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पूनम आजाद ने रविवार (13 नवंबर) को आम आदमी पार्टी ज्वाइन कर ली। वह भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) से निलंबित नेता और सांसद कीर्ति आजाद की पत्नी हैं। पूनम आजाद ने 2003 ने कांग्रेस नेता शीला दीक्षित के खिलाफ बीजेपी से चुनाव भी लड़ा था। पूनम के करीबी लोगों का कहना है कि उन्होंने शीला को कड़ी टक्कर दी लेकिन फिर भी उन्हें पार्टी में वह महत्व नहीं दिया गया जिसकी वह हकदार थीं।
लोगों का कहना है कि ऐसा बर्ताव आजाद द्वारा बीजेपी नेताओं के खिलाफ चल रहे भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने के बाद शुरू हुआ था। पूनम ने रविवार को दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया और बाकी सीनियर नेताओं के सामने आम आदमी पार्टी ज्वाइन की। आप ने कहा कि पूनम पंजाब में होने वाले विधानसभा चुनाव में अहम भूमिका निभाएंगी। उस मौके पर पूनम ने कहा कि उन्होंने वित्त मंत्री अरुण जेटली की वजह से बीजेपी छोड़ी।
पूनम ने यह भी कहा कि आप में युवाओं को चमकने का मौका मिल सकता है। पार्टी ज्वाइन करने के बाद पूनम ने कहा, ‘मैं आप में भविष्य देखती हूं खासकर युवा लोगों के लिए। मैंने बीजेपी अरुण जेटली द्वारा किए गए बुरे बर्ताव की वजह से छोड़ी। बहुत बार वादा करने के बावजूद उन्होंने हमें टिकट नहीं दी। इसके साथ ही भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने पर उन्होंने मेरे पति को ही सस्पेंड कर दिया। बीजेपी दौहरा रवैया अपना रही है।’ पूनम ने 500 और 1000 के नोट को बंद करने के फैसला का भी समर्थन नहीं किया। उन्होंने कहा कि फैसले से आम लोगों को परेशानी हो रही है।
वहीं, इंडियन एक्सप्रेस के बात करते हुए कीर्ति आजाद ने कहा, ‘मैंने एक बार उसे राजनीति से दूर रहने के लिए राजी कर लिया था। लेकिन अगर मैं दोबारा ऐसा करूंगा तो मेरे खिलाफ महिला का शोषण करने का आरोप लग सकता है।’ उन्होंने आगे कहा, ‘मेरी पत्नी ने बीजेपी को इतने साल दिए लेकिन उसके काम को कोई पहचान नहीं मिली। इसको देखकर उसने खुद ही निर्णय लिया है। उसे दो बार विधानसभा का टिकट नहीं मिला क्योंकि बीजेपी के एक सीनियर नेता का नाम वहां से रिजर्व था। बेटे को भी एक बार एमसीडी का टिकट नहीं दिया गया।’
कीर्ति आजाद बिहार के दरभंगा से सासंद का चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंचे थे। उन्हें दिल्ली एंड डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट एसोसिएशन (DDCA) में भ्रष्टाचार की बात करने पर बीजेपी से सस्पेंड कर दिया गया था।
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