राजगढ़ के कुख्यात अनूप सक्सेना द्वारा कई भ्रामक खबरे छापकर इंदौर हाई कोर्ट के फैसले को तोड़ मरोड़ कर एक साप्ताहिक में यह खबर प्रकाशित की थी, कि राजगढ़ के तत्कालीन कलेक्टर जो वर्तमान में विदिशा कलेक्टर हैं के वेतन से दस हजार रुपये काटकर जुर्माना अदा किया जायेगा। राजगढ़ कलेक्टर श्री आनन्द शर्मा ने शासन की ओर से हाईकोर्ट की इंदौर बेंच में इस फैसले के विरुद्ध अपील की,उल्लेखनीय है,कि अनूप सक्सेना का जिला बदर उसके ऊपर चल रहे कई अपराधिक प्ररकरणों एवम् असामाजिक गतिविधियों के चलते राजगढ़ जिला कलेक्टर श्री आनन्द शर्मा द्वारा जिला बदर किया गया था,जिसमें उसका जिलाबदर का आदेश निरस्त कर दिया गया था। किन्तु राजगढ़ जिला प्रशासन की अपील पर इन्दौर हाईकोर्ट बेन्च ने,निरस्ती के आदेश और जिला प्रसाशन के ऊपर लगाये गये जुर्माने पर स्थगन देकर,सारे भ्रम दूर कर दिये हैं,अब अनूप सक्सेना को जिलाबदर की बाकी अवधि भोपाल सम्भाग से बाहर गुजारना होगी। इसी मामले को लेकर राजगढ़ के पूर्व कलेक्टर के सम्बन्ध में कई पत्रकार बन्धुओं को गुमराह कर मानहानिपरक समाचारों का प्रकाशन अनूप द्वारा करवाया गया था। जिसके सम्बद्ध में दो मुकदमें मानहानि के भोपाल न्यायालय में अनूप सक्सेना व साप्ताहिक खबरयार के सम्पादक गुरुबचन सिंह बग्गा "सोच" के विरुद्धएवम् विदिशा न्यायालय में एक मुकदमा चल रहा है। जिसमें दोनो आरोपी जमानत पर हैं एक मुकदमा अनूप सक्सेना के विरुद्ध धारा 354 महिला से छेड़ छाड़ का भोपाल न्यायालय में चल रहा है,इस प्रकरण में भी अनूप हाईकोर्ट जबलपुर से जमानत पर है।पत्रकारिता के पेशे को कलंकित करने वाले और उत्साहातिरेक में उच्च न्यायालय के निर्णय को तोड़मरोड़कर छापने का खामियाजा जिलाबदर होकर भुगतना अनूप की नियति हो गई है। इंदौर हाईकोर्ट बेन्च ने यह निर्णय दिनॉक 3 अगस्त 2015 को दिया है।
विनय डेविड भोपाल की रिर्पोट
विनय डेविड भोपाल की रिर्पोट
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