते थे। सन् १८५८ ई। और उसके बाद के वर्षों में निर्वासित किए जाने वाले व्यक्ति भी मुख्य रूप से कलकत्ता से ही पोर्टब्लेयर लाए जाते थे। बंगाल के क्रान्तिकारी और अन्य अपराधी प्राय: अण्डेमान में निर्वासित कर दिये जाते थे। परन्तु बंगालियों की संख्या पूर्वी पाकिस्तान से विस्थापित शरणार्थियों को बसाने के कारण धीरे-धीरे बढ़ती गई। सन् १९४९ ई। में पहली बार २०२ बंगाली परिवारों को पोर्टब्लेयर से आठ दस मील के घेरे में बसाया गया। १९५० ई। में ११९ बंगाली परिवार और सन् १९५१ में ७८ बंगाली परिवार बसाए गए। बाद में हर साल नए परिवार आते गए और दूर-दूर के इलाकों में फैलते गए। दक्षिण अण्डेमान के दूरवर्ती प्रदेशों के बाद उनको लांग आइलैण्ड, लिटिल अण्डेमान, ओरलकच्चा, मध्य अण्डेमान और उत्तरी अण्डेमान में बसाया गया। इन बंगाली शरणार्थियों को द्वतीय पंचवर्षीय योजना के अन्त तक दक्षिणी अण्डेमान में (५६५ परिवार), मध्य अण्डेमान में (९३१ परिवार) और उत्तरी अण्डेमान में (११४८ परिवार) बसाया गया। ३३९ शरणार्थी परिवार मध्य अण्डेमान के बेटापुर क्षेत्र में बसाये गए। इन पूर्वी पाकिस्तान से आये हुए बंगालियों के लिये २,०५० एकड़ भूमि साफ की गई। इसी तरह के १०० बंगाली परिवारों को नील द्वीप में १,१९० एकड़ भूमि पर बसाया गया। इस तरह से ग्रेट अण्डेमान के तीनों क्षेत्रों अर्थात् उत्तरी अण्डेमान, मध्य अण्डेमान और दक्षिणी अण्डेमान में पूर्वी पाकिस्तान से आये हुए २,८८७ बंगाली परिवार बसा दिये गये। इन बंगाली शरणार्थियों के अलावा केरल के १५७ परिवार तमिलनाडु के ४३ परिवार, बिहार के १८४ परिवार, माही से आये ४ परिवार और बर्मा से आये ५ परिवारों को ग्रेट अण्डेमान में बसाया गया था।लिटिल अण्डेमान में भी पूर्वी पाकिस्तान से आये बंगाली शरणार्थियों और श्रीलंका से आये तमिल शरणार्थियों के लगभग २००० परिवारों को बसाने की योजना तैयार की गई थी। रामकृष्णापुरम आदि की बंगाली बस्तियों की तुलना में अब ओंगी जन-जाति अपने ही द्वीप लिटिन अण्डेमान में एक नगण्य समुदाय में संकुचित हो गई है। इसी तरह हैव लाक द्वीप में बंगाली शरणार्थियों को बसाया गया।आज बंगाली समुदाय के सदस्यों का इन द्वीपों में सबसे बड़ा समूह बन गया है। बंगाल की संस्कृति और सभ्यता अण्डेमान में मुखरित हो उठी है। दुर्गापूजा, "यात्रा", "तर्जा", "कवि गान", "बाउल", और `कीर्तन' के स्वर गूंजते सुनाई देते हैं। इन बस्तियों में दुर्गापूजा, सरस्वती पूजा, लक्ष्मी पूजा, मनसा पूजा, दोलोत्सव और झूलन जैसे उत्सव बड़ी धूमधाम से मनाये जाते हैं।

देसभर में बांगाली शरणार्थियों की क्या हालत है, उसके लिए एक उदाहरण काफी है। पिछले दिनों माना-कैंप में रह रहे शरणार्थी बांग्लादेशी नागरिकों के घरों की दीवालों में भड़काऊ नारा लिखने के चलते हंगामा खड़ा किया गया। गुस्साएं शरणार्थियों ने माना बस स्टैण्ड में नारे के विरोध में जमकर हंगामा किया और थाना घेरने की कोशिश की। मगर सुरक्षा बलों के मजबूत के घेरे के चलते शरणार्थी बस स्टैण्ड में प्रदर्शन कर लौट गए। बाद में माना नगर पंचायत उपाध्यक्ष श्यामा प्रसाद चक्रवर्ती की शिकायत पर पुलिस संपत्ति विरूपण अधिनियम की धारा 3 के तहत अपराध दर्ज कर जांच कर रही है।

पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार माना कैम्प में रह रहे शरणार्थी बांग्लादेशी नागरिकों की घरों की दीवाल में अवैध बांग्लादेशियों को भगाओ के नारे लिखे है। नारे के नीचे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का नाम अंकित है। इससे माहौल तनावपूर्ण हो गया था। जहां काफी संख्या में बंगाली समुदाय के नागरिक बस स्टैण्ड चौक में जमा होकर हंगामा शुरू कर दिया। हालांकि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के प्रांतीय संयोजक सुधांशू ने नारे के लिखने में किसी तरह से हाथ होने से इंकार किया है। उनका कहना है कि नारे से उनका कोई संबंध नहीं है। इधर बस स्टैण्ड चौक में बंगाली समुदाय के लोगों के आक्रोश के चलते फोर्स को बुला लिया गया था। जहां दो घंटै से अधिक प्रदर्शन के बाद गुस्साएं नागरिक सुरक्षा अधिकारियों के आश्वासन पर शांतु हुए। बताया गया है कि प्रदर्शन के दौरान क्षेत्र के विधायक नंदे साहू भी वहां पहुंचे और प्रदर्शनकारियों को समझाईश दी। जबकि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने जारी एक विज्ञप्ति के माध्यम से नारे की आलोचना की है। साथ में असामाजिक तत्वों की शरारत करार दिया है। संगठन ने माना सीएसपी, जीएस बामरा, अति पुलिस अधीक्षक शहर डॉ. लाल उमेंद सिंह को एक ज्ञापन सौंपकर उपरोक्त हरकत के लिए जिम्मेदार शरारती तत्वों की तलाश कर कड़ी कार्रवाई की मांग की है। संगठन में प्रांतीय सह मंत्री राकेश मिश्रा ने कहा कि संगठन उपरोक्त घटना की निंदा करता है।

सनी बताती हैं कि भारत आकर वह बेहद खुश हैं और अपनी इस फिल्म को लेकर रोमांचित भी हैं। वह कहती हैं कि 'जिस्म' फिल्म में मैंने बिपाशा का काम देखा था। उनकी परफॉरमेंस से मैं इतनी प्रभावित हूं कि इसके सीक्वेल में मैं अपनी तरफ से कोई कमी नहीं रहने दूंगी। इस फिल्म में लियोन के साथ रणदीप हुड्डा व अरुणोदय सिंह भी नजर आएंगे।गौरतलब है कि सनी लियोन 'बिग बॉस सीजन 5' में नजर आई थीं जहां अपने बेबाक अंदाज से उन्होंने काफी लोकप्रियता बटोरी।

हालांकि सनी ने अभी ये स्पष्ट नहीं किया है कि वो एडल्ट फिल्मों को छोड़कर भारत में ही बस जाएंगी या नहीं।ट्वीटर पर अपने फैंस से रुबरु रहने वाली सनी ने हाल ही में लाल साड़ी में एक हॉट फोटोशूट कराया है जिसमें उनका सुपरहॉट अंदाज देख उनके फैंस के साथ ही बॉलीवुड में खलबली मच गई।

सनी लियोन के बारे में कहा जाता है कि वह अपने पेशे को लेकर बेहद ईमानदार है और इस मसले पर काफी बेबाक राय रखती है। हाल ही में एक अखबार के साथ बातचीत में कनाडाई पॉर्न स्टार ने यह माना है कि बॉलीवुड में उनकी एंट्री सिर्फ और सिर्फ पॉर्न फिल्मों की वजह से ही हुई है।सनी लियोन ने अखबार के साथ बातचीत में कहा कि पॉर्न फिल्मों में काम करना उनका पहला पेशा है जिसे वह नहीं छोड़ सकती। उनका कहना है कि यह ज्यादा बेहतर है कि मैं पॉर्न फिल्में और बॉलीवुड में काम साथ-साथ ही करूं।लियोन ने कहा कि अगर मैं बॉलीवुड फिल्मों में काम नहीं करूंगी तो जाहिर सी बात है कि मैं एडल्ट फिल्मों में ही काम करूंगी. सनी के मुताबिक यूं तो मैं साल में सिर्फ एक ही एडल्ट फिल्म करती हूं लेकिन यह बात भी सच है कि इस पॉर्न फिल्म उद्योग में सबसे रूढिवादी लड़की हूं। हालांकि सनी ने यह भी साफ किया कि उनका फिलहाल किसी भी एडल्ट फिल्मों में काम करने का फिलहाल कोई इरादा नहीं है।

