Thursday, February 18, 2016

किसानों की आय को दोगुना करने का लें संकल्प

वर्ष 2022 तक किसानों की आय को दोगुना करने का लें संकल्प

राष्ट्रीय कृषि बाजार का शुभारंभ बाबा साहेब अंबेडकर की जयंती से
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने शेरपुर से किया प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का शुभारंभ
 

भोपाल : गुरूवार, फरवरी 18, 2016, Toc News 
 
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में किसानों की सारी मुसीबतों का समाधान है। उन्होंने कहा कि सरकार की किसान हितैषी नीतियों और किसानों की मेहनत से वर्ष 2022 तक किसानों की आय को दोगुना करने का प्रयास किया जायेगा। श्री मोदी भोपाल से 38 किलोमीटर दूर सीहोर जिले के ग्राम शेरपुर में किसान महासम्मेलन में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का शुभारंभ करने के बाद संबोधित कर रहे थे। श्री मोदी ने नई फसल बीमा योजना की मार्गदर्शी पुस्तिका का लोकार्पण किया।
प्रधानमंत्री ने प्रदेश भर से लाखों की संख्या में श्री मोदी का अभिनन्दन करने आये किसानों का आव्हान किया अधिक से अधिक नई फसल बीमा योजना से जुड़ें। देश के इतिहास में पहली बार किसानों की भलाई के लिये इतनी बड़ी योजना बनायी गई है। यदि किसान इस योजना से जुड़ गये तो कोई भी प्राकृतिक आपदा डरा नहीं पायेगी।
मध्यप्रदेश की जमकर सराहना
प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि मध्यप्रदेश के किसानों ने अपने परिश्रम और सूझ-बूझ से प्रदेश सरकार से मिलकर कृषि क्षेत्र में एक नया इतिहास रचा है। मध्यप्रदेश को कृषि में देश में सिरमौर बनाया गया है। लगातार चार वर्ष तक मध्यप्रदेश को कृषि कर्मण अवार्ड मिलना बड़ी बात है। देश के आर्थिक विकास में मध्यप्रदेश के कृषि जगत का महत्वपूर्ण योगदान है। दो वर्ष तक वर्षा की स्थिति ठीक नहीं होने के बाद भी किसानों ने उत्पादन में कमी नहीं आने दी। विपरीत परिस्थितियों में यह उपलब्धि किसानों के अहर्निश पुरुषार्थ का परिणाम है।
श्री मोदी ने मध्यप्रदेश के कृषि क्षेत्र की उपलब्धियों को देखते हुए नई फसल बीमा योजना का प्रदेश से शुभारंभ करने को उचित बताते हुए कहा कि पुरानी फसल बीमा योजना के बारे में किसानों के मन में कई आशंकाएँ थीं। इसलिये ऐसी फसल बीमा योजना बनायी गई है, जिसमें किसानों की सारी मुसीबतों का समाधान है। इसमें रबी के लिये डेढ़ प्रतिशत और खरीफ के लिये 2 प्रतिशत से ज्यादा प्रीमियम नहीं होगा। जबकि पुरानी फसल बीमा योजना में प्रीमियम 12 से 14 प्रतिशत था। नई फसल बीमा योजना में किसानों के भुगतान पर कोई अधिकतम सीमा तय नहीं की गई है। साथ ही गाँव के एक भी किसान का नुकसान हुआ तो उसे फसल बीमा का लाभ मिलेगा। पुरानी फसल बीमा योजना में बीज बोने के बाद ही बीमा होता था। नई योजना में बारिश नहीं होने के कारण बोनी नहीं कर पाने पर भी किसानों को मदद दी जायेगी। खेत में कटी हुई फसल का नुकसान होने पर भी बीमा राशि दी जायेगी। पहले बीमा राशि स्वीकृत होने में काफी समय लगता था। अब 25 प्रतिशत राशि तत्काल दी जायेगी तथा बाकी राशि कम से कम समय में दी जायेगी। अब किसानों की फसल का एक तिहाई नुकसान होने पर भी मुआवजा दिया जायेगा। पहले 50 प्रतिशत से ज्यादा नुकसान पर मुआवजा दिया जाता था। मुआवजा राशि को बढ़ाकर तीन गुना कर दिया गया है।
राष्ट्रीय कृषि बाजार 14 अप्रैल से शुरू होगा
प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि किसानों और गाँवों की स्थिति में बदलाव लाना भारत सरकार की प्राथमिकता है। परम्‍परागत कृषि के साथ आधुनिक तकनीकी का उपयोग कर किसानों की आर्थिक स्थिति बेहतर बनायी जायेगी। आने वाले समय में डिजिटल इंडिया का फायदा किसानों को दिलवाने के लिये राष्ट्रीय कृषि बाजार का प्लेटफार्म विकसित किया जायेगा। इसमें देश की साढ़े पाँच सौ से अधिक मंडियों को नेटवर्क से जोड़ा जायेगा। राष्ट्रीय कृषि बाजार आगामी 14 अप्रैल को बाबा साहेब अंबेडकर की जयंती से शुरू किया जायेगा।
