अवधेश पुरोहित // Toc News
भोपाल । देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किस ग्रांट विजन में यह फैसला किया, किस-किसके साथ विचार कर यह रोड मैप बनाया, इसकी खोज में हर कोई लगा हुआ है, तो वहीं मोदी के इस निर्णय से जहाँ देश के वह कालेधन के कारोबारियों के साथ-साथ राजनेता भी परेशान हैं यही वजह है कि उत्तरप्रदेश में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए बसपा सुप्रीमो और सपा के मुलायम सिंह कुछ ज्यादा ही चिंतित हैं
और मोदी के निर्णय को लेकर विरोध दर्ज करते नजर आ रहे हैं यह अलग बात है कि मोदी ने एक झटके में ५०० और एक हजार के नोटों का भारतीय मुद्रा में प्रचलन बंद करने की घोषणा कर वह जापान के दौरे पर चले गये, मोदी की इस घोषणा से जहाँ कालेधन से जुड़े लोग परेशान नजर आ रहे हैं तो वहीं नरेन्द्र मोदी के द्वारा जापान में दिये गये बयान के भी लोग मायने नजर आ रहे हैं मोदी ने जापान में शनिवार को कहा कि इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि ३० दिसम्बर के बाद और कोई कदम नहीं उठाये जायेंगे मैं साफ करना चाहता हूँ
कि यदि बिना हिसाब वाली किसी भी चीज का पता चला तो मैं आजादी के बाद के सारे रिकार्ड की जाँच करवाऊँगा भले ही इसकी जाँच के लिये जितने भी लोगों को लगाने की जरूरत होगी लाऊँगा उन्होंने कहा कि जो मुझे जानते हैं वह समझदार भी हैं, उन्होंने कालेधन को बैंकों में जमा करने की बजाए गंगा में बहाना बेहतर समझा, मोदी के इस तरह के जापान में दिये गये बयान के बाद जहाँ आम जनता की परेशानियों का सहारा लेकर विपक्षी दल के नेता तो नित्य नये-नये बयानबाजी करने में लगे हुए हैं
तो वहीं भाजपा से जुड़े लोग भी मोदी के इस निर्णय की जहाँ सराहना करते नजर आ रहे हैं तो वहीं जापान में दिये गये बयान को लेकर कि तीस दिसम्बर के बाद और कदम नहीं उठाऊँगा इसकी कोई गारंटी नहीं है इसको लेकर लोग यह कहते नजर आ रहे हैं कि यदि हमारे प्रधानमंत्री मोदी जी सही में भ्रष्टाचार को खत्म करना चाहते हैं तो वह देश के राज्यों की अन्य दलों की शासित सरकारों की बात बात छोडि़ए केवल मध्यप्रदेश की भाजपा शासित शिवराज सरकार के कार्यकाल के दौरान हुए घोटाले दर घोटालों की यदि जाँच करा लें तो यह स्थिति साफ हो जाएगी कि जहाँ देश के काले धन के कारोबारियों के पास जितनी रकम होगी,
उससे कहीं ज्यादा रकम मध्यप्रदेश में भाजपा शासकाल के कार्यकाल के दौरान हुए घोटालों का जो सिलसिला चला ही है तो वहीं दूसरी ओर इस प्रदेश में सक्रिय मंत्रियों, अधिकारियों, सत्ता के दलालों और ठेकेदारों के सक्रिय रैकेट के चलते राज्य में एक सर्वे के अनुसार महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना में २१ करोड़ से अधिक का घोटाला तो वहीं व्यापमं और डीमेट जैसे ऐतिहासिक घोटालों में भी कालेधन का कारोबार जमकर चला था।
यही नहीं गरीबों को दिये जाने वाले एक रुपए किलो गेहूं और चावल में जिस तरह से मिट्टी और कंकर मिलाकर करोड़ों रुपए का गोरखधंधा इस प्रदेश में चला तो वहीं समर्थन मूल्य के गेहूं खरीदी केन्द्रों पर जमकर भ्रष्टाचार हुआ, जिसके चलते राज्य के सहकारी समितियों के सेल्समेनों से लेकर इस विभाग के अधिकारियों ने जमकर काली कमाई की, यही नहीं इन भाजपा के बुजुर्ग नेताओं के अनुसार इस प्रदेश में जहाँ घोटाले दर घोटाले तो हुए ही हैं तो वहीं धर्म के नाम पर भी सिंहस्थ में करोड़ों का घोटाला किया गया?
