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म पुरी की मौत पर सस्पेंस बरकरार है। मौत से एक दिन पहले ओम पुरी ने अपनी PRO स्मिता सिंह से बातचीत की थी। स्मिता ने- स्मिता के मुताबिक, "करीब एक हफ्ते से मुझे ओम साहब कह रहे थे- मुझे अज्ञातवास पर लुंबिनि जाना है। जहां गौतम बुद्ध का जन्म हुआ था। मैं 15 दिन के लिए वहां जाऊंगा और किसी को नहीं बताऊंगा कि मैं कहां जा रहा हूं। वहां गांव में रहूंगा, मोमबत्ती और टॉर्च के सहारे गुजारा करूंगा। मैं वहां उसी पेड़ के पास बैठूंगा, जहां गौतम बुद्ध बैठा करते थे। मैं अपने शरीर को वहां त्याग दूंगा।"
- स्मिता ने बताया, “ओम पुरी पॉलिटिक्स में जाना चाहते थे। वे कहते थे- मैं एक पॉलिटिकल पार्टी भी बनाना चाहता हूं, जिसका नाम 'इंसानियत' रखा है। पार्टी के तहत कुछ खास नियम बनाऊंगा, जैसे कि अगर कोई एम्बुलेंस में जा रहा हो तो वो जल्दी से हॉस्पिटल पहुंच जाए।”
“देरी और ट्रैफिक की वजह से उसकी मौत ना हो। इस बात की मोदी जी भी सराहना करेंगे। एक बात और कहना चाहता हूं कि जब मेरी डेथ होगी ना, तो देखना मोदी जी ही पहले इंसान होंगे, जो शोक जताएंगे।” बता दें, ओम पुरी की मौत के बाद नरेंद्र मोदी ने ट्वीट करके शोक जताया था। बताया कि ओम पुरी अज्ञातवास के लिए लुंबिनी (नेपाल) जाना चाहते थे। वहीं वे शरीर छोड़ना चाहते थे। पुरी अपनी नेगेटिव इमेज बनने से भी दुखी थे।
स्मिता के मुताबिक, ओम नसीरउद्दीन शाह से आखिरी दिनों में खफा थे। बता दें कि ओम पुरी की बॉडी शुक्रवार सुबह उनके फ्लैट से मिली थी। सिर पर चोट के गहरे निशान थे। पुलिस मामले की जांच कर रही है
1. स्मिता के मुताबिक- ओम ने मुझसे कहा था, “नसीर साहब मुझे नहीं समझ पाए, मेरे बहुत पुराने मित्र हैं। पहले मुझे ओम पुरी के नाम से बुलाते थे और अब ओम कहकर बुलाते हैं। अब चाहे फिल्म इंडस्ट्री के लोग हो या मीडिया के लोग हों, मेरे जाने के बाद ही मेरी अहमियत समझेंगे और मेरे बारे में चीजों को खोजेंगे।”
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