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सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत प्राप्त जानकारी के अनुसार चौरई नगरपालिका में LED बल्ब खरीदी में जमकर घोटाला किया गया है
लगभग 4000/- ( चार हजार )की LED को
19000 /- में खरीदा गया है उस हिसाब से 15 सेट LED बल्ब की खरीदी में 2,85000/- (दो लाख पच्यासी हजार ) का भुगतान किया गया है
प्राप्त जानकारी में व्यक्ति विशेष को लाभ दिलाते हुए चौरई न.पा.ने चौरई की ही एक इलेक्ट्रॉनिक दुकान से मात्र 36 , 38 महीने में बिजली सुधार( मेंटनेस ) के नाम पर लगभग 6,00000/- (छः लाख) रूपये का पेमेंट कर दिया गया है वो भी सिर्फ बिजली सूधार मेंटनेस के नाम पर
सबाल यह उड़ता है कि आखिर इन 36,38 महीनो में नगरपालिका में ऐसे कैसे CFL, ट्यूबलाइट, चोक, होल्डर, बल्ब एवं वायर लग रहे है जिसका खर्च मात्र 36,38, माह में लगभग 6 लाख 6 लाख रूपये हो रहा है
नागरालिका में एक भी डिप्लोमा धारी इलेक्ट्रिशियन नहीं है
नगरपालिका द्रारा अधिकांश कर्मचारियों को वयक्तिगत फ़ायदा पहुचाने के लिए मलाईदार विभाग का जिम्मा दे दिया गया है जिसका नतीजा यह है कि पम्प चौकीदार पम्प टेक्नीशियन बना है तो कही चपरासी वसूली बाबू बना है
योग्य इलेक्ट्रिशियन नहीं होने के कारण नगरपालिका द्रारा शासन को लाखों रूपये नुकशान हो रहा है ।
जिसका भौतिक सत्यापन कराया जाना आवश्यक हैं।
संजय राय (Rti Activist)
सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत प्राप्त जानकारी के अनुसार चौरई नगरपालिका में LED बल्ब खरीदी में जमकर घोटाला किया गया है
लगभग 4000/- ( चार हजार )की LED को
19000 /- में खरीदा गया है उस हिसाब से 15 सेट LED बल्ब की खरीदी में 2,85000/- (दो लाख पच्यासी हजार ) का भुगतान किया गया है
प्राप्त जानकारी में व्यक्ति विशेष को लाभ दिलाते हुए चौरई न.पा.ने चौरई की ही एक इलेक्ट्रॉनिक दुकान से मात्र 36 , 38 महीने में बिजली सुधार( मेंटनेस ) के नाम पर लगभग 6,00000/- (छः लाख) रूपये का पेमेंट कर दिया गया है वो भी सिर्फ बिजली सूधार मेंटनेस के नाम पर
सबाल यह उड़ता है कि आखिर इन 36,38 महीनो में नगरपालिका में ऐसे कैसे CFL, ट्यूबलाइट, चोक, होल्डर, बल्ब एवं वायर लग रहे है जिसका खर्च मात्र 36,38, माह में लगभग 6 लाख 6 लाख रूपये हो रहा है
नागरालिका में एक भी डिप्लोमा धारी इलेक्ट्रिशियन नहीं है
नगरपालिका द्रारा अधिकांश कर्मचारियों को वयक्तिगत फ़ायदा पहुचाने के लिए मलाईदार विभाग का जिम्मा दे दिया गया है जिसका नतीजा यह है कि पम्प चौकीदार पम्प टेक्नीशियन बना है तो कही चपरासी वसूली बाबू बना है
योग्य इलेक्ट्रिशियन नहीं होने के कारण नगरपालिका द्रारा शासन को लाखों रूपये नुकशान हो रहा है ।
जिसका भौतिक सत्यापन कराया जाना आवश्यक हैं।
संजय राय (Rti Activist)
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