कुछ दिनों की बात है, जब सनी लियोन ने भारतीय टेलीविजन शो मे आकर चारो तरफ सनसनी फैला दी थी। इस विषय को लॆकर काफी बवाल भी हुआ!उसके बाद ज्यादा वक्त नहीं बीता कि सनी को भारतीय नागरिकता मिल गयी और बालीवूड का चर्चित चेहरा बनकर ग्लोबल​ ​ कारपोरेट संसकृति का आइकन बन गयी वे। लेकिन विडंबना यह है कि बड़ी आसानी से सनी को तमाम विवादों के बावजूद सहजता से नागरिकता मिल गयी, पर जन्मजात भारतीय आदिवासी, शरणार्थी और बस्तीवासियों से इसके विपरीत नागरिकता छीनी जा रही है और उन्हें देश निकाला की सजा दी जा रही है। से पोर्न फिल्मों की इंडो कनेडियाई अभिनेत्री सनी लियोन की चर्चा बॉलीवुड में छायी हुई है।​जब से सनी को बिग बॉस के लिए बुलाया गया है तभी से पूरा मीडिया उनके आगे पीछे घूम रहा है। भारत आते ही सनी ने मीडिया को बयान देना शुरू कर दिए और कहा कि वे बॉलीवुड फिल्मों में काम करने की इच्छुक हैं। उनका यह बयान सुनते ही महेश भट्ट ने तुरन्त उन्हें अपने बैनर विशेष फिल्म्स की शृंखला "मर्डर" के तीसरे संस्करण के लिए अपने बेटे राहुल भट्ट के साथ लांच करने की घोषणा कर दी। गौरतलब है कि राहुल भट्ट बिग बॉस के चौथे संस्करण में काम कर चुके हैं और सनी लियोन बिग बॉस-5 में।लियोन के भारत आते ही उनको अपनी फिल्म में लेने की घोषणा करते हुए महेश भट्ट ने सफलता को अपने साथ जोड लिया है। पहले महेश भट्ट की योजना अपने पसंदीदा नायक इमरान हाशमी के साथ लियोन को लेकर एक "ब्ल्यू फिल्म" शीर्षक से फिल्म बनाने की योजना थी, लेकिन उस फिल्म की पटकथा तैयार होने में अभी समय था।इसलिए "ब्ल्यू फिल्म" को नजरअंदाज करते हुए उन्होंने लियोन को अपने बैनर के लिए ब्रांड बन चुके "मर्डर" के तीसरे संस्करण को बनाने की घोषणा की। इस फिल्म की पटकथा पर महेश "मर्डर-2" के समय से ही काम कर रहे थे।

सनी लियॉन को साइन करने के बाद जिस्म 2 को लगातार चर्चा में बनाए रखने की कोशिश महेश भट्ट और उनकी बेटी पूजा भट्ट कर रहे हैं। हाल ही में इस फिल्म का फर्स्ट लुक जारी किया गया है, जिसमें एक लड़की को उत्तेजक तरीके से दिखाया गया है। यह सनी लियॉन नहीं है। इस लड़की का नाम नहीं बताया जा रहा है।जिस्म 2 के ओपनिंग शॉट के लिए सनी लियॉन न्यूड नजर आ सकती हैं। सनी को इस तरह के सीन पर किसी भी किस्म की आपत्ति नहीं है। इस बात को भट्ट पूरी तरह भुनाना चाहते हैं। फिलहाल सनी के साथ ज्यादा से ज्यादा समय गुजार कर उन्हें रोल के लिए तैयार किया जा रहा है। यह फिल्म 2003 में बनी 'जिस्म' का सिक्वेल है जिसमें जॉन अब्राहम और बिपाशा बसु ने काम किया था। 12 दिसंबर 2012 को जिस्म 2 रिलीज होगी।

पॉर्न स्टार सनी ने छोटे परदे पर रियलिटी शो 'बिग बॉस 5' के जरिए धूम तो मचाई ही, लेकिन कंडोम के बारे में अपने 'ज्ञान' को लेकर भी वह खासी लोकप्रिय है। हालांकि, अब लॉस एंजिल्स परिषद ने सभी पॉर्न स्‍टारों के लिए शूटिंग के दौरान कंडोम के इस्‍तेमाल को अनिवार्य बना दिया है। इसलिए अब सनी लियोन को भी इस नए नियम का पालन करना होगा। फिल्म एलए, जो लॉस एंजिल्‍स में शूटिंग के लिए परमिट जारी करती है, ने कहा कि सालाना 45,500 परमिटों में पांच फीसदी परमिट अश्लील (पॉर्न) शूटिंग के लिए दिया जाता है। शहर परिषद के इन उपायों का मतलब यह है कि अमेरिका के इस दूसरे सबसे बड़े शहर में फिल्‍म की शूटिंग की परमिट हासिल करने के लिए पॉर्न फिल्‍मों के प्रोड्यूसरों को सेट पर कंडोम की उपलब्ध सुनिश्चित करनी होती है।

लॉस एंजिल्‍स परिषद के इस कदम का मकसद यह है कि वयस्क फिल्म उद्योग तक घातक एचआईवी/एड्स रोग की पहुंच न हो सके। क्‍योंकि कई मामलों में लापरवाही के कारण ये घातक रोग सामने आ चुके हैँ।

पॉर्न स्टार सनी लियोन का न्यूड होना कोई नई बात नहीं। खास बात यह है कि इस बार वह एक मैगजीन के लिए न्यूड हुई है। एफएचएम नाम की इस मैगजीन में सनी लियोन ने बड़े ही उत्तेजक तेवर दिखाए है। उनका फोटो इस मैगजीन के कवर पेज पर देखा जा सकता है।

इस तस्वीर में सनी लियोन ने हरे रंग की साड़ी पहनी है। ऐसा पहली बार है जब कनाडाई पॉर्न स्टार सनी लियोन किसी मैगजीन के लिए टॉपलेस हुई है।

सनी लियोन इन दिनों फिल्म जिस्म-2 में काम कर रही है। साथ ही वह रागिनी एमएमस के सीक्वल में भी दिखेंगी। साथ ही पेटा के कंपेन से संबंधित एड शूट में भी सनी लियोन अब दिखने लगी है। हाल ही में पेटा के एक कंपेन में वह नजर आई थी जिसमें कुत्तों से प्यार करने का पैगाम उनके टी शर्ट पर लिखा हुआ था।

