शाह ने ‘4000 रुपये बदलने के लिए 4 करोड़ रुपये की कार में एक बैंक जाने के लिए’ कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी का भी मजाक उड़ाया।
उन्होंने कहा, ‘अपने 10 साल के शासन के दौरान सोनिया-मनमोहन सरकार ने हर महीने एक घोटाला किया. चाहे वह 2जी हो, राष्ट्रमंडल खेल हो, कोयला आबंटन हो, आदर्श सोसाइटी हो, विमान खरीद हो या कई अन्य घोटाला हो। इस व्यापक स्तर के भ्रष्टाचार से कांग्रेसी नेताओं ने 12 लाख करोड़ रुपये संचित किए जोकि केन्द्र के बजट के आकार के बराबर है।’
शाह ने कहा, ‘उन्होंने यह भारी भरकम रकम अपने घरों, गोदामों, अपने मित्रों के ठिकानों में यह सोचकर रखा कि यह सुरक्षित है। लेकिन मोदी ने 8 नवंबर को विमुद्रीकरण की घोषणा कर इन्हें रद्दी के टुकड़ों में बदल किया। इससे कांग्रेसियों के चेहरे का नूर गायब हो गया है।’ शाह गुजरात के भरूच में पार्टी कार्यकर्ताओं और नागरिकों को संबोधित कर रहे थे जहां उन्होंने भरूच सहकारी बैंक के भवन का उद्घाटन किया। भाजपा अध्यक्ष ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और समाजवादी पार्टी के प्रमुख मुलायम सिंह यादव पर भी हमला बोलते हुए दावा किया कि विमुद्रीकरण के कदम से हर कोई ‘गहरे संकट’ में है, लेकिन कोई भी अपने असंतोष के पीछे कारण का खुलासा करने को तैयार नहीं है।
शाह का बयान ऐसे समय में आया है जब कांग्रेस की अगुवाई में विपक्षी पार्टियों ने संसद में विमुद्रीकरण के मुद्दे पर सरकार को घेरने की योजना बनाई है।
भाजपा प्रमुख ने कहा, ‘स्थिति एक बाढ़ जैसी है जिसमें सबकुछ बह गया। अब कांग्रेसी नेता, केजरीवाल, ममता और मुलायम सिंह इस बाढ़ से खुद को बचाने के लिए आपस में हाथ मिला लिया है। मुझे पक्का विश्वास है कि यहां उपस्थित लोगों में से कोई भी बिल्कुल चिंतित नहीं है क्योंकि हमारे पास कालाधन नहीं है। केवल वहीं परेशान हैं जिनके पास कालाधन है।’ विमुद्रीकरण के निर्णय के लिए प्रधानमंत्री की आलोचना करने वाले राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए शाह ने कहा, ‘राहुल बाबा 4 करोड़ रुपये की कार में बैठकर 4,000 रुपये बदलने गए। क्या आपको लगता है कि ऐसे लोगों को कभी 4,000 रुपये नकदी की जरूरत पड़ती है। राहुल बाबा गरीबों की बात करते हैं।’
‘मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि यदि वह और उनकी पार्टी इतनी चिंतित है तो कांग्रेसी नेताओं को 12 लाख करोड़ रुपये संचित नहीं करना चाहिए था।’ नकदी की किल्लत के चलते आम लोगों को हो रही परेशानी की बात स्वीकारते हुए भाजपा प्रमुख ने कहा कि आम लोगों को ‘लंबे समय में इसका लाभ मिलेगा।’
शाह ने कहा, ‘सर्जरी के बाद, घाव भरने तक आपको थोड़ा दर्द सहन करना पड़ता है। यह इसी तरह है। मुझे पता है कि आपको दिक्कत हो रही है। लेकिन ये कतारें (बैंकों और एटीएम के बाहर) अस्थायी हैं। कुछ समय बाद आप एक नया अपार्टमेंट 30 प्रतिशत कम कीमत में खरीदने की स्थिति में होंगे।’ सितंबर में पाक अधिकृत कश्मीर में सेना के लक्षित हमलों के मद्देनजर मोदी पर ‘खून की दलाली’ वाली टिप्पणी के लिए राहुल पर निशाना साधते हुए उन्होंने कांग्रेस उपाध्यक्ष को इतिहास से सीख लेने की सलाह दी।
उन्होंने कहा, ‘उरी में जब आतंकियों द्वारा हमारे जवानों की नृशंस हत्या की गई तो पूरा देश गमगीन था। अगर कांग्रेस का राज होता तो उन्होंने जवानों की मौत पर केवल सांत्वना दी होती। लेकिन भाजपा सरकार ने एक सख्त संदेश दिया कि जो लोग सीमाओं का सम्मान नहीं करते, उन्हें इसके नतीजे भुगतने होंगे।’ भाजपा प्रमुख ने कहा, ‘इन लक्षित हमलों के बाद राहुल गांधी ने कहा था कि मोदी जी खून की दलाली कर रहे हैं। मुझे लगता है कि राहुल जी इतिहास से वाकिफ नहीं हैं। उन्हें इसे पढ़ने की जरूरत है। उन्हें यह एहसास करने की जरूरत है कि हमारे जवान हमारी मातृभूमि की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति देने को तैयार हैं और पूरा देश उनके पीछे खड़ा है।’ उन्होंने वरिष्ठ कांग्रेसी नेता कमलनाथ पर भी हमला बोला। कमलनाथ ने मोदी के सत्ता संभालने के बाद से उनकी ‘बार बार’ विदेश यात्राओं पर कथित तौर पर सवाल खड़ा किया था।
शाह ने दावा किया कि प्रधानमंत्री की विदेश यात्राएं उनके पूर्ववर्ती मनमोहन सिंह की विदेश यात्राओं की तुलना में कम हैं। ‘कमलनाथ का दावा है कि मोदी बार बार विदेश यात्रा पर जा रहे हैं। मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि मनमोहन सिंह ने मोदी से अधिक विदेश यात्राएं कीं। लेकिन सिंह की यात्राओं की तरफ किसी का ध्यान नहीं गया क्योंकि वह कुछ लिखे हुए नोट्स से पढ़ा करते थे और वापस आ जाते थे।’
उन्होंने कहा, ‘आज मोदी की विदेश यात्राओं के दौरान हजारों लोग उनका स्वागत करने के लिए एकत्र होते हैं। उनका शानदार स्वागत किया जाता है जोकि हम सभी भारतीयों के लिए गर्व की बात है। अब हर कोई हमारे प्रधानमंत्री की यात्रा को संज्ञान में लेता है। यही वजह है कि कांग्रेसी नेताओं को लगता है कि मोदी बार बार विदेश यात्रा करते हैं।’
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