भाजपा के कुछ बुजुर्ग नेता भााजपा शासनकाल में हुए घोटालों का सिलसिलेवार ब्यौरा देते हुए कहते हैं कि भले ही यह सरकार भाजपा की सरकार जनता को २००३ में उमा भारती के नेतृत्व में अपने घोषणा पत्र में भय, भूख और भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन देने के वायदे के साथ सत्ता पर काबिज हुई हो लेकिन उमा भारती को एक राजनीतिक घटनाक्रम के चलते प्रदेश की राजनीति से हटाये जाने के बाद भ्रष्टाचार का जो सिलसिला इस राज्य में चला जिसको लेकर उमा भारती ने भी तत्कालीन राष्ट्रीय भारतीय जनशक्ति की राष्ट्रीय अध्यक्ष होने के नाते कई बार इस तरह के आरोप लगाते हुए कहा कि प्रदेश भाजपा सरकार में भ्रष्टाचार के चलते ऐसे भाजपाई कार्यकर्ता और नेता आज करोड़पति हो गए हैं जिनके पास कल तक टूटी साइकिल तक नहीं थी आज वह आलीशान भवनों और लग्जरी कारों में फर्राटे लेते नजर आ रहे हैं।
इन भाजपा के बुजुर्ग नेता का यह भी मानना है कि पता नहीं हमारी पार्टी के नेताओं को क्या हो गया कि उन्होंने सत्ता में आते ही पं. दीनदयाल उपाध्याय के एकादवाद के साथ-साथ हमारी पार्टी के महान नेताओं को तिलांजलि देकर वह सब करने में लगे हुए हैं जो कभी हमारी पार्टी के नेताओं और हम लोगों ने नहीं सोचा था और जिन सिद्धांतों और मुद्दों को लेकर हम कांग्रेसी शासकों से लड़ते रहे हैं आज वही सबकुछ हमारी पार्टी की सत्ता पर काबिज हमारे नेता करते नजर आ रहे हैं? तभी तो इस प्रदेश में सरकारी जमीन का जो घोटाला हुआ है तो वहीं पुर्नवास के नाम पर भी घोटाले की गूंज इस प्रदेश में गूंज रही है,
अतिवर्षा और सूखा के नाम पर हमारे अन्नदाताओं को मुआवजा देने में भी घोटाले की बू आ रही है, तो वहीं कुपोषित बच्चों और गर्भवती महिलाओं के निवाले पर डाका डालने का काम भी बखूबी इस सरकार के दौरान घटित हुआ, यही नहीं यह भाजपा के बुजुर्ग नेता दुखी मन से यह कहते नजर आ रहे हैं एक ओर जहाँ हम प्रदेश के अन्नदाता की खेती किसानी को लाभ का धंधा बनाने का ढिंढोरा पीट रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर किसानों को दी जाने वाली सब्सिडी में डाका डालने का काम भी हम बखूबी कर रहे हैं,
यही नहीं किसानों के नाम पर प्रदेश में कृषि यंत्रों की खरीदी, खाद बीज आदि में भी जमकर भ्रष्टाचार भी सुर्खियों में है तो वहीं किसानों को दी जाने वाली सब्सिडी की गूंज इस प्रदेश में गूंज चुकी है। यही नहीं वृद्धों को मिलने वाली वृद्धावस्था पेंशन और पेंशन घोटाला भी इस प्रदेश में घटित हुआ है तो वहीं नरेन्द्र मोदी के स्वच्छता अभियान के नाम पर चल रहे शौचालय निर्माण में भी घोटाले की गूंज आये दिन सुर्खियों में बनी रहती है, इन बुर्जुग नेताओं के अनुसार जिस बिजली, पानी ओर सड़क की समस्या से इस प्रदेश की जनता को मुक्ति दिलाने के वादे को लेकर हम सत्ता पर काबिज हुए हैं