गन्ना उत्पादक किसानों की हित चिंता
प्रधानमंत्री के भाषण के मुख्य-बिन्दु
  • किसानों के दर्शन करने आया हूँ।
  • दस साल पहले मध्यप्रदेश कृषि में कहीं नहीं था। आज कृषि का सिरमौर बन गया है।
  • भारत के आर्थिक विकास में मध्यप्रदेश के कृषि क्षेत्र का बड़ा योगदान है। लगातार चार बार से कृषि कर्मण पुरस्कार जीतना बड़ी बात है। इसका श्रेय किसानों को जाता है।
  • पहले देश के 80 प्रतिशत किसान बीमा योजना का लाभ लेने में हिचकते थे। नई फसल बीमा योजना से ज्यादा से ज्यादा जुड़ें।
  • कृषि क्षेत्र में भी युवा स्टार्ट-अप योजना का लाभ लें।
  • गन्ना उत्पादक कृषकों का जहाँ पचास-साठ हजार करोड़ बकाया रहता था अब केवल 1000 करोड़ बाकी है जिसका भुगतान भी जल्दी हो जायेगा।
  • सीहोर जिले का बुदनी विकासखंड और इंदौर जिला पूरी तरह खुले में शौच से मुक्त हो गया है। इस अभियान से जुड़े सभी लोगों को बधाई।
  • देश में पहली बार यूरिया के प्रदाय में कमी नहीं आई।
  • वर्ष 2015 में यूरिया का सबसे ज्यादा उत्पादन हुआ।
  • डॉ. अम्बेडकर जयंती 14 अप्रैल से 550 मंडियों को ऑनलाइन मार्केट नेटवर्क से जोड़ दिया जायेगा।
  • परंपरागत खेती और आधुनिक खेती का मेल होना चाहिए।
केन्द्र सरकार ने गन्ना उत्पादक किसानों के हितों की चिंता की है। उन्हें गन्ना का बकाया भुगतान दिलाया गया है। केंद्र सरकार ने गन्ना उत्पादक किसानों के हित में निर्णय लिया है कि गन्ने से एथनाल बनाकर पेट्रोल में 10 प्रतिशत मिलाया जायेगा। यह पर्यावरण और किसानों के फायदे की दृष्टि से भी बेहतर होगा। प्रधानमंत्री ने कृषि क्षेत्र में 'स्टार्टअप इंडिया - स्टेंडअप इंडिया' अभियान में पहल करने के लिये युवाओं से आग्रह किया। उन्होंने कहा कि जैविक खेती के क्षेत्र में भी देश, दुनिया की आवश्यकता की पूर्ति कर सकता है।
श्री मोदी ने कहा कि प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना में कम पानी के उपयोग से अधिक फसल पैदा करने का लक्ष्य है। मध्यप्रदेश की कृषि क्रांति का मूल कारण सिंचाई पर जोर देना है। इसके लिये उन्होंने मध्यप्रदेश सरकार की सराहना करते हुए कहा कि अब पूरे देश में इसी काम को आगे बढ़ाना है। उन्होंने कहा कि गाँव का पानी गाँव में - मंत्र को लेकर आगे बढ़े। कम पानी से अधिक सिंचाई के लिये टपक सिंचाई को बढ़ावा दें। केन्द्र ने खाद की कालाबाजारी पर रोक लगाई। जिससे किसानों को आसानी से खाद की उपलब्धता हुई। नीम कोटिंग यूरिया के उपयोग से कृषि भूमि को भी फायदा हुआ। उन्होंने आग्रह किया कि अधिक से अधिक किसान मृदा स्वास्थ्य कार्ड बनवायें और जमीन में उपयुक्त फसल लगायें। आज दुनिया हमसे अपेक्षा कर रही है कि अधिक उत्पादन कर दुनिया की खाद्यान्न की आवश्यकताओं की पूर्ति हम करें। इसके लिये योजना बनाकर काम करना होगा।
प्रधानमंत्री श्री मोदी ने स्वच्छ भारत अभियान में खुले में शौच से मुक्ति के लिये बुदनी विकासखंड और इन्दौर जिले को बधाई दी। उन्होंने कहा कि संकल्प करें कि प्रदेश के सभी गाँव खुले शौच से मुक्त हों।
