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चुनाव से पहले बीजेपी ने अपना घोषणा पत्र जारी किया है. जिसमें कई वादें किए गए हैं. वहीं दूसरी ओर बीजेपी के घोषणापत्र को जारी होते ही बहुजन समाजवादी की मुखिया मायावती ने भी अपना सब्र तोड़ते एक एक बड़ा ऐलान किया है और बीजेपी पर जबरदस्त हमला बोला है. उन्होंने कहा है कि बसपा की तरफ से वो आगामी एक फरवरी से वह अपना चुनाव प्रचार शुरू करेंगी. इसके साथ ही उन्होंने कहा है कि बीजेपी का घोषणापत्र ‘झूठ का पुलिन्दा’ है.
मायावती ने शनिवार अपने संवाददाता सम्मेलन के दौरान यह कहा, ‘बीजेपी को घोषणा पत्र जारी करने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है. लोकसभा चुनाव के वादे ही पूरे नहीं किए हैं. नया चुनावी घोषणा पत्र जनता की आंखों में धूल झोंकने जैसा है. अगर बीजेपी सत्ता में आई तो दलित, पिछड़े वर्ग के लोगों का रिजर्वेशन खत्म कर देगी. अब ये लोग बीजेपी के बहकावे में आने वाले नहीं हैं. ऊना का दलित कांड भुलाया नहीं जा सकता है. पीड़ित परिवार को अब तक न्याय नहीं मिला है. बीजेपी पूरी तरह से जातिवादी पार्टी है. बीजेपी की सपा सरकार से मिलीभगत के चलते अल्पसंख्यकों का भी बुरा हाल है.’
उन्होंने यह भी कहा है, ‘लोकसभा चुनाव के दौरान जो वादे बीजेपी ने किए थे, उसका एक चौथाई हिस्सा भी पूरा नहीं किया है. इन लोगों ने महंगाई खत्म करने, बिजली 24 घंटे देने, रोजगार देने, 100 दिनों में कालाधन वापस लाने और हर अकाउंट में 15 लाख जमा कराने का वादा किया था, जो अब तक पूरा नहीं हुआ है. बीजेपी के लोग सपा की मिलीभगत से कभी संस्कृति तो कभी राष्ट्रवाद तो कभी परिवर्तन यात्रा के नाम पर नाटकबाजी करते रहे हैं. बीजेपी के लोग जबरन हमारे ऊपर आपराधिक छवि के लोगों को संरक्षण देने का आरोप लगा रहे हैं. लेकिन बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष खुद भी गंभीर मामलों में फंसे रहे हैं.’!
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