Toc News
भोपाल। कथित रिश्वत मांगने का आडियो वायरल होने के बाद निलंबित किए गए आईएएस अफसर जेएन मालपानी अब विभाग में वर्षों से जारी भ्रष्टाचार की परतें खोलने की तैयारी कर रहे हैं। दरअसल विभाग में सप्लाई होने वाली सामग्री के लिए एक बड़ा काकस बना हुआ है। यह काकस दशकों से यहां काम कर रहा है। जिसके द्वारा पूरा भुगतान लेकर घटिया सामग्री की सप्लाई की जाती है। इस काकस में अफसरों के अलावा नेता भी शामिल हैं। जिलों में कलेक्टर, सीईओ और सहायक आयुक्त आदिवासी इस गिरोह की अहम कड़ी है। सहायक आयुक्त बड़वानी से कथित रिश्वत मांगने के आरोप में निलंबित जेएन मालपानी ने 3 अगस्त 15 को आयुक्त का पदभार संभाला। चार माह में उन्हें निलंबित किया गया। सूत्रों का कहना है कि आयुक्त आदिवासी विकास में कई दशकों से नौकरशाह-अफसर और सामग्री सप्लायरों का ऐसा काकस सक्रिय है जो उनके कारोबार में रोड़ा अटकाने वाले को वहां से हटा देते हैं। चर्चा है कि मालपानी इसी काकस के शिकार बने। आयुक्त आदिवासी विकास में मालपानी ने अपनी आरटीआई में उल्लेख किया है कि जैसे ही अनियमितताओं के खिलाफ कार्रवाई करने की पहल की, वैसे ही उनके खिलाफ गुमनाम शिकायतें कई स्तर पर शुरू हो गई हैं। मालपानी ने आयुक्त आदिवासी विकास में व्याप्त भ्रष्टाचार को उजागर करने के लिए सूचना के अधिकार के अंतर्गत 14 बिंदुओं के तहत जानकारी मांगी है। यदि मालपानी द्वारा मांगी गई सूचना के तहत जानकारी शामिल हुई तो आयुक्त आदिवासी विकास में चल रहे भ्रष्टाचार का बड़ा खुलासा हो सकेगा।
इन बिंदुओं पर मांगी जानकारी
– 18 जिला अधिकारियों को 13 अक्टूबर 15 को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किए गए हैं, की प्रमाणित प्रति।
-निलंबित आरके श्रोती को 22 सितंबर 15 और 13 अक्टूबर को जारी कारण बताओ नोटिस की प्रति एवं संबंधित नोटशीट की छायाप्रति।
-अपर आयुक्त आदिवासी विकास द्वारा 7 अक्टूबर और 10 नवंबर को आरके श्रोती को जारी कारण बताओ नोटिस की छाया प्रति।
-3 अक्टूबर 15 को श्रोती के विरुद्ध विभागीय जांच स्थगित करते हुए उन्हें आरोप पत्र जारी किए गए हैं, कि प्रमाणित प्रति।
– मेरे पूर्व अधिकारी द्वारा 24 जून 14 को अनुसूचित जनजाति छात्रावासों में विद्यार्थियों के उपयोग में आने वाली सामग्री क्रय करने हेतु राशि विद्यार्थियों एवं पालक के खाते में जमा करने संबंधी निर्देश जारी किए गए, की प्रमाणित प्रत्रि।
-न्यायालय द्वारा 24 सितंबर 14 को आदेश पारित करते हुए विभागीय निर्देश 13 जून 14 और 23 जून 14 का क्रियान्वयन स्थगित किया गया, की छाया प्रति।
-सामग्री प्रदाय हेतु जारी किए गए नई विभागीय व्यवस्था का क्रियान्वयन जारी रहा एवं माननीय न्यायालय के आदेश का पालन न होने से याचिकाकर्ताओं द्वारा मेरे विरुद्ध उच्च न्यायालय में अवमानना याचिका क्रमांक 206714 प्रस्तुत की गई है कि प्रमाणित प्रति।
-आयुक्त आदिवासी विकास के पद पर 4 माह के ही अल्प कार्यकाल में मेरे विरुद्ध झूठी एवं गुमनाम शिकायतें अनेकों स्तर पर की गई कि प्रमाणित प्रति।
एक अरब का है गड़बड़झाला
आयुक्त आदिवासी विकास में 100 करोड़ रुपए से ज्यादा की गड़बड़ी हुई है। इसमें छात्रावासों की सुदृढ़ीकरण से लेकर रजाई, गद्दा, खेल सामग्री, विज्ञान सामग्री की खरीदी तक का मामला शामिल है। मप्र राज्य सहकारी उपभोक्ता संघ और मप्र राज्य औद्योगिक संघ तक शामिल है।
इनका कहना है…
मैंने आरटीआई के तहत जानकारी मांगी है किंतु डेढ़ माह का समय बीतने जा रहा है और अभी तक संबंधित जानकारी नहीं दी गई। इस संबंध में आगे अपील करूंगा।
-जेएन मालपानी, निलंबित आईएएस