प्रधानमंत्री श्री मोदी सबसे बड़े किसान हितैषी - मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी को किसान मित्र प्रधानमंत्री बताते हुए कहा कि उन्होंने भारत का सम्मान और गौरव  बढ़ाया है। जिन देशों में प्रधानमंत्री गए वहाँ भारत का सम्मान बढ़ाया। श्री चौहान ने कहा कि पिछले दो साल में संकट के बावजूद किसानों ने हार नहीं मानी। किसानों को 4800 करोड़ की राहत राशि दी गयी है। केंद्र ने संकट में 2000 करोड़ देकर किसानों की मदद की। फसल बीमे की 4300 करोड़ की राशि किसानों के खाते में पहुँच रही है। किसानों को फसल नुकसान से ज्यादा राहत मिल रही है। उन्होंने कहा कि पहले सिर्फ साढ़े सात लाख हेक्टेयर में सिंचाई होती थी। अब 36 लाख हेक्टेयर में हो रही है। नर्मदा को सहायक नदियों से जोड़कर खेतों में पानी पहुँचाया जा रहा है। अगले दो साल में 60 लाख हेक्टेयर में सिंचाई करने का लक्ष्य है।
श्री चौहान ने प्रधानमंत्री को कल्पनाशील व्यक्तित्व का धनी बताते हुए कहा कि उनकी सख्त निगरानी के कारण प्रदेश में खाद की कोई कमी नहीं हुई। नीम कोटेड यूरिया फायदेमंद साबित हुआ। उन्होंने मंडियों को इलेक्ट्रॉनिक प्लेटफार्म से जोड़ने के लिए आभार व्यक्त किया। श्री चौहान ने नई फसल बीमा योजना के फायदे गिनाते हुए कहा कि पहले की सरकारों ने किसानों के हित की दॄष्टि से नहीं सोचा। पहले किसानों को 18 प्रतिशत पर ऋण मिलता था अब जीरो प्रतिशत पर मिल रहा है। सरकार ने किसानों का 900 करोड़ का ब्याज अपने खजाने से भरा है। बिजली बिल के 300 करोड़ रुपये को भी अपने खजाने से दिया है। प्रदेश में खेती की समृद्धि के लिए उठाये गए कदमों का उल्लेख करते हुए श्री चौहान ने कहा कि सब्जी और फलों का अलग से रूट बनाया जायेगा। उद्यानिकी फसलों के निर्यात के लिए एपीडा जैसी संस्था बनेगी। सोलर पंप सेट पर 85 प्रतिशत का अनुदान दिया जायेगा।
कृषि बीमा योजना बड़ा उपहार - केन्द्रीय कृषि मंत्री
केंद्रीय कृषि मंत्री श्री राधामोहन सिंह ने स्वागत भाषण में कहा कि श्री मोदी ने सत्ता सम्हालते ही गरीबों का विकास और किसानों की समृद्धि का संकल्प लिया था। उन्होंने प्रधानमंत्री कृषि बीमा योजना के लाभ गिनाते हुए कहा कि इससे सभी विसंगतियाँ दूर हो गयी हैं। आजादी के बाद यह किसानों को मिला सबसे बड़ा उपहार है। उन्होंने मध्य प्रदेश से अपेक्षा की कि वह केंद्र की अन्य योजनाओं की तरह इस क्रान्तिकारी योजना के क्रियान्वयन में भी आगे रहेगा।
विदेश मंत्री श्रीमती सुषमा स्वराज ने कहा कि श्री मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद बहुत कम समय में बड़ी उपलब्धियाँ हासिल हुई हैं। फसल बीमा योजना उसी की एक कड़ी है। मध्यप्रदेश के सभी ज़िलों में सिंचाई प्लान बन रहे हैं। ऐसे परिवर्तनकारी प्रयासों से कोई किसान खेती नहीं छोड़ेगा और न ही खेती से निराश होगा।
केंद्रीय इस्पात एवं खान मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि केंद्र की ओर से राज्य को भरपूर  सहयोग मिलेगा।  सिंचाई सुविधाएँ बढ़ने, किसानों के हित में नीतियाँ लागू करने और नवाचारों को अपनाने से  प्रदेश का कृषि क्षेत्र तेजी से आगे बढ़ रहा है।
केंद्रीय सामाजिक न्याय मंत्री श्री थावरचंद गहलोत ने नई फसल बीमा योजना को किसानों के लिए अनूठा उपहार बताया।
प्रधानमंत्री ने कृषि कर्मण अवार्ड की ट्रॉफी प्रदान की
प्रधानमंत्री ने वर्ष 2013-14 के लिए मध्यप्रदेश को मिले सबसे बड़े कृषि कर्मण अवार्ड की ट्राफी मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान को प्रदान की। मुख्यमंत्री ने श्री मोदी को खेती की समृद्धि का प्रतीक हल भेंट किया। प्रधानमंत्री को राज्य की ओर से स्मृति-चिन्ह भेंट किया गया। श्री चौहान ने किसानों की ओर से प्रधानमंत्री के लिए अभिनन्दन-पत्र पढ़ा। उन्होंने अपेक्षा की कि श्री मोदी के नेतृत्व में भारत दुनिया का सिरमौर बनेगा। प्रधानमंत्री ने खरीफ-2015 में फसल बीमा योजना की राशि  प्रतीक स्वरूप 3 हितग्राही किसान को भेंट की। उन्होंने प्रतीक स्वरूप 3 किसान को स्वाइल हेल्थ कार्ड भी प्रदान किये।

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