उसी प्रदेश में बिजली खरीदी के नाम पर घोटाले का खुलासा हमारे प्रधानमंत्री मोदी की सरकार के द्वारा इस प्रदेश में चल रहे बिजली खरीदी के घोटाले का पर्दाफाश किया गया मजे की बात यह है कि इस बिजली घोटाले में सम्मिलित वह अधिकारी आज भी हमारे सत्ताधीशों के नवरत्नों में शुमार है। तो वहीं सड़क निर्माण में भी आयेदिन घोटालों का खुलासा हो रहा है तो वहीं प्रधानमंत्री सड़क निर्माण में भी कम घोटाले नहीं हुए हैं। घोटालों का सिलसिला तो इस प्रदेश में इस तरह से जारी है कि जिन टोल की सड़कों पर चलने वाले वाहन चालकों को अपनी जेबें ढीली करनी पड़ती हैं
उन सड़कों का निर्माण भी सड़क विकास निगम जिसके कि स्वयं मुख्यमंत्री अध्यक्ष हैं उसके अधिकारियों की सड़क निर्माण कंपनियों के अधिकारियों से सांठगांठ की चलते टोल की सड़कों का निर्माण भी गुणवत्ताविहीन हो रहा है तभी तो इस निगम की देखरेख में बनने वाली सड़कें अपने बनने के छ: महीने बाद ही गड्डों में तब्दील हो जाती हैं, इसका जीता जागता उदाहरण सागर से जबलपुर और दमोह से कटनी का तो है ही तो वहीं प्रदेश में शायद ही ऐसी कोई टोल की सड़क हो जिस पर चलने वाले वाहन चालकों को गुणवत्ता विहीन सड़कों पर चलने के बाद भी अपनी जेब ढीली न करनी पढ़ती हो,
कुल मिलाकर देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा काले धन से निपटने के लिये गये ऐतिहासिक निर्णय के बाद जो ५०० और एक हजार के नोट बंद करने की घोषणा की गई और इसके बाद जापान में उनका यह बयान कि इस बात की कोई गारंटी नहीं कि ३० दिसम्बर के बाद और कदम नहीं उठाये जायेंगे, मोदी ने कहा कि मैं साफ करना चाहता हूँ कि बिना हिसाब वाली किसी भी चीज का पता चला तो मैं आजादी के बाद के सारे रिकार्ड की जाँच करवाऊँगा इसकी जाँच के लिये जितने लोगों को लागने की जरूरत होगी मैं लगाऊँगा
इस तरह के मोदी के बयान के बाद प्रदेश के राजनीतिक हलकों में इस तरह की चर्चा चल निकली और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के समक्ष प्रदेश के कुछ जागरुक नागरिकों के साथ-साथ विपक्षी दल के नेताओं की तो बात छोडि़ए भाजपा से जुड़ेे कई नेता भी भारतीय जनता पार्टी के शासनकाल में हुए घोटले दर घोटाले का सिलसिलेवार प्रधानमंत्री मोदी तक पहुँचाने की तैयारी में लग गए और इन घोटालों दर घोटालों के साथ-साथ भाजपा के शासनकाल के दौरान जिन-जिन नेताओं की सम्पत्ति में बेहिसाब इजाफा हुआ है
उनके नाम और उनके द्वारा विधानसभा, लोकसभा चुनाव के साथ ही अन्य चुनाव में पेश किए गए दस्तावेजों को खंगालने में जुट गए हैं, जैसा कि इन नेताओं का कहना है कि वह यह सब नरेन्द्र मोदी को प्रेषित कर यह अपील करेंगे कि आप देश में व्याप्त कालेधन के कारोबारियों की जाँच तो करायें इसके साथ-साथ मध्यप्रदेश में भाजपा शासनकाल के दौरान ऐसे लोगों के बारे में सुश्री उमा भारती का यह कहना था कि जिनकी औकात भाजपा शसनकाल से पहले साइकिल तक खरीदने तक नहीं थी