Wednesday, May 30, 2012

बैतूल जिला पुलिस अधीक्षक ललित शाक्यवार की दो माह की उपलब्धियां

बैतूल जिला पुलिस अधीक्षक ललित शाक्यवार की दो माह की उपलब्धियां    
बैतूल (रामकिशोर पंवार): 
ताप्तीचंल में बसे बैतूल जिले में अपनी पदस्थापना के बाद से पत्रकारो से संवाद बरकरार रखते हुए पुलिस अधिक्षक ललीत शाक्यावार ने पुलिस की दिन - प्रतिदिन बिगड़ती छबि में सुधार लाते हुए अपनी बीते दो माह की उपलब्धियों को प्रस्तुत किया है जिसके अनुसार दिनांक 01-04-2011 से अभी तक लघु अधिनियम के अंतर्गत जिलें में आम्र्स एक्ट में 24 प्रकरण में 24 व्यक्तियों के विरूद्ध जुआ एक्ट में 24 प्रकरण में 104 व्यक्तियों के विरूद्ध सट्टा एक्ट में 49 प्रकरण में 49 व्यक्तियों के विरूद्ध आबकारी एक्ट में 197 प्रकरण में 197 व्यक्तियों के विरूद्ध पुलिस एक्ट में 74 प्रकरण में 74 व्यक्तियों के विरूद्ध मो0व्ही0 एक्ट में 2565 प्रकरण में 2565 व्यक्तियों के विरूद्ध एन.डी.पी.एस. एक्ट में 1 प्रकरण में 1 व्यक्तियों के विरूद्ध म0प्र0कृषि उप.पशु सरक्षण अधि0 में 4 प्रकरण में 4 व्यक्तियों के विरूद्ध दहेज अधि0 में 1 प्रकरण में 1 व्यक्तियों के विरूद्ध कार्यवाही की गयी है । जुआ एक्ट के अंतर्गत 81725 रूपये, सट्टा एक्ट के अंतर्गत 24779 रूपये, मो0व्ही0 एक्ट के अंतर्गत 203450 रूपये जप्त किये गये । आबकारी एक्ट 1632 लीटर शराब जप्त की गयी । दिनांक 17-03-2012 को पांच बालक-बालिकाएं क्रमश: 1- कुमारी लक्ष्मी पुत्री गुड्डू धुर्वे 9 वर्ष 2- कुमारी पूजा उर्फ खुली पुत्री धुन्धु ओझा 15 वर्श 3- कुमारी भारती पुत्री धुन्धु ओझा 9 वर्ष 4 कमलेश व0 रामू ओझा 15 वर्ष 5- मन्नू उर्फ रक्षा पुत्री राजू ओझा 8 वर्श सभी निवासी ओझाढाना गंज बैतूल अपने घर से बिना बताये गायब हो गयी थीं, जिसके संबंध में थाना कोतवाली बैतूल में गुम इंसान कमंाक- 37/12, 38/12, 39/12, 40/12, 41/12 पंजीबद्ध किये गये । इन गुम इंसानों की तलाश हेतु पुलिस अधीक्षक बैतूल द्वारा एक विशेष टीम का गठन किया जाकर उक्त गुम इंसानों की तलाश हेतु रवाना किया गया । पुलिस अधीक्षक की पहल एवं कुशल मार्गदर्शन के फ लस्वरूप उक्त गुम इंसानों को दिनांक 04-04-2012 को दस्तयाब किया जाकर उनके परिजनों के सुपुर्द किया गया । घटना के संबंध में थाना कोतवाली बैतूल में धारा 363, 366, 368, 376, 371, 372, 373, 327, 324, 120 बी, 506 भादंवि एवं 3(1)10, 3(2)5, 3(1)12 अनुसूचित/अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम एवं 5, 6 मानव दुव्र्यापार अधिनियम शुन्य पर पंजीबद्ध किया जाकर विवेचना हेतु डायरी होशंगाबाद भेजी गयी है। 
थाना मोहदा के ग्राम बालू की महिलाओं को बहला फुसला कर ले जाने वाले, बैतूल रेल्वे स्टेशन पर रंगे हाथ पकड़ाये गए। दिनांक 04-05-2012 को थाना प्रभारी मोहदा के द्वारा कंट्रोल रूम के माध्यम से सूचित किया गया है कि थाना मोहदा के ग्राम बालू की झामो बाई उसके साथ 6 लड़कियों को काम का बहाना कर घर वालों को बिना बताये बहला-फुसलाकर ले गयी है। इस सूचना पर रेल्वे स्टेशन गंज चौकी प्रभारी को उक्त संबंध में बस स्टेंड एवं रेल्वे स्टेशन पर तलाश करने हेतु निर्देषित किया गया, जिनके द्वारा रेल्वे स्टेशन बैतूल पर तलाश किये जाने पर प्लेट फ ार्म नंबर 3 पर एक पेड़ के नीचे 6-7 औरते मिली, जिनसे नाम पूछने पर 1 संदेशा पुत्री सुक्का 2 शीला पति नंदलाल, 3 समिया पुत्री श्यामा, 4 संगीता पुत्री सद्दू, 5 ललिता पुत्री फ गन सिंह 6 शकुंतला पुत्री सुमरत सभी जाति आदिवासी मिली, जो थाना मोहदा क्षेत्र की निवासी थी, जिनसे पुलिस के द्वारा पूछताछ करने पर पाया गया कि उन्हें श्रीमती झामो पति नज्जा उम्र 35 वर्ष के द्वारा काम करने का बोलकर शादी में मुलताई ले जाना बताया, जिसकी तस्दीक किये गये जाने पर मुलताई शादी में ले जाने वाली बात सत्य नहीं पायी गयी । इनके साथ एक लड़का फ ूल सिंह दिल्ली जाना बताया । 