भोपाल। कथित रिश्वत मांगने का आडियो वायरल होने के बाद निलंबित किए गए आईएएस अफसर जेएन मालपानी अब विभाग में वर्षों से जारी भ्रष्टाचार की परतें खोलने की तैयारी कर रहे हैं। दरअसल विभाग में सप्लाई होने वाली सामग्री के लिए एक बड़ा काकस बना हुआ है। यह काकस दशकों से यहां काम कर रहा है। जिसके द्वारा पूरा भुगतान लेकर घटिया सामग्री की सप्लाई की जाती है। इस काकस में अफसरों के अलावा नेता भी शामिल हैं। जिलों में कलेक्टर, सीईओ और सहायक आयुक्त आदिवासी इस गिरोह की अहम कड़ी है। सहायक आयुक्त बड़वानी से कथित रिश्वत मांगने के आरोप में निलंबित जेएन मालपानी ने 3 अगस्त 15 को आयुक्त का पदभार संभाला। चार माह में उन्हें निलंबित किया गया। सूत्रों का कहना है कि आयुक्त आदिवासी विकास में कई दशकों से नौकरशाह-अफसर और सामग्री सप्लायरों का ऐसा काकस सक्रिय है जो उनके कारोबार में रोड़ा अटकाने वाले को वहां से हटा देते हैं। चर्चा है कि मालपानी इसी काकस के शिकार बने। आयुक्त आदिवासी विकास में मालपानी ने अपनी आरटीआई में उल्लेख किया है कि जैसे ही अनियमितताओं के खिलाफ कार्रवाई करने की पहल की, वैसे ही उनके खिलाफ गुमनाम शिकायतें कई स्तर पर शुरू हो गई हैं। मालपानी ने आयुक्त आदिवासी विकास में व्याप्त भ्रष्टाचार को उजागर करने के लिए सूचना के अधिकार के अंतर्गत 14 बिंदुओं के तहत जानकारी मांगी है। यदि मालपानी द्वारा मांगी गई सूचना के तहत जानकारी शामिल हुई तो आयुक्त आदिवासी विकास में चल रहे भ्रष्टाचार का बड़ा खुलासा हो सकेगा।
इन बिंदुओं पर मांगी जानकारी
– 18 जिला अधिकारियों को 13 अक्टूबर 15 को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किए गए हैं, की प्रमाणित प्रति।
-निलंबित आरके श्रोती को 22 सितंबर 15 और 13 अक्टूबर को जारी कारण बताओ नोटिस की प्रति एवं संबंधित नोटशीट की छायाप्रति।
-अपर आयुक्त आदिवासी विकास द्वारा 7 अक्टूबर और 10 नवंबर को आरके श्रोती को जारी कारण बताओ नोटिस की छाया प्रति।
-3 अक्टूबर 15 को श्रोती के विरुद्ध विभागीय जांच स्थगित करते हुए उन्हें आरोप पत्र जारी किए गए हैं, कि प्रमाणित प्रति।
– मेरे पूर्व अधिकारी द्वारा 24 जून 14 को अनुसूचित जनजाति छात्रावासों में विद्यार्थियों के उपयोग में आने वाली सामग्री क्रय करने हेतु राशि विद्यार्थियों एवं पालक के खाते में जमा करने संबंधी निर्देश जारी किए गए, की प्रमाणित प्रत्रि।
-न्यायालय द्वारा 24 सितंबर 14 को आदेश पारित करते हुए विभागीय निर्देश 13 जून 14 और 23 जून 14 का क्रियान्वयन स्थगित किया गया, की छाया प्रति।
-सामग्री प्रदाय हेतु जारी किए गए नई विभागीय व्यवस्था का क्रियान्वयन जारी रहा एवं माननीय न्यायालय के आदेश का पालन न होने से याचिकाकर्ताओं द्वारा मेरे विरुद्ध उच्च न्यायालय में अवमानना याचिका क्रमांक 206714 प्रस्तुत की गई है कि प्रमाणित प्रति।
-आयुक्त आदिवासी विकास के पद पर 4 माह के ही अल्प कार्यकाल में मेरे विरुद्ध झूठी एवं गुमनाम शिकायतें अनेकों स्तर पर की गई कि प्रमाणित प्रति।
एक अरब का है गड़बड़झाला
आयुक्त आदिवासी विकास में 100 करोड़ रुपए से ज्यादा की गड़बड़ी हुई है। इसमें छात्रावासों की सुदृढ़ीकरण से लेकर रजाई, गद्दा, खेल सामग्री, विज्ञान सामग्री की खरीदी तक का मामला शामिल है। मप्र राज्य सहकारी उपभोक्ता संघ और मप्र राज्य औद्योगिक संघ तक शामिल है।
इनका कहना है…
मैंने आरटीआई के तहत जानकारी मांगी है किंतु डेढ़ माह का समय बीतने जा रहा है और अभी तक संबंधित जानकारी नहीं दी गई। इस संबंध में आगे अपील करूंगा।
-जेएन मालपानी, निलंबित आईएएस
No comments:
Post a Comment