आज वह भाजपा शासनकाल में हुए भ्रष्टाचार के चलते आलीशान भवनों और लग्जरी कारों में फर्राटे लेते नजर आ रहे हैं ऐसे लोगों की जाँच करा लें तो शायद कालेधन की दिशा में उठाया जा रहा उनका कदम सार्थक तो दिखाई देगा ही साथ ही देश में यह संदेश भी जाएगा कि मोदी का जहाँ स्वच्छता अभियान तो चल ही रहा है उसके साथ ही अब अपने उन सत्ता के दलालों और सत्ता का लाभ उठाने वाले नेताओं के चेहरों को बेनकाब कर वह यह बताना चाहते हैं कि सत्ता का कवच धारण कर लोग किस तरह से भ्रष्टाचार कर अपनी अकूत सम्पत्ति अर्जित करते हैं।
मोदी की इस तरह की कार्यवाही से देश के साथ-साथ विदेश में भी अच्छा संदेश जाएगा। इसी उम्मीद के साथ जापान में दिये मोदी के इस बयान के बाद जहाँ विपक्षी दल के नेता और जागरुक नागरिकों के साथ-साथ भाजपा के नेता काफी उत्साहित नजर आ रहे हैं और वह प्रदेश में भ्रष्टाचार की काली कमाई के चलते उन नेताओं और सत्ताधीशों के परिजनों को बेनकाब होते देखने का सपना संजोने में लगे हुए हैं देखना अब यह है कि इन लोगों की आशाओं को मोदी किस तरह से पंख लगाते हैं।
भोपाल । देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किस ग्रांट विजन में यह फैसला किया, किस-किसके साथ विचार कर यह रोड मैप बनाया, इसकी खोज में हर कोई लगा हुआ है, तो वहीं मोदी के इस निर्णय से जहाँ देश के वह कालेधन के कारोबारियों के साथ-साथ राजनेता भी परेशान हैं यही वजह है कि उत्तरप्रदेश में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए बसपा सुप्रीमो और सपा के मुलायम सिंह कुछ ज्यादा ही चिंतित हैं
और मोदी के निर्णय को लेकर विरोध दर्ज करते नजर आ रहे हैं यह अलग बात है कि मोदी ने एक झटके में ५०० और एक हजार के नोटों का भारतीय मुद्रा में प्रचलन बंद करने की घोषणा कर वह जापान के दौरे पर चले गये, मोदी की इस घोषणा से जहाँ कालेधन से जुड़े लोग परेशान नजर आ रहे हैं तो वहीं नरेन्द्र मोदी के द्वारा जापान में दिये गये बयान के भी लोग मायने नजर आ रहे हैं मोदी ने जापान में शनिवार को कहा कि इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि ३० दिसम्बर के बाद और कोई कदम नहीं उठाये जायेंगे मैं साफ करना चाहता हूँ
कि यदि बिना हिसाब वाली किसी भी चीज का पता चला तो मैं आजादी के बाद के सारे रिकार्ड की जाँच करवाऊँगा भले ही इसकी जाँच के लिये जितने भी लोगों को लगाने की जरूरत होगी लाऊँगा उन्होंने कहा कि जो मुझे जानते हैं वह समझदार भी हैं, उन्होंने कालेधन को बैंकों में जमा करने की बजाए गंगा में बहाना बेहतर समझा, मोदी के इस तरह के जापान में दिये गये बयान के बाद जहाँ आम जनता की परेशानियों का सहारा लेकर विपक्षी दल के नेता तो नित्य नये-नये बयानबाजी करने में लगे हुए हैं