उक्त महिलाओं को थाना प्रभारी मोहदा के सुपुर्द किया गया, जिसके संबंध में थाना मोहदा में आरोपिया श्रीमती झामो बाई पति नज्जा आदिवासी 45 वर्श नि0 बालू मे विरूद्ध अपराध क्रमंाक-26/2012, धारा 363, 366 भादंवि पंजीबद्ध किया जाकर विवेचना की जा रही है। छिन्दवाड़ा से लापता तीन नाबालिग लड़कियों को बैतूल पुलिस ने तलाश किया। दिनांक 10-05-2012 को रात्रि गश्त के दौरान अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, बैतूल श्री एम0एल0 सोलंकी को कंट्रोल रूम के माध्यम से इस आशय की सूचना प्राप्त हुई कि छिन्दवाड़ा की तीन लड़किया घर से बिना बताये लापता हैं । सूचना प्राप्त होने पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक के मागदर्षन में गुमशुदा लड़कियों की तलाश किये जाने पर रेल्वे स्टेशन से तीन लड़किया 1- रंगीता पुत्री देवी बुनकर 15 वर्ष 2 योगिता पुत्री जगदीश डेहरिया 14 वर्ष 3 मोनिका पुत्री शत्रुघ्न गोंड 15 वर्ष सभी निवासी छिन्दवाड़ा मिली, जिनसे पूछताछ किये जाने पर उनके द्वारा बताया गया कि वे माता-पिता के डांटने के कारण गुस्से में आकर घर से चल दी थी । इन तीनों लड़कियों को पुलिस के द्वारा थाना लाया गया, उनके परिजनों को सूचित किया जाकर बैतूल बुलाया गया एवं लड़कियों को विधिवत् तस्दीक के उपरांत उनके वारसानों के सुपुर्द किया गया। पुलिस के द्वारा अर्जित की गयी उक्त सफ लताओं के फ लस्वरूप जिले में विगत दिनों मानव दुव्र्यापार से संबंधित घटित घटनाओं पर अंकुश लगा है । साकादेही बैतूल में महिला के एक वर्ष से लंबित अंधे कत्ल के अपराध में आरोपी गिरफ्तार किया गया। 
थाना कोतवाली बैतूल के अपराध क्रमंाक- 214/2011, धारा 302, 34 भादंवि, जो मश्तिका श्रीमती मेसो बाई पति गोकुल मेहरा 25 वर्ष नि0 साकादेही की हत्या के संबंध में दिनांक 8-4-2011 को पंजीबद्ध किया जाकर विवेचना में लिया गया था, जिसमें आरोपी अज्ञात थे, जिनकी तलाशी विगत एक वर्ष से चल रही थी, परंतु कोई उपलब्धि प्राप्त नहीं हुई । नवागत पुलिस अधीक्षक बैतूल की पदस्थापना के उपरांत उनके मार्गदर्शन में गहन तलाशी के फ लस्वरूप प्रकरण के आरोपीगण 1 प्रमोद व0 भालचंद बिहारे 34 वर्ष एवं 2 शिवपाल व0 धान्धू परते 27 वर्श नि0 साकादेही को दिनांक 06-05-2012 को गिरफ्तार किया जाकर इस अन्धे कत्ल की गुत्थी सुलझायी गयी। नवापुर भैंसदेही के अंधे कत्ल में मात्र तीन दिन में आरोपी गिरफ्तार किए गए। थाना भैंसदेही के अपराध क्रमंाक- 70/2012, धारा 302 भादंवि, जो मश्तक सन्जू व0 गम्फू कुन्बी 36 वर्ष नि0 नवापुर की हत्या के संबंध में पंजीबद्ध किया गया था, जिसके आरोपी भी अज्ञात थे, जिनकी तलाशी पुलिस अधीक्षक के कुशल मार्गदर्शन में की जाकर घटना तीन दिन उपरांत दिनांक 08-05-2012 को आरोपियेां को गिरफ्तार किया जाकर अंधे कत्ल की गुत्थी सुलझायी गयी। प्रेम प्रसंग के चलते हत्या के उद्देश्य से किये गये अपहरण का पर्दाफ ाश किया जाकर हत्या होने से रोका गया । 
हत्या के लिए अपहरण के संबंध में थाना कोतवाली बैतूल में पंजीबद्ध अपराध क्रमंाक- 292/12, धारा 364, 120-बी, 34 भादंवि के मामले में आरोपियों के द्वारा संतोश व0 राम भाउ पंवार नि0 रामनगर बैतूल को कु0 गीता पाटेकर के साथ विवाह तय होने एवं आरोपी कृष्णा पंवार के द्वारा गीता से प्रेम करने के फ लस्वरूप हत्या करने के उद्देश्य से अन्य आरेापियों की मदद से अपहरण कर ले गये थे, परंतु पुलिस अधीक्षक, बैतूल एवं उनके अधीनस्थों की त्वरित कार्यवाही के फ लस्वरूप आरोपियों की तलाशी की गई जिसके दौरान पाया