Toc news / FRIDAY, FEBRUARY 26, 2016
भोपाल। वर्ष, 1993 से 2003 के बीच विधानसभा सचिवालय में फर्जी नियुक्तियों के मामले में शुक्रवार को कोर्ट ने मप्र के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। वे कोर्ट में उपस्थित नहीं हुए थे।
इससे पहले जहांगीराबाद पुलिस ने पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह सहित आठ आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में चालान पेश किया। जिला कोर्ट में लोकायुक्त के विशेष न्यायाधीश काषीनाथ सिंह की अदालत में चालान पेश किया गया। उल्लेखनीय है कि मार्शलों की फर्जी नियुक्ति मामले में फरवरी, 2015 में जहांगीराबाद पुलिस ने मामला दर्ज किया था।
यह है मामला..
दिग्विजय सिंह और श्रीनिवास तिवारी ने अपने दस साल के कार्यकाल (1993 से 2003) में विधानसभा सचिवालय में अपने नजदीकियों को नियम विरुद्ध नियुक्तियां दी थीं। अपात्र लोगों को स्थायी करने के लिए उनका दूसरे विभागों में संविलियन किया गया था। नियम विरुद्ध उन्हें पदोन्नति भी दी गई थी। विधानसभा में मार्शलों की नियुक्तियां भी सामने आई थीं।
इस मामले में जहांगीराबाद पुलिस ने 27 फरवरी, 2015 को एफआईआर दर्ज कर दिग्विजय सिंह और श्रीनिवास तिवारी समेत 19 लोगों को आरोपी बनाया था। विवेचना के दौरान पुलिस ने पांच लोगों को और आरोपी बनाया था। इस मामले में पुलिस 21 सितंबर, 2015 को श्रीनिवास तिवारी समेत 19 आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में चालान पेश कर चुकी है। शुक्रवार को दिग्विजय सिंह सहित अन्य के खिलाफ चालान पेश किया गया।
इनके खिलाफ चालान
1-दिग्विजय सिंह
2- अशोक चतुर्वेदी
3- एके त्यागी
4- रमाशंकर मिश्रा
5- योगेश मिश्रा
6- सुषमा द्विवेदी
7- कुलदीप पांडे
8- केके कौशल
भोपाल। वर्ष, 1993 से 2003 के बीच विधानसभा सचिवालय में फर्जी नियुक्तियों के मामले में शुक्रवार को कोर्ट ने मप्र के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। वे कोर्ट में उपस्थित नहीं हुए थे।
इससे पहले जहांगीराबाद पुलिस ने पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह सहित आठ आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में चालान पेश किया। जिला कोर्ट में लोकायुक्त के विशेष न्यायाधीश काषीनाथ सिंह की अदालत में चालान पेश किया गया। उल्लेखनीय है कि मार्शलों की फर्जी नियुक्ति मामले में फरवरी, 2015 में जहांगीराबाद पुलिस ने मामला दर्ज किया था।
यह है मामला..
दिग्विजय सिंह और श्रीनिवास तिवारी ने अपने दस साल के कार्यकाल (1993 से 2003) में विधानसभा सचिवालय में अपने नजदीकियों को नियम विरुद्ध नियुक्तियां दी थीं। अपात्र लोगों को स्थायी करने के लिए उनका दूसरे विभागों में संविलियन किया गया था। नियम विरुद्ध उन्हें पदोन्नति भी दी गई थी। विधानसभा में मार्शलों की नियुक्तियां भी सामने आई थीं।
इस मामले में जहांगीराबाद पुलिस ने 27 फरवरी, 2015 को एफआईआर दर्ज कर दिग्विजय सिंह और श्रीनिवास तिवारी समेत 19 लोगों को आरोपी बनाया था। विवेचना के दौरान पुलिस ने पांच लोगों को और आरोपी बनाया था। इस मामले में पुलिस 21 सितंबर, 2015 को श्रीनिवास तिवारी समेत 19 आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में चालान पेश कर चुकी है। शुक्रवार को दिग्विजय सिंह सहित अन्य के खिलाफ चालान पेश किया गया।
इनके खिलाफ चालान
1-दिग्विजय सिंह
2- अशोक चतुर्वेदी
3- एके त्यागी
4- रमाशंकर मिश्रा
5- योगेश मिश्रा
6- सुषमा द्विवेदी
7- कुलदीप पांडे
8- केके कौशल
No comments:
Post a Comment