तो वहीं भाजपा से जुड़े लोग भी मोदी के इस निर्णय की जहाँ सराहना करते नजर आ रहे हैं तो वहीं जापान में दिये गये बयान को लेकर कि तीस दिसम्बर के बाद और कदम नहीं उठाऊँगा इसकी कोई गारंटी नहीं है इसको लेकर लोग यह कहते नजर आ रहे हैं कि यदि हमारे प्रधानमंत्री मोदी जी सही में भ्रष्टाचार को खत्म करना चाहते हैं तो वह देश के राज्यों की अन्य दलों की शासित सरकारों की बात बात छोडि़ए केवल मध्यप्रदेश की भाजपा शासित शिवराज सरकार के कार्यकाल के दौरान हुए घोटाले दर घोटालों की यदि जाँच करा लें तो यह स्थिति साफ हो जाएगी कि जहाँ देश के काले धन के कारोबारियों के पास जितनी रकम होगी,
उससे कहीं ज्यादा रकम मध्यप्रदेश में भाजपा शासकाल के कार्यकाल के दौरान हुए घोटालों का जो सिलसिला चला ही है तो वहीं दूसरी ओर इस प्रदेश में सक्रिय मंत्रियों, अधिकारियों, सत्ता के दलालों और ठेकेदारों के सक्रिय रैकेट के चलते राज्य में एक सर्वे के अनुसार महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना में २१ करोड़ से अधिक का घोटाला तो वहीं व्यापमं और डीमेट जैसे ऐतिहासिक घोटालों में भी कालेधन का कारोबार जमकर चला था।
यही नहीं गरीबों को दिये जाने वाले एक रुपए किलो गेहूं और चावल में जिस तरह से मिट्टी और कंकर मिलाकर करोड़ों रुपए का गोरखधंधा इस प्रदेश में चला तो वहीं समर्थन मूल्य के गेहूं खरीदी केन्द्रों पर जमकर भ्रष्टाचार हुआ, जिसके चलते राज्य के सहकारी समितियों के सेल्समेनों से लेकर इस विभाग के अधिकारियों ने जमकर काली कमाई की, यही नहीं इन भाजपा के बुजुर्ग नेताओं के अनुसार इस प्रदेश में जहाँ घोटाले दर घोटाले तो हुए ही हैं तो वहीं धर्म के नाम पर भी सिंहस्थ में करोड़ों का घोटाला किया गया?
भाजपा के कुछ बुजुर्ग नेता भााजपा शासनकाल में हुए घोटालों का सिलसिलेवार ब्यौरा देते हुए कहते हैं कि भले ही यह सरकार भाजपा की सरकार जनता को २००३ में उमा भारती के नेतृत्व में अपने घोषणा पत्र में भय, भूख और भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन देने के वायदे के साथ सत्ता पर काबिज हुई हो लेकिन उमा भारती को एक राजनीतिक घटनाक्रम के चलते प्रदेश की राजनीति से हटाये जाने के बाद भ्रष्टाचार का जो सिलसिला इस राज्य में चला जिसको लेकर उमा भारती ने भी तत्कालीन राष्ट्रीय भारतीय जनशक्ति की राष्ट्रीय अध्यक्ष होने के नाते कई बार इस तरह के आरोप लगाते हुए कहा कि प्रदेश भाजपा सरकार में भ्रष्टाचार के चलते ऐसे भाजपाई कार्यकर्ता और नेता आज करोड़पति हो गए हैं जिनके पास कल तक टूटी साइकिल तक नहीं थी आज वह आलीशान भवनों और लग्जरी कारों में फर्राटे लेते नजर आ रहे हैं।
