इसके बाद बच्ची के लाचार माता-पिता उसे किसी चिकित्सक को दिखाने पास के पिस्को शहर के एक अस्पताल ले गए। शुरू में सभी ने यही सोचा कि उसके पेट में कोई ऐसी बीमारी है, जिसके चलते उसका पेज बढ़ रहा है, लेकिन डॉक्टर उसके परीक्षण के बाद इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि वो सात माह की गर्भवती थी। डॉ. जेरार्दो लोजादा लीना की प्रेग्रेंसी की पुष्टि के लिए उसे अन्य विशेषज्ञों को दिखाने ले गए, वहां पर भी उसके गर्भवती होने की पुष्टि हुई।
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आखिरकार 14 मई 1939 को मदीना ने सीजेरियन(शल्यक्रिया) के द्वारा एक लड़के को जन्म दिया, क्योंकि सामान्य प्रसूति उसकी कोख (श्रोणि) के छोटे आकार के कारण संभव नहीं थी। शल्यक्रिया डॉ. लोजादा और डॉ. बुसालिऊ द्वारा की गई थी। खबरों की मानें, तो लीना के प्रेग्रेंट होने के पीछे उसके पिता पर उंगली उठाई गईं। उसके पिता को अरेस्ट भी कर लिया गया, लेकिन पर्याप्त सबूत न होने की वजह से लीना का पिता बरी हो गया। लीना ने कभी इस बात का खुलासा नहीं किया कि उसके बेटे का बाप कौन है। बताया जाता है कि लीना का बेटा 10 साल तक अपनी मां को बहन समझता था, लेकिन जब वह समझदार हुआ, तो उसे पता चला कि वह जिसे अपनी बहन समझता है, वही उसकी मां है। लीना का बेटा अब इस दुनिया में नहीं है। एक गंभीर बीमारी के चलते 40 साल की उम्र में उसकी मौत हो गई थी।
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