गया कि हत्या घटित होने के पूर्व आरोपियों को गिरफ्तार किया जाकर सफलता अर्जित की गयी। दंड प्रक्रिया संहिता के अंतर्गत गुण्डे बदमाशों के विरूद्ध विशेष अभियान चलाकर सघन कार्यवाही दिनांक 01-04-2011 से अभी तक प्रतिबंधात्मक कार्यवाही के अतर्गत जिलें में धारा 109 दं0प्र0सं0 के अंतर्गत 59 प्रकरण में 59 व्यक्तियों के विरूद्ध, धारा 110 दं0प्र0सं0 के अंतर्गत 66 प्रकरण में 66 व्यक्तियों के विरूद्ध, धारा 107, 116(3) दं0प्र0सं0 के अंतर्गत 2430 प्रकरण में 3396 व्यक्तियों के विरूद्ध, धारा 151 दं0प्र0सं0 के अंतर्गत 240 प्रकरण में 263 व्यक्तियों के विरूद्ध, धारा 145 दं0प्र0सं0 के अंतर्गत 9 प्रकरण में 26 व्यक्तियों के विरूद्ध, जिला बदर के अंतर्गत 19 प्रकरण में 19 व्यक्तियों के विरूद्ध विशेष अभियान चलाकर कार्यवाही की गयी है। 
जुंआ, सट्टा, शराब एवं अन्य लघु अधिनियम के अंतर्गत विशेष अभियान चलाकर सघन कार्यवाही की गई। दिनांक 01-04-2011 से अभी तक लघु अधिनियम के अंतर्गत जिलें में आम्र्स एक्ट में 24 प्रकरण में 24 व्यक्तियों के विरूद्ध जुआ एक्ट में 24 प्रकरण में 104 व्यक्तियों के विरूद्ध सट्टा एक्ट में 49 प्रकरण में 49 व्यक्तियों के विरूद्ध आबकारी एक्ट में 197 प्रकरण में 197 व्यक्तियों के विरूद्ध पुलिस एक्ट में 74 प्रकरण में 74 व्यक्तियों के विरूद्ध मो0व्ही0 एक्ट में 2565 प्रकरण में 2565 व्यक्तियों के विरूद्ध एन.डी.पी.एस. एक्ट में 1 प्रकरण में 1 व्यक्तियों के विरूद्ध म0प्र0कृशीउप.पषु सरक्षण अधि0 में 4 प्रकरण में 4 व्यक्तियों के विरूद्ध दहेज अधि0 में 1 प्रकरण में 1 व्यक्तियों के विरूद्ध कार्यवाही की गयी है । जुआ एक्ट के अंतर्गत 81725 रूपये, सट्टा एक्ट के अंतर्गत 24779 रूपये, मो0व्ही0 एक्ट के अंतर्गत 203450 रूपये जप्त किये गये । आबकारी एक्ट 1632 लीटर षराब जप्त की गयी । अनुभाग एवं थाना स्तर पर चौपाल का आयोजन, परिवार परामर्ष केन्द्र, ग्राम एवं नगर रक्षा समिति और अधिक सक्रिय वर्तमान में जिले में बैतूल पुलिस द्वारा जिले में घटित अपराधों की रोकथाम, अवैध गतिविधियों के विरूद्ध सघन कार्यवाही, महिलाओं एवं गरीब तबके के प्रति संवेदनषीलता एवं जन सामान्य के मध्य नियमित रूप से बैठकर उनकी समस्याओं का त्वरित निराकरण किये जाने के फलस्वरूप जन सामान्य में पुलिस की कार्य प्रणाली को लेकर सकारात्मक धारणा बनी है। पुलिस अधीक्षक के द्वारा सामुदायिक पुलिसिंग के अंतर्गत ग्राम एवं नगर रक्षा समितियों एवं जिले में स्थापित परिवार परामर्श केन्द्रों को अधिक से अधिक सक्रिय किये जाने पर जोर दिया जा रहा है ताकि आम जनता पुलिस से भयभीत होने के बजाय जुड़ सके एवं विघटित हो रहे परिवारों को मिलाया जा रहा है । 
इसके साथ ही थाना एवं अनुभाग स्तर चौपाल का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें जन सामान्य से विभिन्न मुद्दों पर चर्चा कर विचारों का आदान-प्रदान किया जा रहा है, जो जनता एवं पुलिस के संबंधों को मधुर बनाये जाने की दिषा में एक अनूठी पहल है। नियमित परेड के माध्यम से पुलिस अधिकारी एवं कर्मचारी चुस्त-दुुरूस्त पुलिस अधीक्षक बैतूल की पहल पर पुलिस परेड ग्राउंड पर अब प्रत्येक शुक्रवार एवं मंगलवार को नियमित रूप से परेड का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें क्रमवार जिले के थाना प्रभारियों एवं कर्मचारियों को आहुत किया जाकर परेड करायी जा रही है । पुलिस अधीक्षक द्वारा बताया गया कि पुलिस के द्वारा नियमित परेड किया जाना नितांत आवश्क्य है ताकि पुलिस की व्यस्ततम कार्य शैली से कर्मचारियों के शरीर पर पड़े रहे विपरीत प्रभाव से बचा जा सके एवं पुलिसकर्मी स्फू र्तिवान बना रहकर अपना कत्र्तव्य निर्वहन कर सके ।