इन भाजपा के बुजुर्ग नेता का यह भी मानना है कि पता नहीं हमारी पार्टी के नेताओं को क्या हो गया कि उन्होंने सत्ता में आते ही पं. दीनदयाल उपाध्याय के एकादवाद के साथ-साथ हमारी पार्टी के महान नेताओं को तिलांजलि देकर वह सब करने में लगे हुए हैं जो कभी हमारी पार्टी के नेताओं और हम लोगों ने नहीं सोचा था और जिन सिद्धांतों और मुद्दों को लेकर हम कांग्रेसी शासकों से लड़ते रहे हैं आज वही सबकुछ हमारी पार्टी की सत्ता पर काबिज हमारे नेता करते नजर आ रहे हैं? तभी तो इस प्रदेश में सरकारी जमीन का जो घोटाला हुआ है तो वहीं पुर्नवास के नाम पर भी घोटाले की गूंज इस प्रदेश में गूंज रही है,
अतिवर्षा और सूखा के नाम पर हमारे अन्नदाताओं को मुआवजा देने में भी घोटाले की बू आ रही है, तो वहीं कुपोषित बच्चों और गर्भवती महिलाओं के निवाले पर डाका डालने का काम भी बखूबी इस सरकार के दौरान घटित हुआ, यही नहीं यह भाजपा के बुजुर्ग नेता दुखी मन से यह कहते नजर आ रहे हैं एक ओर जहाँ हम प्रदेश के अन्नदाता की खेती किसानी को लाभ का धंधा बनाने का ढिंढोरा पीट रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर किसानों को दी जाने वाली सब्सिडी में डाका डालने का काम भी हम बखूबी कर रहे हैं,
यही नहीं किसानों के नाम पर प्रदेश में कृषि यंत्रों की खरीदी, खाद बीज आदि में भी जमकर भ्रष्टाचार भी सुर्खियों में है तो वहीं किसानों को दी जाने वाली सब्सिडी की गूंज इस प्रदेश में गूंज चुकी है। यही नहीं वृद्धों को मिलने वाली वृद्धावस्था पेंशन और पेंशन घोटाला भी इस प्रदेश में घटित हुआ है तो वहीं नरेन्द्र मोदी के स्वच्छता अभियान के नाम पर चल रहे शौचालय निर्माण में भी घोटाले की गूंज आये दिन सुर्खियों में बनी रहती है, इन बुर्जुग नेताओं के अनुसार जिस बिजली, पानी ओर सड़क की समस्या से इस प्रदेश की जनता को मुक्ति दिलाने के वादे को लेकर हम सत्ता पर काबिज हुए हैं
उसी प्रदेश में बिजली खरीदी के नाम पर घोटाले का खुलासा हमारे प्रधानमंत्री मोदी की सरकार के द्वारा इस प्रदेश में चल रहे बिजली खरीदी के घोटाले का पर्दाफाश किया गया मजे की बात यह है कि इस बिजली घोटाले में सम्मिलित वह अधिकारी आज भी हमारे सत्ताधीशों के नवरत्नों में शुमार है। तो वहीं सड़क निर्माण में भी आयेदिन घोटालों का खुलासा हो रहा है तो वहीं प्रधानमंत्री सड़क निर्माण में भी कम घोटाले नहीं हुए हैं। घोटालों का सिलसिला तो इस प्रदेश में इस तरह से जारी है कि जिन टोल की सड़कों पर चलने वाले वाहन चालकों को अपनी जेबें ढीली करनी पड़ती हैं
उन सड़कों का निर्माण भी सड़क विकास निगम जिसके कि स्वयं मुख्यमंत्री अध्यक्ष हैं उसके अधिकारियों की सड़क निर्माण कंपनियों के अधिकारियों से सांठगांठ की चलते टोल की सड़कों का निर्माण भी गुणवत्ताविहीन हो रहा है तभी तो इस निगम की देखरेख में बनने वाली सड़कें अपने बनने के छ: महीने बाद ही गड्डों में तब्दील हो जाती हैं, इसका जीता जागता उदाहरण सागर से जबलपुर और दमोह से कटनी का तो है ही तो वहीं प्रदेश में शायद ही ऐसी कोई टोल की सड़क हो जिस पर चलने वाले वाहन चालकों को गुणवत्ता विहीन सड़कों पर चलने के बाद भी अपनी जेब ढीली न करनी पढ़ती हो,
