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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एक बार फिर रेडियो कार्यक्रम मन की बात के जरिए देशवासियों से रूबरू हुए। मन की बात के 28वां प्रसारण था। रविवार को मन की बात में सबसे पहले पीएम मोदी ने 30 जनवरी को महात्मा गांधी की जयंती पर सभी को 2 मिनट मौन रखने को कहा। इसके अलावा पीएम मोदी ने गणतंत्र दिवस पर कीर्ति चक्र और वीरता पुरस्कार प्राप्त करने वाले जवानों को बधाई थी। पीएम मोदी ने 26 जनवरी को हिमस्खलन में दबे भारतीय जवानों की मौत पर भी शोक व्यक्त किया।
परीक्षा को प्रेशर नहीं प्लेजर समझें
पीएम मोदी ने अपनी मन की बात कार्यक्रम में खासतौर से बोर्ड परीक्षाओं के लिए स्टूडेंट्स को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि परीक्षा से पहले हर छात्र, उसके पेरेंट्स और टीचर्स सभी परेशान नजर आते हैं। परीक्षा को लेकर स्टूडेंट्स के ऊपर सभी तरफ से प्रेशर बनाया जाता है। मगर मेरा मानना है कि परीक्षा एक उत्सव है। इसे पूरे उत्साह और खुशियों के साथ मनाएं। परीक्षा को जो प्लेजर मानेगा वो पायेगा और जो प्रेशर मानेगा वो पछताएगा। परीक्षा के समय भी पूरे परिवार, मित्रों और पड़ोसियों में एक उत्सव का माहौल होना चाहिए। मैं माता-पिता से आग्रह करूंगा कि इसे उत्सव की तरह बनाएं। तीन-चार महीने आप जितनी ज्यादा खुशी से बिताएंगे उतने ही ज्यादा नंबर पाएंगे।
रिलेक्स रहने से याद आ जाती हैं सालों पुरानी बातें
इसके साथ पीएम मोदी ने स्टूडेंट्स को परीक्षा के समय रिलेक्स रहने की सलाह दी। पीएम मोदी ने कहा कि मेरा अनुभव है कि जब हम रिलेक्स रहते हैं तब हमारी मेमोरी ज्यादा अच्छे से काम करती हैं। ऐसे में हमें सालों पुरानी बातें भी याद आने लगती है लेकिन टेंशन में हम याद की हुई चीजें भी भूलने लगते हैं। परीक्षा में अगर आप रिलेक्स रहेंगे तो आपकी मेमोरी भी आपके साथ रहेगी। पीएम मोदी ने कहा कि स्माइल मोर स्कोर मोर। उन्होंने कहा कि परीक्षा को कुछ स्टूडेंट्स जीवन-मरण का सवाल समझने लगते हैं। मगर ये आपके जीवन की कसौटी नहीं है। ये सिर्फ एक परीक्षा है। आपके जीवन में खुद को साबित करने के बहुत से अवसर आएंगे। परीक्षा का जीवन की सफलता और असफलता से कोई लेना-देना नहीं है।
जीवन ज्ञान से चलता है अंकों से नहीं
पीएम मोदी ने कहा कि आपने जो ज्ञान प्राप्त किया है आपका जीवन उसी से चलता है। परीक्षा में आपने कितने अंक प्राप्त किए उसे सफलता का कोई लेना-देना नहीं है। ज्ञान के पीछे भागिए। अंकों के पीछे भागना छोड़ दीजिए। अंक का बोझ आपको सही दिशा में जाने से रोक देता है। अगर अंक के पीछे पड़ गए तो आप शॉर्टकट पकडऩा चाहेंगे। अगर आप ज्ञान को केंद्र में रखते हैं तो आप खुद को बड़ा बनाएंगे। परीक्षा में टॉप करने वाले भी कभी-कभी जीवन में सफल नहीं होते और कम अंक प्राप्त करने वाले सफल हो जाते हैं।
प्रतिस्पर्धा नहीं अनुस्पर्धा करिए
उन्होंने कहा कि जीवन को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिस्पर्धा काम नहीं आती है। प्रतिस्पर्धा नहीं बल्कि अनुस्पर्धा करें। खुद को हर बार पहले से बेहतर बनाने की कोशिश करें। अनुस्पर्धा के लिए आत्म मंथन और आत्म चिंतन करें। दूसरों से खुद की तुलना करके या तो आप लापरवाह बन जाएंगे या फिर डिप्रेशन में चले जाएंगे। इससे बेहतर है कि खुद की कसौटी पर खरे उतरें। अभिभावकों को भी स्वीकारना, सीखाना और बच्चों के लिए समय निकालने की कोशिश करनी चाहिए। बच्चों को एग्जाम में हल्का और हंसी-खुशी का माहौल दें।
नकल करने से अपनी क्रिएटिविटी बर्बाद कर देंगे
पीएम मोदी ने बोर्ड परीक्षा में स्टूडेंट्स को मन की बात में नकल ना करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि हम नकल तभी करते हैं जब हमें खुद पर विश्वास नहीं होता। नकल हमें बुरा बनाती है। अगर एक बार आपको नकल की आदत पड़ गई तो आपको सीखने की इच्छा कभी नहीं होगी। कुछ लोग तो अपनी सारी क्रिएटिविटी नकल के तौर-तरीकों को ही खोजने में लगा देते हैं। ये सही नहीं है। पीएम मोदी ने ये स्टूडेंट्स से आखिर में ये भी कहा कि मेरी बातों को भी बोझ मत बनने दीजिए। जो हो सकता है करिए जो नहीं हो सकता वो ना करिए। परीक्षा के लिए शुभकामनाएं।
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