Tuesday, May 29, 2012

ये सरकार है या बिजूका

 (डा. शशि तिवारी) 
 
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                 पैट्रोल बम्ब, डीजल बम्ब, गैस बम्ब, महंगाइर बम्ब, भ्रष्टाचार बम्ब, झुठेला बम्ब, मक्कारी बम्ब, विश्वासघाती बम्ब और न जाने कौन-कौन से बम्ब, लोकतंत्र में मालिक अर्थात् जनता के ऊपर गिरा तथाकथित जनप्रतिनिधि कम्पनी और पूंजीपतियों से मिल जनता को आतंकित किये हुए है। अब तो ऐसा लगता है कि किस पर जनता विश्वास करें और किस पर नहीं? आज सांपनाथ और नागनाथ दोनों ही मालिक अर्थात् जनता का खून पीने में ही आनंदित होते हैं।

                यू. पी. ए. समर्पित पार्टियां लाख चालाकी बरते लेकिन जनता की पैनी नजरों से बच नहीं सकती। इसी तरह राज्य की सरकारें भी केन्द्र की आड़ में कम्बल ठक घी पी नहीं सकती?

                आखिर ये हो क्या रहा है सरकार के आंकडे कहते हेंै महंगाई पर नियंत्रण हुआ, गरीब कम हुए, गरीबी रेखा कभी गिरी, कभी बढ़ी, विकास दर बढ़ी और न जाने क्या क्या? इसी बाबत् मंत्रियों द्वारा ढ़ेरों विदेश यात्राएं की गई, लेकिन नतीजा सिफर ही रहा, संसद चलती नहीं, संसद की गरिमा पर समय-समय पर अंदर और बाहर वालों ने प्रहार किये, देश में आम आदमी की चिंता पर चिंतन लाखों कोस पीछे छूट गया है, जनता से बिना पूछे अपने ऐशो आराम के लिए पगार एवं सुविधा स्वयं भू अधिकार के तहत् जन प्रतिनिधि झपट ही लेते है, पेट भर चुका, शर्म बची नही, अब बारी आती है अर्नगल प्रलापों की, झूठी चिंता की तो, उस नौटंकी में सभी राजनीतिक दलों ने महारथ हासिल कर रखी हैं, रहा सवाल जनता का, तो वो इन जुल्मों को सहने के लिये डिसर्व करती है बल्कि उसे गुलाम रहने में ही अब मजा आने लगा है? पंचतंत्र में एक कहानी आती है कि राजा के दरबार में एक त्रिकालदर्शी पंडित ने राजा के भूत, भविष्य को देखने की सामथ्र्य थी, दुर्भाग्य से राजा का अगला जन्म सुअर योनी में होना था। राजा भी चिंतित हो इस योनि बचने का उपाय पूछा। पंडित के अनुसार आपके इस योनि में जन्म लेते ही आपका तत्काल वध कर दिया जाए तो मुक्ति हो जायेगी और अगली योनि राजा की ही होगी। राजा ने अपने पुत्रों को बुला मुक्ति के बारे में बताया। आज्ञाकारी पुत्रों ने राजा द्वारा बताया समय एवं माथे पर तिलक का चिन्ह की पहचान बताई। दुर्भाग्य से उस रात तेज बारिश के कारण पुत्रों को स्थल पर पहुंचने में देरी हो गई जैसे ही पिता को सुअर योनि में पहचान तलवार से वध करने को अग्रसर हुए तभी आवाज आई अब रहने दो अब इसी कीचड़ में मजा आ रहा है। आज ऐसी ही स्थिति कुछ-कुछ जनता की हो गई है, वह इन सभी की अब आदी सी हो गई है। एक दो दिन कुछ लोगों के साथ धरने प्रदर्शन में भडास निकालेगी, अब शायद ये नियति सी ही बन गई है।

                यहाँ उत्तराखण्ड, केरल एवं सर्वाधिक गोवा सरकार की तारीफ करना चाहूंगी जिसने लोकतंत्र के सच्चे मायने का उत्कृष्ट उदाहरण जनता को राहत दे प्रस्तुत किया। आखिर राज्य की रिया का ध्यान रखने की जवाबदेही को उन्होंने बखूबी बिना राजनीतिक ढकोसले से जो निभाया है।

