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नई दिल्ली। देश की सभी राजनीतिक पार्टियों को आरटीआई के दायरे में लाए जाने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार ने हलफनामा दायर किया है।
अपने हलफनामें में सरकार ने बताया कि राजनीतिक पार्टियों को आरटीआई के दायरे में नहीं लाया जा सकता, अगर ऐसा किया जाता है तो यह उनके आंतरिक कामकाज को प्रभावित करेगा। सरकार का कहना है कि राजनीतिक पार्टियों को सार्वजनिक प्राधिकरण घोषित करने का परिणाम यह होगा कि इनके राजनीतिक विरोधी अपने फायदे के लिए इसका दुरुपयोग कर सकते हैं।
खबरों के अनुसार सरकार ने यह हलफनामा सर्वोच्च न्यायालय के उस आदेश के बाद दायर किया है जिसमें अदालत ने पूछा था कि पार्टियों को आरटीआई के दायरे में क्यों नहीं लाया जाना चाहिए। दरअसल अदालत ने यह सवाल प्रशांत भूषण द्वारा लगाई गई याचिका पर सुनवाई के दौरान पूछा है जिसमें उन्होंने सभी दलों को आरटीआई के दायरे में लाने की मांग की है।
नई दिल्ली। देश की सभी राजनीतिक पार्टियों को आरटीआई के दायरे में लाए जाने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार ने हलफनामा दायर किया है।
अपने हलफनामें में सरकार ने बताया कि राजनीतिक पार्टियों को आरटीआई के दायरे में नहीं लाया जा सकता, अगर ऐसा किया जाता है तो यह उनके आंतरिक कामकाज को प्रभावित करेगा। सरकार का कहना है कि राजनीतिक पार्टियों को सार्वजनिक प्राधिकरण घोषित करने का परिणाम यह होगा कि इनके राजनीतिक विरोधी अपने फायदे के लिए इसका दुरुपयोग कर सकते हैं।
खबरों के अनुसार सरकार ने यह हलफनामा सर्वोच्च न्यायालय के उस आदेश के बाद दायर किया है जिसमें अदालत ने पूछा था कि पार्टियों को आरटीआई के दायरे में क्यों नहीं लाया जाना चाहिए। दरअसल अदालत ने यह सवाल प्रशांत भूषण द्वारा लगाई गई याचिका पर सुनवाई के दौरान पूछा है जिसमें उन्होंने सभी दलों को आरटीआई के दायरे में लाने की मांग की है।
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