कुल मिलाकर देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा काले धन से निपटने के लिये गये ऐतिहासिक निर्णय के बाद जो ५०० और एक हजार के नोट बंद करने की घोषणा की गई और इसके बाद जापान में उनका यह बयान कि इस बात की कोई गारंटी नहीं कि ३० दिसम्बर के बाद और कदम नहीं उठाये जायेंगे, मोदी ने कहा कि मैं साफ करना चाहता हूँ कि बिना हिसाब वाली किसी भी चीज का पता चला तो मैं आजादी के बाद के सारे रिकार्ड की जाँच करवाऊँगा इसकी जाँच के लिये जितने लोगों को लागने की जरूरत होगी मैं लगाऊँगा
इस तरह के मोदी के बयान के बाद प्रदेश के राजनीतिक हलकों में इस तरह की चर्चा चल निकली और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के समक्ष प्रदेश के कुछ जागरुक नागरिकों के साथ-साथ विपक्षी दल के नेताओं की तो बात छोडि़ए भाजपा से जुड़ेे कई नेता भी भारतीय जनता पार्टी के शासनकाल में हुए घोटले दर घोटाले का सिलसिलेवार प्रधानमंत्री मोदी तक पहुँचाने की तैयारी में लग गए और इन घोटालों दर घोटालों के साथ-साथ भाजपा के शासनकाल के दौरान जिन-जिन नेताओं की सम्पत्ति में बेहिसाब इजाफा हुआ है
उनके नाम और उनके द्वारा विधानसभा, लोकसभा चुनाव के साथ ही अन्य चुनाव में पेश किए गए दस्तावेजों को खंगालने में जुट गए हैं, जैसा कि इन नेताओं का कहना है कि वह यह सब नरेन्द्र मोदी को प्रेषित कर यह अपील करेंगे कि आप देश में व्याप्त कालेधन के कारोबारियों की जाँच तो करायें इसके साथ-साथ मध्यप्रदेश में भाजपा शासनकाल के दौरान ऐसे लोगों के बारे में सुश्री उमा भारती का यह कहना था कि जिनकी औकात भाजपा शसनकाल से पहले साइकिल तक खरीदने तक नहीं थी
आज वह भाजपा शासनकाल में हुए भ्रष्टाचार के चलते आलीशान भवनों और लग्जरी कारों में फर्राटे लेते नजर आ रहे हैं ऐसे लोगों की जाँच करा लें तो शायद कालेधन की दिशा में उठाया जा रहा उनका कदम सार्थक तो दिखाई देगा ही साथ ही देश में यह संदेश भी जाएगा कि मोदी का जहाँ स्वच्छता अभियान तो चल ही रहा है उसके साथ ही अब अपने उन सत्ता के दलालों और सत्ता का लाभ उठाने वाले नेताओं के चेहरों को बेनकाब कर वह यह बताना चाहते हैं कि सत्ता का कवच धारण कर लोग किस तरह से भ्रष्टाचार कर अपनी अकूत सम्पत्ति अर्जित करते हैं।
मोदी की इस तरह की कार्यवाही से देश के साथ-साथ विदेश में भी अच्छा संदेश जाएगा। इसी उम्मीद के साथ जापान में दिये मोदी के इस बयान के बाद जहाँ विपक्षी दल के नेता और जागरुक नागरिकों के साथ-साथ भाजपा के नेता काफी उत्साहित नजर आ रहे हैं और वह प्रदेश में भ्रष्टाचार की काली कमाई के चलते उन नेताओं और सत्ताधीशों के परिजनों को बेनकाब होते देखने का सपना संजोने में लगे हुए हैं देखना अब यह है कि इन लोगों की आशाओं को मोदी किस तरह से पंख लगाते हैं।
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