                इसे विडंबना ही कहेंगे, म.प्र. के मुखिया शिवराज जनता के लिए दिन-रात एक किये हुए है, वहीं वित्त मंत्री राघवजी का वह बयान ‘‘केन्द्र सरकार पैट्रोल के दाम बढ़ाती जा रही है और हम से उम्मीद करती है कि हम टैक्स कम करें ऐसे कैसे संभव है, पैट्रोल पर टैक्स कम नही होगा।’’ यह जनता के घावों पर नमक छिड़कने जैसा ही है यह बयान म.प्र. भाजपा के लिए भविष्य में नुकसान देह साबित हो सकता है। राघव जी को यह नही ंभूलना चाहिए कि म.प्र. की जनता ने ही आपको मंत्री बनाया है, कोई आप प्रायवेट लिमिटेड कंपनी के मालिक नहीं है? जब जनता का ख्याल नहीं रख सकते वो केन्द्र सरकार को कौसने का भी इन्हें कोई अधिकार नही है? केन्द्र यदि पाप कर रहा है तो हम भी करेंगे यह कोई तर्क नहीं है। यह सरासर म.प्र. के वोटरों के साथ न केवल अत्याचार है बल्कि जघन्य अपराध भी है? राघव जी को तो घी के दिये जलाने चाहिए कि बैठे-बिठाए म.प्र.सरकार को दो रूपया प्रति लीटर का फायदा हो खजाना जो भर रहे है फिर विरोध क्यों? ये पब्लिक है सब जानती है वोट की भीख मांगते समय जनता माकूल उत्तर देगी। शिव को यहां हस्तक्षेप करना ही होगा अन्यथा केन्द्र राज्य में अंतर ही क्या रह जायेगा।

                भोपाल में तेल कंपनी इंडिया आॅयल कारर्पोरेशन का मजाक तो देखिए इनकी गलती के चलते ग्राहकों से बीते गुरूवार (24/05/12) 12ः00 बजे तक ग्राहकों से 39 पैसे ज्यादा वसूलने की बात को एक दैनिक अखबार के माध्यम से ए. के. सिंह मुख्य मण्डल प्रबंधक आई. ओ. सी. भोपाल स्वीकार कर चुके है साथ ही कहते है कि त्रुटि हुई है। साथ ही निर्देश दे रहे है कि शहर के सभी 44 पैट्रोल पम्प संचालक ग्राहकों द्वारा बिल प्रस्तुत करने पर अतिरिक्त वसूली गई राशि को वापस लौटा दे जिन्होंने 78.51 प्रति लीटर की रसीद दी है। यह सभी जानते है कि कितने लोग बिल लेते है सिवाए शासकीय वाहनों को छोड़। अब प्रश्न उठता है कि अतिरिक्त वसूला गया पैसा ग्राहकों को कैसे वापस होगा? होना तो यह चाहिए था कि रेट के निर्धारण में गलती जिस स्तर के अधिकारी से हुई पहले उसके खिलाफ वेतन से वसूली हो या उक्त अवधि में पैट्रोल संचालकों द्वारा जो अतिरिक्त राशि ली गई है को जिम्मेदार अधिकारी एकत्रित कर किसी अनाथालय, वृद्धाश्रम या चेरीटेबल अस्पताल में जमा कराने की जवाबदेही भी अब आई.ओ.सी.की हो? गलती की है तो अब सजा भी होनी चाहिए, आखिर पारदर्शिता एवं जवाबदेही का जो सवाल है।

                केन्द्र और राज्य यदि पैट्रोल से सभी करों को हटा ले तो यह 36 रूपये प्रति लीटर जनता को प्रदाय किया जा सकता है एवं इसकी भरपाई के लिए उद्योपतियों पर अन्य कर लगा पूरा कर सकती है।

                प्रणव मुखर्जी भी अब देश की जनता को बेवकूफ बनाना छोड़े कि तेल कंपनियों पर उनका नियंत्रण नहीं है, प्रणव को जनता ने भेजा है या कम्पनी ने? यह यक्ष प्रश्न उठता है चुनाव एवं चलती संसद के समय कम्पनी कीमतें क्यों नही बढ़ा पाती? ये कम्पनियां बार-बार सरकार से घाटे एवं कीमतें बढाने का अनुरोध क्यों करती रहती है? इन कंपनियों को किसने भारत की जनता पर जब चाहे चाबुक चलाने के लिए निरंकुश छोड दिया है? जब ये तेल कंपनियां अपने वार्षिक प्रतिवेदन में मुनाफा दर्शाती है फिर तेल कीमतों में वृद्धि क्यों? 2006 से आज तक कितनी ही बार अन्तर्राष्ट्रीय बाजारों में तेल की कीमतें कम हुई भी तब भी इन्होंने कीमतों को कम क्यों नहीं किया? सरकार ने क्या देखा? यदि कम्पनी के गलत निर्णय से भारत में आग लग सकती है तो सरकार पुनः इन तेल कम्पनियों को अपने नियंत्रण में क्यों नहीं ले सकती? आखिर सरकार किस मर्ज की दवा है? नियंत्रण न होने की बात कह देने मात्र से क्या सरकार अपने दायित्वों कत्र्तव्यों से मुक्त हो जाती है? यदि केन्द्र सरकार लाचार ही है तो केन्द्र सरकार को भंग कर 10 सालों के लिए देश में राष्ट्रपति शासन क्यों नहीं लगा देना चाहिए? चूंकि अब देश में चुने हुए जनप्रतिनिधि अपनी उपयोगिता खो चुके हैं।
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(डा. शशि तिवारी)
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