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21 अगस्त 2015, नई दिल्ली: शिक्षा मंत्री स्मृति ईरानी एक बार फिर सोशल मीडिया के निशाने पर हैं। इस बार वजह बना है उनके मंत्रालय का तथाकथित लेटर हेड जिसमें हिंदी और अंग्रेज़ी के कुछ शब्दों की स्पेलिंग गलत लिखी गई है। अब कोई और मंत्रालय होता तो फिर भी ठीक है लेकिन मानव संसाधन विकास मंत्रालय के लेटर हेड पर इस तरह की गलती कैसे पचाई जा सकती है। दरअसल लेटर हेड पर 'संसाधन' को 'संसाधान' और अंग्रेज़ी में 'Minister' को 'Minster' लिखा गया है।
पूरा मामला कुछ इस तरह है। छत्तीसगढ़, भिलाई के एक सीबीएसई स्कूल की शिक्षक ऋचा कुमार ने पिछले दिनों एक चिट्ठी को फेसबुक पर पोस्ट किया जो तथाकथित रूप से उन्हें मानव संसाधन विकास मंत्रालय की ओर से मिली थी। चिट्ठी में उनके स्कूल के बच्चों के अच्छे परिणाम आने पर उन्हें बधाई दी गई थी।
अपनी पोस्ट पर ऋचा ने स्मृति ईरानी को संबोधित करते हुए लिखा 'सभी सीबीएसई शिक्षकों को बधाई की ये चिट्ठी भेजने के लिए धन्यवाद। लेकिन मैं पिछले 20 सालों से भाषा पढ़ाती आ रही हूं, शायद इसलिए आपके आधिकारिक लेटर हेड पर हुई गल्तियों को नज़रअंदाज़ नहीं कर पा रही हूं। नीचे लगी तस्वीरों से आपको मामला समझ आ जाएगा। अच्छा होगा कि आपके मंत्रालय में काम करने वाले लोगों को रखने से पहले आप ये सुनिश्चित कर लें कि वह पढ़ लिखे हो।'
ऋचा की इस चिट्ठी ने सोशल मीडिया पर जो चक्कर लगाना शुरू किया तो स्मृति ईरानी को भी अपनी प्रतिक्रिया देनी पड़ गई। ऐसे ही एक ट्वीट में जब स्मृति ईरानी से पूछा गया कि क्या ये उन्हीं का लेटर हेड है तो स्मृति ने जवाब दिया 'नहीं ये मेरा नहीं है। मैं हिंदी में अपना नाम भी गलत नहीं लिखती हूं। हमने संबंधित संस्थानों से इसका जवाब मांगा है।'
अब देखना होगा कि स्मृति ईरानी की इस सफाई के बाद इस मामले को खत्म समझा जाए या हाथ धोकर पीछे पड़ जाने वाले सोशल मीडिया के लिए अभी तो पार्टी शुरू हुई है..
21 अगस्त 2015, नई दिल्ली: शिक्षा मंत्री स्मृति ईरानी एक बार फिर सोशल मीडिया के निशाने पर हैं। इस बार वजह बना है उनके मंत्रालय का तथाकथित लेटर हेड जिसमें हिंदी और अंग्रेज़ी के कुछ शब्दों की स्पेलिंग गलत लिखी गई है। अब कोई और मंत्रालय होता तो फिर भी ठीक है लेकिन मानव संसाधन विकास मंत्रालय के लेटर हेड पर इस तरह की गलती कैसे पचाई जा सकती है। दरअसल लेटर हेड पर 'संसाधन' को 'संसाधान' और अंग्रेज़ी में 'Minister' को 'Minster' लिखा गया है।
पूरा मामला कुछ इस तरह है। छत्तीसगढ़, भिलाई के एक सीबीएसई स्कूल की शिक्षक ऋचा कुमार ने पिछले दिनों एक चिट्ठी को फेसबुक पर पोस्ट किया जो तथाकथित रूप से उन्हें मानव संसाधन विकास मंत्रालय की ओर से मिली थी। चिट्ठी में उनके स्कूल के बच्चों के अच्छे परिणाम आने पर उन्हें बधाई दी गई थी।
अपनी पोस्ट पर ऋचा ने स्मृति ईरानी को संबोधित करते हुए लिखा 'सभी सीबीएसई शिक्षकों को बधाई की ये चिट्ठी भेजने के लिए धन्यवाद। लेकिन मैं पिछले 20 सालों से भाषा पढ़ाती आ रही हूं, शायद इसलिए आपके आधिकारिक लेटर हेड पर हुई गल्तियों को नज़रअंदाज़ नहीं कर पा रही हूं। नीचे लगी तस्वीरों से आपको मामला समझ आ जाएगा। अच्छा होगा कि आपके मंत्रालय में काम करने वाले लोगों को रखने से पहले आप ये सुनिश्चित कर लें कि वह पढ़ लिखे हो।'
ऋचा की इस चिट्ठी ने सोशल मीडिया पर जो चक्कर लगाना शुरू किया तो स्मृति ईरानी को भी अपनी प्रतिक्रिया देनी पड़ गई। ऐसे ही एक ट्वीट में जब स्मृति ईरानी से पूछा गया कि क्या ये उन्हीं का लेटर हेड है तो स्मृति ने जवाब दिया 'नहीं ये मेरा नहीं है। मैं हिंदी में अपना नाम भी गलत नहीं लिखती हूं। हमने संबंधित संस्थानों से इसका जवाब मांगा है।'
अब देखना होगा कि स्मृति ईरानी की इस सफाई के बाद इस मामले को खत्म समझा जाए या हाथ धोकर पीछे पड़ जाने वाले सोशल मीडिया के लिए अभी तो पार्टी शुरू हुई है..
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