भोपाल । जिस गेहूं को घटिया बताकर नागरिक आपूर्ति निगम ने रिजेक्ट किया था, वही मात्र ढाई माह में उत्तम मान लिया गया और उसे गोदामों में जमा भी करा दिया गया। जिला सहकारी केन्द्रीय बैंकों के इस कारनामे में 2 लाख 64 हजार क्विंटल रिजेक्ट गेहूं में से लगभग 1.50 लाख क्विंटल को स्टॉक किया जा चुका है।
इससे सहकारी समिति और नागरिक आपूर्ति निगम की कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में है। घटिया गेहूं बड़ी मात्रा में खरीदकर किसानों को पूरा भुगतान भी किया गया। जैसा भी मिला खरीद लिया सूत्रों के मुताबिक गेहूं खरीदी में पूरा खेल राज्य और केन्द्र सरकार के निर्देशों में देरी की आड़ में हुआ।
पिछले साल अतिवर्षा की वजह से गेहूं के दाने छोटे-पतले रह गए और चमक भी चली गई थी। समिति संचालक जानते थे कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान किसानों का नुकसान नहीं होने देना चाहते, इसलिए समितियों ने गुणवत्ता न होने पर भी किसानों से गेहूं खरीदा। इस कारण समितियों के पास 2 लाख 64 हजार क्विंटल से ज्यादा अमानक गेहूं जमा हो गया।
...तो बर्बाद हो जातीं समितियां
सहकारिता विभाग के प्रमुख सचिव अजीत केसरी का कहना है कि रिजेक्ट गेहूं का निपटारा न होता तो समितियां बर्बाद हो जातीं, क्योंकि समितियां किसानों को भुगतान कर चुकीं थीं, जबकि गेहूं जमा नहीं होने पर भुगतान रुका था। यही वजह है कि सहकारी बैंकों से कहा गया कि हर हाल में गेहूं खरीदी का हिसाब-किताब साफ किया जाए।बीते गुरुवार-शुक्रवार को प्रदेश स्तरीय समीक्षा में मालूम पड़ा कि अधिकांश रिजेक्ट गेहूं का निपटारा हो गया है।
समितियों से करेंगे वसूली
अपेक्स बैंक के प्रबंध संचालक प्रदीप नीखरा ने बताया कि दो-तीन साल से गेहूं गायब होने, बड़ी मात्रा में रिजेक्ट होने और गोदामों में जमा न होने की शिकायतें मिल रही थीं।ऐसे में हो रहे नुकसान को देखते हुए मुहिम चलाई गई और छन्ना लगाकर गेहूं साफ कराया गया। अपग्रेड करने के बाद अच्छा गेहूं जमा हुआ, बाकी नीलाम होगा। गड़बड़ी की जिम्मेदारी समिति, परिवहनकर्ता और आपूर्ति निगम के मैदानी अमले की है। समिति प्रबंधकों से शॉर्टेज और जमा होने से रह गए गेहूं की कीमत वसूूली जाएगी। ट्रांसपोर्टर से वसूली नागरिक आपूर्ति निगम करेगा।
कहां-कतना हुआ था रिजेक्ट
जिला मात्रा (क्विंटल में) ग्वालियर 44101 शिवपुरी 12813 रायसेन 24042 विदिशा 10161 बैतूल 20107 होशंगाबाद 28736 कटनी 14072 सागर 26007 । नोटः- कुल रिजेक्ट गेहूं में से 70-75 फीसदी का निपटारा होने का दावा किया जा रहा है।
इनका कहना है
केंद्र के पैमाने पर खरीदी हम केन्द्र सरकार के तय पैमाने से गेहूं लेते हैं, यदि रिजेक्ट गेहूं ट्रीटमेंट के बाद खरा उतरता है तो स्वीकार किया जाता है।
-अशोक वर्णवाल, प्रमुख सचिव खाद्य व नागरिक आपूर्ति विभाग
इससे सहकारी समिति और नागरिक आपूर्ति निगम की कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में है। घटिया गेहूं बड़ी मात्रा में खरीदकर किसानों को पूरा भुगतान भी किया गया। जैसा भी मिला खरीद लिया सूत्रों के मुताबिक गेहूं खरीदी में पूरा खेल राज्य और केन्द्र सरकार के निर्देशों में देरी की आड़ में हुआ।
पिछले साल अतिवर्षा की वजह से गेहूं के दाने छोटे-पतले रह गए और चमक भी चली गई थी। समिति संचालक जानते थे कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान किसानों का नुकसान नहीं होने देना चाहते, इसलिए समितियों ने गुणवत्ता न होने पर भी किसानों से गेहूं खरीदा। इस कारण समितियों के पास 2 लाख 64 हजार क्विंटल से ज्यादा अमानक गेहूं जमा हो गया।
...तो बर्बाद हो जातीं समितियां
सहकारिता विभाग के प्रमुख सचिव अजीत केसरी का कहना है कि रिजेक्ट गेहूं का निपटारा न होता तो समितियां बर्बाद हो जातीं, क्योंकि समितियां किसानों को भुगतान कर चुकीं थीं, जबकि गेहूं जमा नहीं होने पर भुगतान रुका था। यही वजह है कि सहकारी बैंकों से कहा गया कि हर हाल में गेहूं खरीदी का हिसाब-किताब साफ किया जाए।बीते गुरुवार-शुक्रवार को प्रदेश स्तरीय समीक्षा में मालूम पड़ा कि अधिकांश रिजेक्ट गेहूं का निपटारा हो गया है।
समितियों से करेंगे वसूली
अपेक्स बैंक के प्रबंध संचालक प्रदीप नीखरा ने बताया कि दो-तीन साल से गेहूं गायब होने, बड़ी मात्रा में रिजेक्ट होने और गोदामों में जमा न होने की शिकायतें मिल रही थीं।ऐसे में हो रहे नुकसान को देखते हुए मुहिम चलाई गई और छन्ना लगाकर गेहूं साफ कराया गया। अपग्रेड करने के बाद अच्छा गेहूं जमा हुआ, बाकी नीलाम होगा। गड़बड़ी की जिम्मेदारी समिति, परिवहनकर्ता और आपूर्ति निगम के मैदानी अमले की है। समिति प्रबंधकों से शॉर्टेज और जमा होने से रह गए गेहूं की कीमत वसूूली जाएगी। ट्रांसपोर्टर से वसूली नागरिक आपूर्ति निगम करेगा।
कहां-कतना हुआ था रिजेक्ट
जिला मात्रा (क्विंटल में) ग्वालियर 44101 शिवपुरी 12813 रायसेन 24042 विदिशा 10161 बैतूल 20107 होशंगाबाद 28736 कटनी 14072 सागर 26007 । नोटः- कुल रिजेक्ट गेहूं में से 70-75 फीसदी का निपटारा होने का दावा किया जा रहा है।
इनका कहना है
केंद्र के पैमाने पर खरीदी हम केन्द्र सरकार के तय पैमाने से गेहूं लेते हैं, यदि रिजेक्ट गेहूं ट्रीटमेंट के बाद खरा उतरता है तो स्वीकार किया जाता है।
-अशोक वर्णवाल, प्रमुख सचिव खाद्य व नागरिक आपूर्ति विभाग
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